Multiple Credit Cards:अगर आप भी क्रेडिट कार्ड यूजर हैं, तो आप सोच रहे होंगे कि भारत में कोई व्यक्ति कितने क्रेडिट कार्ड रख सकता है.
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के आने से लोगों को काफी आसानी हो गई है. अब उन्हें महीने के आखिरी में कुछ खरीदने के लिए सैलरी आने का इंतजार नहीं करना पड़ता. इमरजेंसी के वक्त भी क्रेडिट कार्ड काफी काम आता है. क्रेडिट कार्ड का चलन आज इतना बढ़ गया है कि लोगों के पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड होना आज एक आम बात है. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड यूजर हैं, तो आप सोच रहे होंगे कि भारत में कोई व्यक्ति कितने क्रेडिट कार्ड रख सकता है. तो चलिए जानते हैं कि आप कितने क्रेडिट कार्ड रख सकते हैं और इसके फायदे और नुकसान क्या है.
भारत में कोई व्यक्ति एक साथ कितने क्रेडिट कार्ड अपने पास रख सकता है?
क्रेडिट कार्ड एक तरह का शॉर्ट-टर्म लोन (short-term loan) होता है जिसका इस्तेमाल खरीदारी (Shopping), बिल पेमेंट (Bill payments) और कैश विड्रॉल (Cash withdrawals) के लिए किया जा सकता है. भारत में कोई व्यक्ति एक साथ कई क्रेडिट कार्ड रख सकता है और इस पर कोई लिमिट नहीं है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक व्यक्ति को अपने पास उतने ही क्रेडिट कार्ड रखने चाहिए जितने वो मैनेज कर सके और ड्यू डेट (due date) पर उनका पूरा पेमेंट कर सके.
मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड के रखने के लिए पात्रता ( Eligibility for multiple credit cards)
ज्यादातर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां न्यूनतम 4-5 लाख रुपये की सालाना इनकम वाले आवेदकों को प्राथमिकता देती हैं. आवेदक नौकरीपेशा या उसका खुद का रोजगार होना चाहिए. हाई क्रेडिट स्कोर भी इसमें मदद करता है क्योंकि इससे आपकी एप्लीकेशन जल्दी मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है.
जानें मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड रखने के फायदे और नुकसान क्या हैं
मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड रखने के फायदे
मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड रखने का मतलब है कि आपकी ओवरऑल क्रेडिट लिमिट बढ़ जाना. बढ़ी हुई क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल आप ज्यादा कीमत की खरीदारी और एक्स्ट्रा खर्चों की फंडिंग के लिए कर सकते हैं.हर क्रेडिट कार्ड के कुछ यूनिक फीचर होते हैं. इसलिए कई कार्ड रखकर आप ज्यादा बेनिफिट हासिल कर सकते हैं, जैसे एयरपोर्ट लाउंज का एक्सेस.आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (credit utilization ratio) जो क्रेडिट स्कोर करने का एक खास फैक्टर होता है, कई कार्डों के इस्तेमाल से बेहतर हो सकता है. आप खर्चों को कई कार्डों में बांटकर इंडिविजुअल कार्ड का इस्तेमाल (individual card utilization) कम रख सकते हैं.
मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड रखते है तो इन बातों को ध्यान में रखें:
मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड रखने का मतलब है कि हर महीने के आखिर में आपको कई बिल रिसीव होंगे. जितने क्रेडिट कार्ड उतने ही बिल. अगर आप इन बिल का समय पर पेमेंट नहीं कर पाएंगे तो पेनल्टी तो लगेगी ही आप पर आर्थिक बोझ भी बढ़ सकता है. मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड खरीदते समय, लोगों को इस पर लगने वाले चार्जों के बारे में पता कर लेना चाहिए जैसे जॉइनिंग फीस (Joining fees), सालाना फीस (Annual fees), ट्रांजैक्शन चार्ज (Transaction charges) आदि. इसकी काफी संभावना है कि मल्टीपिल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है. क्योंकि अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर नहीं चुका पाएंगे तो आपकी लायबिलिटी बढ़ती जाएंगी. जिससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. क्रेडिट स्कोर खराब होने का मतलब है कि आगे चलकर आपको लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है.आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं क्योंकि कई क्रेडिट कार्ड रखने से आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ जाती है. जिससे लोग कई बार लापरवाह हो जाते हैं और ऐसी चीजें खरीद लेते हैं जिनकी उनको वास्तव में जरूरत ही नहीं होती है. इस तरह आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं
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