November 25, 2024
'ये इतना वीभत्स कि बताना भी अभद्रता' : Ott प्लेटफॉर्म पर संघ प्रमुख ने और क्या कहा?

‘ये इतना वीभत्स कि बताना भी अभद्रता’ : OTT प्लेटफॉर्म पर संघ प्रमुख ने और क्या कहा?​

Mohan Bhagwat On OTT Platform: संघ प्रमुख का कहना है कि संस्कार देने वाली व्यवस्था को पुनर्स्थापित, समर्थ और सक्षम बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो पेट भरने के साथ ही छात्रों के व्यक्तित्व विकास का भी काम करे.

Mohan Bhagwat On OTT Platform: संघ प्रमुख का कहना है कि संस्कार देने वाली व्यवस्था को पुनर्स्थापित, समर्थ और सक्षम बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो पेट भरने के साथ ही छात्रों के व्यक्तित्व विकास का भी काम करे.

विजय दशमी के मौके पर संघ मुख्यालय नागपुर से अपने संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म (RSS Chief Of OTT Platform) भी शामिल रहा. उन्होंने कहा कि ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म पर बेकार की बातें आती हैं. इनका कंटेंट इतना वीभत्स होता है कि इसे बताना भी अभद्रता होगी. उन्होंने OTT जैसे प्लेटफॉर्म पर कानूनी नियंत्रण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस पर कानून का नियंत्रण बोना बहुत जरूरी है.

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OTT प्लेटफॉर्म की वजह से घट रहे संस्कार

संघ प्रमुख ने लोगों में संस्कार कम होने का एक बड़ा कारण ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म्स को बताया. उन्होंने कहा कि ये भी एक बड़ी वजह है, जिसकी वजह से संस्कार आज घटते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब जीवन में यही संस्कार आ जाते हैं, तो इसका दूसरा पहलू सामाजिक और नागरिक जीवन भी है.

संस्कार कहां मिलते है, संघ प्रमुख ने बताया

संघ प्रमुख ने कहा कि जहां तक संस्कारों के क्षरण का सवाल है तो ये संस्कार तीन जगहों पर मिलते हैं. संस्कार प्रदान की व्यवस्था को पुनर्स्थापित व समर्थ, सक्षम करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धति पेट भरने की शिक्षा देने के साथ साथ छात्रों के व्यक्तित्व विकास का भी काम करती है . अपने देश के सांस्कृतिक मूल्य सारांश में बताने वाला एक सुभाषित है.

जहां तक संस्कारों के क्षरण का प्रश्न है, तीन स्थानों पर – जहां से संस्कार मिलते हैं, – संस्कार प्रदान की व्यवस्था को पुनर्स्थापित व समर्थ, सक्षम करना पडेगा । शिक्षा पद्धति पेट भरने की शिक्षा देने के साथ साथ छात्रों के व्यक्तित्व विकास का भी काम करती है । अपने देश के सांस्कृतिक… pic.twitter.com/uJeJlrrFW2

— RSS (@RSSorg) October 12, 2024

ऐसे लोगों को शिक्षित मानता है समाज

संघ प्रमुख ने कहा कि शिक्षित उसे माना जाता है जो महिलाओं को माता समान समझता है. पराए धन को मिट्टी समान मानता है और खुद की मेहनत और सन्मार्ग से ही धनार्जन करता है. इंसान का आचरण ऐसा जिससे दूसरों को दु:ख कष्ट न पहुंचे. इस तरह का व्यहार जिस मनुष्य का होता है, उसे ही शिक्षित कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस तरह के मूल्यों वाली शिक्षा की व्यवस्था के हिसाब से पाठ्यक्रम की कोशिश की जा रही है. लेकिन प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों के उदाहरण की मौजूदगी के बिना यह शिक्षा प्रभावी नहीं होगी, इसलिए शिक्षकों की ट्रेनिंग की नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी.

सोशल मीडिया का इस्तेमाल समाज को तोड़ने के लिए न हो

संघ प्रमुख ने कहा कि समाज के जो प्रमुख लोग हैं, जिनकी लोकप्रियता की वजह से अनेक लोग उनको फॉलो करते हैं, उनके आचरण में ये सारी बातें दिखनी चाहिए. इन बातों का मंडन भी उन प्रमुख लोगों को करना चाहिए और उनके प्रभाव से समाज में चलने वाले विभिन्न प्रबोधन कार्यों से यह मूल्य प्रबोधन किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया यूजर्स को इन मीडियम का इस्तेमाल समाज को जोड़ने के लिए करना ताहिए. न कि तोड़ने और अपसंस्कृति फैलाने के लिए. सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है.

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