स्क्रीनिंग में सामने आया कि 9, 058 बच्चों को स्टंटिंग है जबकि 6,079 वेस्टिंग से जूझ रहे हैं. दोनों बाल कुपोषण के दो रूप हैं. इतना ही नहीं, 1,830 बच्चों सीवियर वेस्टिंग से जूझते पाए गए.
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले करीब 1 लाख 30 हजार लोग डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं. एक हालिया सर्वे रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है. फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम के तहत देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में किए गए सर्वे में सामने आया है कि गांव में रहने वाले 78, 828 लोगों को हाइपरटेंशन है जबकि 52, 869 लोगों को डायबिटीज की समस्या है.
फैमिली अडॉप्टशन प्रोग्राम क्या है?
दरअसल, फैमिली अडॉप्टशन प्रोग्राम के तहत करीब पांच सौ मेडिकल कॉलेज ने गांवों को एडॉप्ट किया था. अडॉप्ट किए गए गांवों में करीब 12 लाख की आबादी के गैर संचारी रोगों पर अध्ययन किया गया था, जिसमें महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों और बच्चों में एनीमिया, डायबिटीज और हाइपरटेंशन की जांच की गई. जांच में 6 महीने से लेकर 60 साल के ऊपर तक के बुजुर्गों को शामिल किया गया था.
10,340 बच्चे अंडरवेट और 2, 869 बच्चों में ओवरवेट की समस्या:
स्क्रीनिंग में सामने आया कि 9, 058 बच्चों को स्टंटिंग है जबकि 6,079 वेस्टिंग से जूझ रहे हैं. दोनों बाल कुपोषण के दो रूप हैं. इतना ही नहीं, 1,830 बच्चों सीवियर वेस्टिंग से जूझते पाए गए. वहीं, 10,340 बच्चे अंडरवेट और 2, 869 बच्चों में ओवरवेट की समस्या देखी गई.
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24 प्रतिशत महिला मोटापे से ग्रस्त:
इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला कि बीएमआई और फैट के लिए जांच की गई 2,78,622 महिलाओं में से 14 प्रतिशत कम वजन वाली थीं जबकि 24 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त थीं, इसी तरह 261568 पुरुषों में से 12 प्रतिशत कम वजन वाले थे जबकि 22 प्रतिशत मोटे थे.
38 प्रतिशत गैर-गर्भवती महिलाओं को एनीमिया:
सर्वेक्षण में 6 से 59 महीने के 40,829 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई तो पता चला कि 31 प्रतिशत को एनीमिया है. जबकि गैर-गर्भवती महिलाओं की इस श्रेणी में 38 प्रतिशत एनीमिया से पीड़ित पाई गईं. लगभग 19 प्रतिशत पुरुष एनीमिया से पीड़ित पाए गए.
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