क्वाड की बैठक के बाद सभी देशों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया. इस साझा बयान में सभी देशों ने एक साथ एक सुर में बैगर नाम लिए चीन पर निशाना साधा और कहा कि दक्षिण चीन सागर में जो कुछ हो रहा है वो कहीं से भी सही नहीं है.
दिल की बात मुंह तक आ ही जाती है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आजकल इसके लिए कुछ ज्यादा ही सुर्खियां बटोर रहे हैं. मौका QUAD समिट का था. डिक्लरेशन में निशाने पर चीन था, लेकिन इशारों-इशारों में. चीन का सीधा जिक्र इसमें नहीं था. दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में चीनी चालांकी को लेकर इशारों में चीन को खूब हड़काया गया था पर… इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि चीन को अब मिर्ची लगनी तय है. बाइडन के मुंह से दिल की बात निकल गई. उन्हें लगा कि माइक बंद है और चीन पर उन्होंने सीधी-सीधी बात कह डाली.
आपको बता दें इस सम्मेलन के दौरान सभी नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती खौफ पैदा करने वाली गतिविधियों को लेकर भी अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की. इस सम्मेलन में सभी देशों ने एक सुर में कहा कि हम अन्य देशों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों का विरोध करते हैं. हमें लगता है कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए.
संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं. हम विवादित विशेषताों के सैन्यीकरण और चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता फिर से व्यक्त करते हैं. हम खतरनाक युद्धाभ्यासों के बढ़ते उपयोग सहित तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग की भी निंदा करते हैं.
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