November 24, 2024
साल 2000 में क्लिंटन की यात्रा से कैसे बदल गए भारत अमेरिका के रिश्ते? विदेश मंत्री ने समझाया

साल 2000 में क्लिंटन की यात्रा से कैसे बदल गए भारत-अमेरिका के रिश्ते? विदेश मंत्री ने समझाया​

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "दोनों देशों के बीच पिछले 10 साल में कई वैचारिक मतभेद हुए. कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन हमने इसे पीछे छोड़ दिया है. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते और गहरे होंगे."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “दोनों देशों के बीच पिछले 10 साल में कई वैचारिक मतभेद हुए. कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन हमने इसे पीछे छोड़ दिया है. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते और गहरे होंगे.”

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में मजबूती के नए आयाम बन रहे हैं. आर्थिक, रणनीतिक, सुरक्षा और इंटेलिजेंस शेयरिंग के क्षेत्र में भारत आज अमेरिका का प्रमुख साझेदार है. आज चीन को पछाड़ कर भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है. एशिया क्षेत्र में भारत ही अमेरिका का सबसे मजबूत पार्टनर है. रक्षा सौदों से और मजबूती मिल रही है. सवाल ये है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते एकदम से कैसे बदले? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने NDTV के वर्ल्ड समिट में इसका जवाब दिया है.

विदेश मंत्री ने कहा, “भारत-अमेरिका के रिश्ते वास्तव में साल 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के बाद तेजी से और सकारात्मक दिशा में बदले हैं. क्लिंटन की यात्रा के दौरान भारत-पाकिस्तान हाइपरनेशन को लेकर अमेरिका का माइंडसेट बदला.”

“हमारे हितों के खिलाफ नहीं किया कोई काम…” : विदेश मंत्री ने बताई भारत से कैसी है रूस की दोस्ती

उन्होंने कहा, “क्लिंटन के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की यात्रा की. फिर जो बाइडेन भारत आए. इन यात्राओं के बीच भारत-अमेरिका के संबंध धीरे-धीरे सही दिशा में आगे बढ़ते गए. दोनों देशों के बीच पिछले 10 साल में कई वैचारिक मतभेद हुए. कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन हमने इसे पीछे छोड़ दिया है. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते और गहरे होंगे.”

अमेरिका में लोकतांत्रिक समझ अच्छी-खासी
विदेश मंत्री ने कहा, “भारत जैसे कल्चरल कॉन्फिडेंट देशों को बराबरी का साझेदार बनाने के रूप में अमेरिका का साथ लेकर चलना जरूरी है. मैं यह नहीं कहता कि पश्चिम के सभी देश एक जैसे हैं. कई देशों को अच्छी समझ है. खासतौर पर अमेरिका में लोकतांत्रिक समझ अच्छी-खासी है. इसलिए 2017 में बने QUAD को अब अमेरिका स्वीकार करने लगा है. QUAD को लेकर पिछले 7 साल में पश्चिमी देशों के अप्रोच में बहुत बदलाव आया है.”

‘भारत टेकन फॉर ग्रांटेड रिश्ते नहीं बनाता…’ NDTV वर्ल्ड समिट में बोले PM मोदी

हमने दुनिया को दिखाया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्टर के फायदे
विदेश मंत्री ने कहा, “हमने एक दशक में दिखाया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्या फायदे हो सकते हैं. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से सबसे कम इनकम वाला भी अच्छा मुनाफा कमा सकता है. हम इस एरिया में बहुत अच्छे हैं. हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एरा में आगे बढ़ रहे हैं. मैं इसे एक अच्छे मौके के रूप में देखता हूं.”

चीन के साथ LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर कैसे बनी सहमति? जयशंकर ने NDTV वर्ल्ड समिट में दिया जवाब

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.