November 25, 2024
दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद हरियाणा में क्यों साथ आए और क्या है आगे का प्लान?

दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद हरियाणा में क्यों साथ आए और क्या है आगे का प्लान?​

Dushyant Chautala And Chandrashekhar Azad Interview: दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद की पार्टियों के बीच गठबंधन ने हरियाणा की राजनीति को चौंका दिया है. जानिए, दोनों का क्या है फ्युचर प्लान...

Dushyant Chautala And Chandrashekhar Azad Interview: दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद की पार्टियों के बीच गठबंधन ने हरियाणा की राजनीति को चौंका दिया है. जानिए, दोनों का क्या है फ्युचर प्लान…

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा की राजनीति में दो युवा चेहरे इस बार विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे हैं. एक उत्तर प्रदेश का है तो दूसरा हरियाणा का. दोनों 36 साल के हैं. सोशल मीडिया में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीटीवी से खास बातचीत की. यहां पढ़ें उनसे पूछे गए सवाल और जवाब….

प्रश्न- दुष्यंत पिछला विधानसभा चुनाव आपने अकेले लड़ा था और आप 10 सीट लेकर आए थे. इस बार ऐसा क्या हो गया कि आपको आजाद समाज पार्टी से गठबंधन करना पड़ा?
दुष्यंत- दो युवा साथ मिलकर चल रहे हैं और हम दोनों युवा 40-45 साल तक देश का नेतृत्व करेंगे.

प्रश्न-चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश में आप अपनी जड़ों को अभी भी मजबूत कर रहे हैं. अचानक ऐसा क्या लगा आपको कि हरियाणा में भी आप चुनावी मैदान में कूद पड़े?
चंद्रशेखर- उत्तर प्रदेश में हमारे संगठन का काम चल रहा है. दिल्ली की रैली में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा लोग हरियाणा के आए थे. दोनों भाइयों में बात हुई कि साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. दोनों किसान के हकों के लिए लड़ रहे हैं. आज जो पौधा हमने लगाया है, वो कल पेड़ बनेगा और हरियाणा अपने आप को आगे बढ़ाएगा. हमने जो काम करना चाहा, उनको मौका दिया है और देंगे.

प्रश्न-दुष्यंत पिछले चुनाव में आप जितने मजबूत दिख रहे थे, इस बार वैसी हवा आपके पक्ष में नहीं दिख रही है और आपके साथ के ज्यादातर एमएलए आपको छोड़कर चले गए?
दुष्यंत- जोश में कोई कमी नहीं है. लोगो में जोश है. पिछली बार सब एग्जिट पोल ने 0 सीट दिखाई, लेकिन अंत में हम 10 सीटों पर पहुंचे. अभी माहौल बनना शुरू हुआ है. 15 दिन बाकी हैं. हम बहुत मेहनत करेंगे और पहले से भी ज़्यादा ताकत लगाएंगे.

प्रश्न-चंद्रशेखर आप क्या सोचकर जेजेपी के साथ जुड़े. जातीय समीकरण आपको एक दूसरे के करीब लाया या फिर कुछ और बात है?
चंद्रशेखर- बीजेपी और कांग्रेस ने जो हाल हरियाणा का किया है, जहां भी उनकी सरकार है, वहां नौजवानों के क्या हाल हैं. किसानों के क्या हाल हैं.उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हो रहा है. किसान परेशान हैं. हरियाणा में किसानों के लिए 3000 पेंशन, लेकिन यूपी में 500 रुपये. 500 में कुछ भी नहीं हो सकता. जेजेपी ने हमेशा विचार के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया है. हमारी विचारधारा भाजपा कांग्रेस से अलग है. हम एक ही आयु वर्ग के हैं. ये जिस तरह से हरियाणा के लिए चिंतित हैं, हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों के लिए चिंतित हैं. भविष्य में गठबंधन बहुत बड़ा होगा.

प्रश्न-दुष्यंत आईएनएलडी ने बसपा के साथ समझौता किया है तो आपने आसपा के साथ. कोई खास वज़ह?
दुष्यंत- INLD का गठबंधन बीजेपी का करवाया हुआ है. बीजेपी ने मिलकर तीनों पार्टियों के साथ-साथ गांठ की है. 3 चुनाव हो चुके हैं. बसपा का 2% से भी कम वोट शेयर है. किसान कमेरो को ताकत देना है, इसलिए हमलोग मिले हैं. मनरेगा की शुरुआत हरियाणा की धरती से हुई थी. हम दोनों 36 के हैं. मिलकर चलेंगे तो देश को तरक्की के पथ पर लायेंगे.

