जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) ने कहा कि राज्य सरकार हमें सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रही है और यही कारण है कि सगोरे दत्ता अस्पताल में हमला हुआ.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) ने आरजी कर मामले की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को होने वाली सुनवाई के बाद राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण रूप से ‘काम बंद’ करने का निर्णय लिया है. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में हमलों से पता चलता है कि राज्य सरकार हमारी सुरक्षा करने में विफल रही है. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हमारी सुरक्षा को लेकर दिए गए आश्वासन से हमें कोई उम्मीद नहीं है. यह फैसला सगोरे दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों और तीन नर्सों पर हमले के बाद लिया गया है.
जूनियर डॉक्टरों में से एक ने कहा, “राज्य सरकार हमें सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रही है और यही कारण है कि सगोरे दत्ता अस्पताल में हमला हुआ. हम राज्य को कुछ वक्त दे रहे हैं और सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान हमारी सुरक्षा के संबंध में उनकी दलीलें सुनना चाहते हैं और फिर शाम 5 बजे से हम पूरे बंगाल के सभी अस्पतालों में पूरी तरह से ‘काम बंद’ करना शुरू कर देंगे.”
अस्पतालों में हम सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं : जूनियर डॉक्टर
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ हमारी बैठकों को गंभीरता से नहीं लिया गया. मरीजों के परिवार के सदस्य हमारी महिला सहकर्मी को आरजी कर अस्पताल हादसे को दोहराने की धमकी कैसे दे सकते हैं. अस्पतालों में हम सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. हमने राज्य सरकार से सारी उम्मीदें खो दी हैं.”
सगोर दत्ता अस्पताल में डॉक्टरों पर हमले के बाद जूनियर डॉक्टरों की आम सभा की बैठक हुई और इसके बाद ही इन फैसलों की घोषणा की गई. वहीं शुक्रवार की घटना के तुरंत बाद सगोर दत्ता अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने वहां पूर्णरूप से काम बंद कर दिया.
सगोर दत्ता अस्पताल की घटना के विरोध में निकालेंगे रैली
सगोर दत्ता अस्पताल की घटना के विरोध में रविवार को जूनियर डॉक्टर राज्य भर में रैली निकालेंगे. एक डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा, “हमारी सुरक्षा के आश्वासन कहां गए. हम एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे.”
जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिनों के अंतराल के बाद 21 सितंबर को पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी फिर से शुरू की थी. वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ऑन-ड्यूटी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना का विरोध कर रहे थे.
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