November 25, 2024
कब्र खोद दी गई... सपुर्द ए ख़ाक की तैयारी भी थी पूरी... दफनाने से पहले जिंदा निकला शख्‍स

कब्र खोद दी गई… सपुर्द-ए-ख़ाक की तैयारी भी थी पूरी… दफनाने से पहले जिंदा निकला शख्‍स​

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पर एक शख्‍स की कब्र खोदी दी गई थी और उसे दफनाने की पूरी तैयारी थी, लेकिन वह शख्‍स जिंदा निकला. (सलमान आमिर की रिपोर्ट)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पर एक शख्‍स की कब्र खोदी दी गई थी और उसे दफनाने की पूरी तैयारी थी, लेकिन वह शख्‍स जिंदा निकला. (सलमान आमिर की रिपोर्ट)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सिद्धार्थ नगर जिले में एक शख्‍स को मुर्दा मानकर दफनाने की तैयारी चल रही थी. कब्र खोद दी गई थी और गांव में सपुर्द-ए-ख़ाक की भी पूरी तैयारी पूरी कर ली गई थी. हालांकि वह शख्‍स जिंदा निकला. यह घटना डुमरियागंज के सीकहरा गांव की है, जहां पर उस शख्‍स के जिंदा होने से गमगीन परिवार को राहत मिली है तो वहीं इस घटना की हर कोई चर्चा कर रहा है. अब उस शख्‍स को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

स्‍थानीय लोगों ने बताया कि सीकहरा गांव के रहने वाले अकरम की मुंबई में अचानक तबीयत खराब हो गई. उसे मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पता चला कि उसे हार्ट अटैक आया है.

करीब 24 घंटे तक अकरम का मुंबई के एक अस्पताल में इलाज किया गया और फिर डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया. घरवालों ने समझा कि उसकी मौत हो गई है और उन्होंने इसकी सूचना सीकहरा गांव में उनके परिजनों को दी और एंबुलेंस से गांव के लिए रवाना हो गए.

अकरम को देखकर लोगों को हुआ शक

उन्‍होंने बताया कि गांव के लोगों ने अकरम की मौत की सूचना मिलने के बाद कब्र तक खोद कर तैयार कर दी. आज तड़के सुबह करीब तीन बजे जब उसे लेकर एम्‍बुलेंस गांव पहुंची तो लोगों को शक हुआ कि उसकी सांसे चल रही है.

इस बीच लोग उसके जिंदा होने की बातें करते रहे. करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद जब उसे नहलाने की तैयारी शुरू हुई तो किसी व्यक्ति ने उसके होठों को हिलते देखा और आनन-फानन में उसे डॉक्टर को दिखाया गया.

डॉक्‍टर ने चेकअप के बाद हुआ यकीन

गांव के लोगों ने बताया कि डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे जीवित बताया और पास के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. हालत चिंताजनक होने पर उसे पहले बस्ती और बाद में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. अकरम का इलाज गोरखपुर के अस्पताल में हो रहा है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.

गांववालों ने अगर ठीक से नहीं देखा होता और उस वक्‍त उसकी सांस चलती नजर नहीं आती तो आज अकरम शायद मनों मिट्टी के नीचे दफन हो गया होता.

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