प्रश्न-चंद्रशेखर आपके साथ युवा तो हैं, पर यह वोट में कितना ट्रांसफर हो पाएगा?
चंद्रशेखर-5 तारीख को वोट होंगे. जेजेपी को और आजाद समाज पार्टी गठबंधन पिछली बार से ज्यादा दुगनी से भी ज्यादा सीटों का प्रयास करेगा.

प्रश्न-दुष्यंत आप क्या उम्मीद कर रहे हैं. दोनों मिलकर हरियाणा में चुनावी मुकाबले में कहां पाते हैं खुद को?
दुष्यंत- 85 से ऊपर सीटें ऐसी हैं, जिसका त्रिकोणीय मुकाबला है. हमारे पास वो नंबर होंगे, जो प्रदेश को नेतृत्व दे देंगे.

प्रश्न-चंद्रशेखर यह भी कहा जा रहा है कि आप दोनों केवल विपक्ष का वोट काट रहे हैं और इसका फायदा बीजेपी को होगा?
चंद्रशेखर- जो विपक्ष खुद 10 साल से सरकार में नहीं आ पाया, उनके लिए आप हमसे बात कर रहे हैं. आप उनकी बात कर रहे हैं, जो खुद सीबीआई के घेरे में हैं. जो अपने आप को नहीं बचा सकता, हरियाणा को बचा लेंगे क्या. वो तो अपनी पार्टी के नेताओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं. उनकी पार्टी के वंचित वर्ग के नेताओं के ख़िलाफ़ किस तरह का भाषा का प्रयोग, उनकी पार्टी के लोग कर रहे हैं वो देखिए. ये भावनाएं हमने पंजाब में भी देखी थीं. जो अपनी पार्टी का सम्मान नहीं कर रहे. वो इन किसानों को क्या देंगे.

प्रश्न-दुष्यंत कहा जा रहा है कि जितने लोग बीजेपी से नाराज नहीं हैं, उतने आपसे खफा हैं?
दुष्यंत- नाराज़गी अपनों से होती है और मनाया भी अपने ही करते हैं. जिन्होंने डांटा है, वही गले लगाएंगे. 2 करोड़ वोटर हैं. अपने हैं. सब मानता हूं किसान आंदोलन की नाराजगी है. वो परिस्थिती जनता समझ चुकी है. अगर मैं इस्तीफा दे देता तो किसानों के हित में कुछ नहीं होता. आज 7 विधायक भागे हैं मेरे इस्तीफा देने से, सब उसी दिन भाग जाते.

प्रश्न- चंद्रशेखर आप दलितों और अल्पसंख्यक की आवाज जोरशोर से उठाते रहे हैं. हरियाणा में भी क्या आप इन लोगों की आवाज बुलंद करेंगे?
चंद्रशेखर- हमें अपने लोगों की चिंता है. उनकी नहीं जो राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां हैं. जिनके फैसले दिल्ली से होते हैं. वोट तो हरियाणा की जनता देगी, लेकिन कुर्सी पर कौन बैठेगा, उसका फैसला दिल्ली वाले नही करेंगे. हरियाणा वालों के फैसले हरियाणा में करने चाहिए और हमने अपना फैसला कर लिया है. अगर आजाद समाज पार्टी और जेजेपी गठबंधन आगे बढ़ता है तब दुष्यंत चौटाला उसका नेतृत्व करेंगे. जो हरियाणा जीतेगा वो चंडीगढ़ में बैठ कर ये देखेगा कि किसान किसी के दफ्तर के बाहर जाके खड़ा ना हो. किसान अपने परिवार की आर्थिक स्थिति और बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान नहीं होगा. पिछली बार से ज़्यादा काम इस बार हमलोग करेंगे.

प्रश्न-दुष्यंत आपके चाचा कह रहे हैं कि आपने अपने पिताजी और दादा जी को धोखा दिया है?
दुष्यंत- मेरे चाचा से आपने ये पूछा कि मैंने पार्टी छोड़ी हो या पार्टी ने मुझे निकाला. पिछले 6 साल से मेरे खिलाफ़ इसके सिवा उन्होंने कोई आरोप लगाया है? 6 साल में उन्होंने मनोहर लाल, सैनी, हुडा किसी के खिलाफ नहीं बोला. उनका एकमात्र लक्ष्य यही था कि दुष्यंत को कैसे रोका जाए? उन्होंने कहा था मुख्यमंत्री उम्मीदवर उचाना से आएंगे. इंतज़ार कर रहा था तो स्वयं आ जाते तो और बढ़िया होता…वो तो मैदान छोड़ के भाग गये. वो उचाना से भी भागे और इस बार ऐलनाबाद से भी उन्हें भगाने का काम किया जाएगा.

