November 24, 2024
दिल्ली में केजरीवाल अब जंतर मंतर पर मांगेंगे 'इंसाफ', 22 को जनता की अदालत का आयोजन

दिल्ली में केजरीवाल अब जंतर-मंतर पर मांगेंगे ‘इंसाफ’, 22 को जनता की अदालत का आयोजन​

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा था कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब दिल्ली के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” देंगे.

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा था कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब दिल्ली के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” देंगे.

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल रविवार (22 सितंबर) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर “जनता की अदालत” का आयोजन करेंगे. इस साल मार्च में केजरीवाल भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार हुए थे और पांच महीने से अधिक समय तक जेल में थे. हाल ही में केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर आए हैं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था.

इस्तीफे का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि वे “ईमानदारी की उनकी राजनीति” के आधार पर उनके भविष्य का फैसला लें, वो जनता की अदालत में जाएंगे. अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद अब रविवार को आप जनता की अदालत का आयोजन करने वाली है. जंतर-मंतर पर 11 बजे जनता की अदालत का आयोजन होगा और इस दौरान केजरीवाल लोगों को संबोधित करेंगे.

आतिशी को चुना मुख्यमंत्री

हाल ही में सीएम आवास पर आप विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री की कमान सौंपे जाने का फैसला सर्वसम्मति से किया गया था. आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने वाली तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी सीएम पद पर रह चुकी थीं.

केजरीवाल पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आए थे. उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के रूप में अपनी छवि कायम की थी, जो अपने उसूलों को दिल के करीब रखता है. साल 2000 में आयकर विभाग की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता के रूप में काम किया और दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को समझने के लिए उनके बीच रहे. 2011 में वह अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जुड़ गए.

दिसंबर 2013 में केजरीवाल ने पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. महज 49 दिन बाद, 14 फरवरी 2014 को गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के उनके प्रमुख प्रोजेक्ट ‘जनलोकपाल बिल’ का विरोध करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

वर्ष 2013 में चुनावी राजनीति में दस्तक देने वाली ‘आप’ ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 28 पर कब्जा जमाया था. अब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. दिल्ली में ‘आप’ केजरीवाल की लोकप्रियता के बल पर 2015 और 2020 में क्रमश: 67 और 62 विधानसभा सीट जीतकर सरकार बनाने में सफल रही.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.