प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय का सावरकर कॉलेज रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा. इस संस्थान को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था. कॉलेज का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर किए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने सावरकर के नाम पर कॉलेज का विरोध किया है.
Month: January 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. पहली परियोजना ईस्ट दिल्ली कैंपस की है, जो ईस्ट दिल्ली में बनेगा, दूसरी परियोजना वेस्ट दिल्ली कैंपस की है, और तीसरी परियोजना वीर सावरकर कॉलेज की है, जो रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा.ये परियोजनाएं अगले डेढ़ से दो साल में तैयार हो जाएंगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने लगभग 600 करोड़ रुपये की राशि दी है.
एक्टर सुधांशु पांडे को यह जेनरेशन टीवी शो अनुपमा की वजह से जानती होगी। कुछ…
एक डॉक्टर को लोग भगवान का रूप मानते हैं, उसे संकटमोचक समझते हैं, क्योंकि डॉक्टरों का धर्म इंसान को जिंदगी देना होता है. लेकिन यह कहानी एक ऐसे डॉक्टर की है, जिसने आज से 27 साल पहले मुंबई में मौत बांटी. उसकी शैतानी साजिश के चलते मुंबई में 167 लोगों की जान चली गई. अब वक्त उस डॉक्टर का हिसाब करने जा रहा है. भारत की किसी जेल में फांसी का फंदा उसका इंतजार कर रहा है.
Blinkit Ambulance: ब्लिंकिट ने नए साल पर नई पहल शुरू की है. इस नई पहल के तहत गुरुग्राम में लोग 10 मिनट में ऐप से ही एंबुलेंस सेवा मंगवा सकते हैं.
हाल ही में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों और वनकर्मियों की टीम ने 600-700 किलो के गैंडे के एक बच्चे को एक दलदल से सफलतापूर्वक बाहर निकाला. इस पूरी रेस्क्यू ऑपरेशन की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
तेजी से विकास की हमारी होड़ अक्सर हमें एक ऐसी अंधाधुंध दौड़ में धकेल देती है जिसका शुरुआती लाभ तो हमें काफ़ी दिखता है लेकिन दूरगामी नतीजों को हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. विकास का ऐसा ही एक मानक हम बड़े हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को मानते हैं जो हमें बिजली, पानी दोनों मुहैया कराते हैं लेकिन कई बार पर्यावरण पर पड़ने वाले उसके विपरीत असर बाद में हमें पछताने को मजबूर कर देते हैं.पर्यावरण की भारी क़ीमत पर ऐसे बड़े हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट तैयार करने में चीन सबसे आगे निकल गया है जिसने दुनिया का सबसे बड़ा थ्री गॉर्जेस बांध (Three Gorges dam) बनाया है. यह बांध इतना बड़ा है कि इसने धरती के अपनी धुरी पर घूमने की रफ़्तार को भी कुछ कम कर दिया है.
पति की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डी. रमेश की पीठ ने यह फैसला सुनाया. पति की तलाक की अर्जी निचली अदालत ने खारिज कर दी थी.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, महिला और उसकी सबसे छोटी बेटी की मौत गला दबाने के कारण दम घुटने से हुई. वहीं, तीन अन्य बहनों की मौत का कारण शॉक और अत्यधिक रक्तस्राव (हैमरेज) बताया गया है.
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में स्टेट इमरजेंसी लगी हुई, हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. देखा जाए तो HMPV बिल्कुल कोविड 19 की तरह ही है.