प्रश्न- चंद्रशेखर क्या मानें, हरियाणा में जैसे आपने छोटे दलों के साथ गठबंधन किया, वैसा ही दूसरे राज्यों में भी करेंगे. और कहां-कहां लड़ेंगे आप. कोई रणनीति तय की है आपने?
चंद्रशेखर-किस आधार पर छोटा मानूं. हम छोटे-बड़े का खेल नहीं मानते. जनता जिसके सर पे हाथ रखेगी, वही बड़ा हो जाएगा. जो बड़े नेता हैं, वो मां के पेट से नहीं बने हैं. जनता ने आशीर्वाद देकर बनाया है. जनता ने पिछली बार 10 सीटें दी. 5 सीट से दुष्यंत दूसरे नंबर पर थे. अगर जनता का आशीर्वाद बढ़ेगा, तो हरियाणा में बड़े लेवल पर रहेंगे. जिसके अंदर बदलाव का बल है, जिसके अंदर परिवर्तन का जुनून है, उसी के साथ हाथ मिलाने का मजा है. हम संघर्ष करने वाले लोगों के साथ हाथ मिलाते हैं.

प्रश्न-दुष्यंत कांग्रेस दावा कर रही है कि उसके पक्ष में हवा है तो बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने की बात कर रही है. आप क्या कहना चाहेंगे?
दुष्यंत- मुझे पक्ष की हवा बहती हुई कभी दिखी नहीं. बीजेपी कहती थी पक्ष में हवा है. 240 से आगे नहीं पहुंची. यही कांग्रेस थी जो 2014 में सरकार तीसरी बार लाने का वादा कर रही थी और नेता प्रतिपक्ष 10 साल बाद बन पाई. जनता बहुत समझदार है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि किसानों को ताकत देने के लिए जनता इस गठबंधन को 5 तारीख को वोट देगी और जीतेंगे हम.

प्रश्न-चंद्रशेखर अगर आपके गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है तो किसी को सपोर्ट करेंगे या विपक्ष में बैठेंगे?
चंद्रशेखर- ये जोड़ी को लोग देखना पसंद करते हैं और ये जोड़ी मेहनत कर रही है और हमारा लक्ष्य हरियाणा में ज्यादा से ज्यादा सीटों को जीतने का है. यहां कांग्रेस 89 सीटों पर लड़ रही है और बीजेपी भी अब तक 89 सीट पर हैं. हम किसान परिवार से आते हैं. बंजर भूमि पर मेहनत करके बीज डालते हैं. बाकी कुदरत के ऊपर छोड़ देते हैं.

दुष्यंत बीच में बोलते हैं- ये 8 को पता चलेगा कि बहुमत आती है या क्या नंबर आता है. हमारा काम शुरू करना है. मेहनत करके हम वो अंकड़ा लाएंगे, जिसमें हमारे गठबंधन की सरकार बने. हमारा लक्ष्य 46 प्लस सीटों का है.

प्रश्न-हरियाणा की जनता से क्या कहना चाहेंगे?
चंद्रशेखर- मैं हरियाणा की जनता से ये मांग करता हूं कि हरियाणा को एक मजबूत नेतृत्व मिला है और हरियाणा की जनता अगर अपने मुद्दों की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है और परिवर्तन लाना चाहती है तो उन्हें हमे वोट करना चाहिए. हमारी राजनीति लोगों की सेवा करने के लिए है और हम दिन रात बिना रुके कर रहे हैं. मेरा विश्वास है जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा. वो हमें मौका दें, जो काम 50 साल में नहीं हुआ वो 5 साल में होगा.

दुष्यंत- 5 साल के भविष्य के लिए आपको ये देखना है कि किसने काम करके दिखाया है. कांग्रेस का शासन भी जनता ने देखा है. जिसकी ज़मीन लूट गई, गोलियां चलीं, कर्मचारियों को पीटा गया, लोगों को गाड़ी के अंदर जिंदा जला दिया गया. वो भूला नहीं हैं कोई और बीजेपी का शासन भी देख लिया. जिसके अंदर जाति आंदोलन, किसान आंदोलन सब देखने को मिला. अब समय है कि इन राष्ट्रीय पार्टियों से देश को निजात दिलाएं.

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