November 24, 2024
चीन ताइवान में फिर तनातनी : द्वीपीय देश को चारों से घेर कर ड्रैगन ने दी ये धमकी

चीन ताइवान में फिर तनातनी : द्वीपीय देश को चारों से घेर कर ड्रैगन ने दी ये धमकी​

China Taiwan Tension: चीन और उसके पड़ोसी मुल्क ताइवान में तनाव चरम पर पहुंच गया है. चीन ने द्वीपीय देश ताइवान को चारों ओर से घेर लिया है और इस घेरे को चीन युद्धाभ्यास की शक्ल दे रहा है. चीन ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया है और ताइवान के चारों ओर युद्धक विमानों को तैनात किया है. इसके अलावा चीन ने विमानवाहक पोत भी तैनात किया है. ड्रैगन के इस कदम से पूरे इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया है. ताइवान की ओर से लगातार इस प्रकार के युद्धाभ्यास का विरोध किया जा रहा है. ताइवान ने कहा कि चीन ने इस युद्धाभ्यास में रिकॉर्ड 125 बार सैन्य विमानों को उड़ाया है.

China Taiwan Tension: चीन और उसके पड़ोसी मुल्क ताइवान में तनाव चरम पर पहुंच गया है. चीन ने द्वीपीय देश ताइवान को चारों ओर से घेर लिया है और इस घेरे को चीन युद्धाभ्यास की शक्ल दे रहा है. चीन ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया है और ताइवान के चारों ओर युद्धक विमानों को तैनात किया है. इसके अलावा चीन ने विमानवाहक पोत भी तैनात किया है. ड्रैगन के इस कदम से पूरे इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया है. ताइवान की ओर से लगातार इस प्रकार के युद्धाभ्यास का विरोध किया जा रहा है. ताइवान ने कहा कि चीन ने इस युद्धाभ्यास में रिकॉर्ड 125 बार सैन्य विमानों को उड़ाया है.

China Taiwan Tension: चीन और उसके पड़ोसी मुल्क ताइवान में तनाव चरम पर पहुंच गया है. चीन ने द्वीपीय देश ताइवान को चारों ओर से घेर लिया है और इस घेरे को चीन युद्धाभ्यास की शक्ल दे रहा है. चीन ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया है और ताइवान के चारों ओर युद्धक विमानों को तैनात किया है. इसके अलावा चीन ने विमानवाहक पोत भी तैनात किया है. ड्रैगन के इस कदम से पूरे इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया है. ताइवान की ओर से लगातार इस प्रकार के युद्धाभ्यास का विरोध किया जा रहा है. ताइवान ने कहा कि चीन ने इस युद्धाभ्यास में रिकॉर्ड 125 बार सैन्य विमानों को उड़ाया है.

एनाकोंडा रणनीति से ताइवान परेशान

बता दें कि चीन की इस चाल को ताइवान पहले ही बता रहा था कि यह एक प्रकार से एनाकोंडा रणनीति का हिस्सा है. ताइवान ने चीन को एनाकोंडा रणनीति के तहत उसे डराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. यहीं गौर करने की बात है कि भारत भी चीन पर सलामी स्लाइसिंग तकनीक का प्रयोग करने का आरोप लगाता रहा है. दोनों ही मामलों में चीन इस प्रकार के आरोपों को खारिज करता रहा है.

यह भी पढ़ें –सलामी स्लाइसिंग के बाद चीन की ताइवान के खिलाफ ‘एनाकोंडा’ वाली रणनीति

क्या है तनाव का कारण

ताइवान और चीन के बीच कई दशकों से तनाव चल रहा है. आपको बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में चीन के साथ एकीकृत होने से पहले ताइवान एक जापानी उपनिवेश था. 1949 में यह उससे अलग हो गया जब माओ त्से तुंग के कम्युनिस्टों के चीन में सत्ता में आने के बाद उनके विरोधी च्यांग काई-शेक के समर्थक भागकर ताइवान आ गए. तब से चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है जबकि ताइवान खुद को आजाद मुल्क के तौर पर दुनिया के सामने खुद को साबित करता रहा है. चीन का दावा है कि ऐतिहासिक रूप से ताइवान चीन का हिस्सा रहा है और उसे दोबारा हासिल करके रहेगा.

ताइवान वायुक्षेत्र उल्लंघन का लगाता रहा है आरोप

ताइवान की ओर से कहा गया है कि युद्धाभ्यास के दौरान ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में 90 विमान देखे गए, जिनमें युद्धक विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल रहे. ताइवान के एक मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि चीन ने ताइवान की आजादी के खिलाफ चेतावनी के तौर पर काफी बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास किया है.

चीन का ताइवान को लेकर रहा है ये दावा

इधर, चीन ने साफ कर दिया है कि यह पूरा अभ्यास ताइवान को यह एहसास कराने के लिए है कि ताइवान चीन का हिस्सा है. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को ही ताइवान ने अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया है. राष्ट्रीय दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे ताइवान के राष्ट्रपति ने कहा था कि चीन को ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने कब्जे या अतिक्रमण का विरोध करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया था.

ताइवान का चीन को जवाब

ऐसे माहौल में दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच रहा है. दोनों देशों की ओर से बयानबाजी जारी है. ताइवान के सुरक्षा परिषद के महासचिव जोसेफ वू ने ताइपे में कहा है कि ताइवान की सेना चीन की धमकी से निश्चित तौर पर उचित तरीके से निपटने के लिए तैयार है.

चीन की धमकी

इस बीच चीन के युद्धाभ्यास के बीच जैसा की ताइवान हमेशा करने को मजबूर होता है, हाई अलर्ट पर है. इस बीच एक बार फिर चीन की ओर से ताइवान को धमकी दी गई है कि ताइवान की आज़ादी और शांति की बात बेतुकी है. इधर, चीन की धमकी के खिलाफ अमेरिका हमेशा की तरह ताइवान के समर्थन में खड़ा हो गया है. ताइवान और अमेरिका की कूटनीतिक मित्रता जगजाहिर है.

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