हाल ही में सोशल मीडिया पर एक एंप्लॉय की आपबीती ने लोगों का ध्यान खींच रखा है, जिसे उसने रेडिट पर शेयर किया है. बताया जा रहा है कि, एंप्लॉय को कुछ कारणों की वजह से नौकरी से हाथ तक धोना पड़ गया.
क्या वही एंप्लॉय अच्छा होता है, जो ऑफिस का टाइम पूरा होने के बाद भी ऑफिस में ही रुका रहे या वो एंप्लॉय बेहतर होता है, जो समय पर काम पूरा करे और समय पर ऑफिस से निकल जाए. एंप्लॉय और मैनेजमेंट के बीच ये हमेशा ही बहस का मुद्दा रहा है. मैनेजमेंट अक्सर उन एंप्लॉइज को पसंद करता है, जो अपने काम को अतिरिक्त समय देते हैं और अगर एंप्लाइज ऐसा करने इंकार कर देते हैं, तो उन्हें मैनेजमेंट की नाराजगी का शिकार भी होना पड़ता है. एक ऐसे ही एंप्लॉय को तो इस वजह से नौकरी से हाथ तक धोना पड़ गया. इस एंप्लॉय ने बिना अपना नाम बताए रेडिट पर अपनी आपबीती शेयर की है.
20 घंटे एक्स्ट्रा काम करने का था प्रेशर
इस एंप्लॉय ने बताया कि उनका बॉस उन्हें ऐसा काम देना चाहता था, जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत ज्यादा समय देना पड़ता. एंप्लॉय ने इसके लिए इंकार किया, तो बॉस ने दूसरे एंप्लॉय का एग्जांपल दिया और कहा कि, वो रात दो बजे तक मीटिंग्स करती है, लेकिन इस एंप्लॉय ने उस को वर्कर की तरह काम करने से इंकार कर दिया और कहा कि, हो सकता है वो उससे तिगुना कमाती भी हो. इस बहस के कुछ ही दिन बाद उस एंप्लॉय के पास एचआर का फोन आ गया, जिसके बाद वो समझ गया कि उसकी नौकरी जाने वाली है. ये हालात तब बने जब ये एंप्लॉय अपनी टीम के साथ कंपनी को रिकॉर्ड तोड़ रेवेन्यू दिला चुका था.
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हिम्मत से किया सामना
एंप्लॉय ने बताया कि उसने बहुत हिम्मत से इन हालातों का सामना किया, जबकि वो इस दौरान बहुत जबरदस्त ट्रॉमा से गुजरा. उसे किसी तरह की डिसेबिलिटी भी है, जिस वजह से वो मैनुअल लेबर नहीं कर सकता है, फिर भी अब वो इन सब बातों से उभर चुका है. उसकी ये बातें पढ़ कर बहुत से यूजर्स ने उसकी हौसलाफजाई की और लिखा की वर्क प्लेस पर काम के हालात में वाकई सुधार की जरूरत है.
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