November 22, 2024
Covishield vaccine in India

वैक्सीन लगवाने के बाद दिखे ये लक्षण तो तत्काल करें रिपोर्ट, आई ब्लीडिंग और थक्का जमने की शिकायत

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर आई रिपोर्ट के बाद सरकार ने वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वैक्सीन से नुकसान बेहद कम या नही के बराबर है लेकिन फायदा बहुत है। भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार वैक्सीनेशन की माॅनिटरिंग कर रही है और किसी प्रकार के खतरों को लेकर सतर्क भी है।

नई दिल्ली। कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) लेने के बाद देशभर से करीब 26 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें ब्लीडिंग और क्लाॅटिंग की शिकायतें मिली है। देश में अपने तरह की यह पहली रिपोर्ट है। हालांकि, विश्व के कई देशों में ऐसी शिकायतें पहले ही मिल चुकी है। इन शिकायतों के बाद कई देशों ने अपने यहां संबंधित वैक्सीन को बैन भी कर दिया है। फिलहाल भारत में मिले रिपोर्ट्स की एनालिसिस के बाद भारत सरकार ने दावा किया है कि यह बेहद मामूली है और इसको ठीक किया जा सकता है। रिपोर्ट के बाद सरकार ने एडवाइजरी जारी कर वैक्सीनेशन के बाद कुछ लक्षणों के सामने आने पर तत्काल सूचना देने की बात कही है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही है।

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नेशनल एईएफआई कमेटी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को दी रिपोर्ट

नेशनल एईएफआई कमेटी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट उस समय आई है जब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर कई देशों में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। कई देशों ने इस वैक्सीन को अस्थायी रूप से तबतक बैन किया हुआ है जबतक वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट न आ जाए।

इस तरह हजारों शिकायतों की हुई पड़ताल

स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपे गए रिपोर्ट के अनुसार 3 अप्रैल तक 75435381 वैक्सीन डोज भारत में दिए गए जिसमें कोविशील्ड (Covishield vaccine)-68650819 और कोवैक्सिन-6784562 डोज शामिल थे। वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारंभ होने के बाद 23000 एडवर्स केस रिपोर्ट मिले। को-विन प्लेटफार्म से देश के 753 जिलों में 684 रिपोर्ट गंभीर/गंभीरतम प्रवृत्ति के थे। डेटा के अनुसार 9.3 केस प्रति दस लाख पर रिपोर्ट किए गए। जब एईएफआई कमेटी ने इन सभी केस को रिव्यू किया गया तो 498 केसों को गंभीर माना गया। इन 498 केस की स्टडी में 26 केस ऐसे मिले जो थ्रोम्बोम्बोलिक पाया गया। जिसमें मस्तिष्क में खून के थक्के देखे गए हैं। ये लोग कोविशील्ड वैक्सीन लगाए थे। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार आंकड़ों के हिसाब से 0.61 केस प्रति मिलियन डोज हुआ।

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Covishield vaccine भारत में अन्य देशों से कम जोखिम

भारत में एईएफआई की रिपोर्ट के अनुसार थ्रोम्बोम्बोलिक की घटना बहुत कम है लेकिन यह एक निश्चित जोखिम/खतरा है। हालांकि, भारत में यह दर बहुत कम 0.61/मिलियन डोज है जबकि यूके में 4केस/मिलियन है। जर्मनी में 10 केस/मिलियन डोज है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

कोई भी वैक्सीन विशेषकर कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) लगाने वालों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी किया है। मंत्रालय ने हेल्थकेयर वर्कर्स और वैक्सीन लगवाने वालों को एडवाइजरी से बताया गया है कि वैक्सीन लगाने के 20 दिनों के अंदर अगर निम्नलिखित लक्षण दिख रहे हो तो तत्काल रिपोर्ट करें।

  • सांस फूलना
  • सीने में दर्द
  • अंगों में दर्द/अंगों को दबाने में दर्द
  • अंगों में सूजन
  • इजेक्शन जहां लगा है के आसपास या कहीं सूई की नोक के बराबर लाल धब्बे या त्वचा पर चोट
  • उल्टी या पेटदर्द
  • कोई दौरा
  • उल्टी के साथ बिना इसके ही सिरदर्द
  • किसी भी अंग या कुछ हिस्से में कमजोरी या पैरालिसिस
  • आंखों से अचानक धुंधला या कम दिखना
  • मानसिक स्थिति में बदलाव/भ्रम/उदासी
  • कोई अन्य लक्षण जो गंभीर स्थिति को दर्शा रहा

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Covishield vaccine को लेकर सरकार ने कहा फिर भी वैक्सीनेशन से फायदा है

कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) को लेकर आई रिपोर्ट के बाद सरकार ने वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वैक्सीन से नुकसान बेहद कम या नही के बराबर है लेकिन फायदा बहुत है। भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार वैक्सीनेशन की माॅनिटरिंग कर रही है और किसी प्रकार के खतरों को लेकर सतर्क भी है। अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराया जाए ताकि कोविड जैसी महामारी को दूर किया जा सके।

हालांकि, कई देशों में ऐसे मामले आने के बाद लगा प्रतिबंध

जर्मनी, फ्रांस और कनाडा में एस्ट्रोजेनेका की कोरोना वैक्सीन में यह शिकायतें आने के बाद वहां अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था। हाॅप्किन्स मेडिसिन्स के अनुसार सीवीएसटी के कारण ब्लड सेल्स टूट सकती हैं और मस्तिष्क की कोशिकाओं में खून लीक हो सकता है जिससे बे्रन हैमरेज का भी खतरा हो सकता है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ और यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने भी वैक्सीन के फायदे ही देखने की बात को दोहरा रहे हैं।

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