रेप या छेड़छाड़ जैसी घटनाएं वेब सीरीज या सीरियल देखने से नहीं होती। ये इंसान में जन्मजात होती है। अब सोचिए, महाभारत देखने से लोगों के घरों में झगड़े तो नहीं हुए, रामायण देख कर देश में कितने संत बन गए। समाज में हो रहे हर गलत कृत्य का इल्जाम वेब सीरीज या TV सीरियल पर लगा देना ठीक नहीं है। दो दोस्त बातें करेंगे तो लूज टॉक्स होगी, मियां-बीवी का झगड़ा होगा तो वो अलग तरह का होगा। TV पर OTT पर यही तो सच्चाई दिखाते हैं हम। अगर आप सच देखना चाहते हैं तो पूरा सच देखिए वरना आधा अधूरा सच तो खतरनाक होता है। जीजा जी छत पर हैं, तेरा यार हूं मैं और मेरी हानिकारक बीवी में कॉमेडी रोल निभाने वाले सुकेश आनंद ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए OTT पर परोसे जाने वाले कंटेंट काे लेकर बात की। सुकेश राजस्थान में साल 2021 में दादा साहब फाल्के टीवी अवार्ड जीतने वाले एक्टर, राइटर और प्रोड्यूसर रघुवीर शेखावत की फिल्म हुंकार की शूटिंग के सिलसिले में यहां है। पढ़िए दैनिक भास्कर में TV एक्टर सुकेश आनंद और रघुवीर शेखावत से ख़ास बातचीत… गांव की रामलीला में वानर बने थे शेखावत बालिका वधू, रंगरसिया, दीया और बाती हम, भाभी जी घर पर हैं और कुछ रंग प्यार के ऐसे भी समेत 125 TV सीरियल्स के लिख चुके राजस्थान के रघुवीर शेखावत की जड़ें मूलतः राजस्थान की हैं। दावा है कि वे देश के पहले राइटर हैं जो TV के लिए इतने (125) शो लिख चुके हैं। रघुवीर शेखावत कहते हैं- सीकर के भारीजा में मेरा जन्म हुआ। मुझे याद है तब मैं 15 साल का था और गांव में रामलील का आयोजन हो रहा था। मैंने इसमें वानर का रोल निभाया था। इसके बाद मैंने लिखना शुरू किया। 15 साल की उम्र में मैंने रामलीला के डायलॉग लिखना शुरू किया। पिता इंडियन नेवी में कैप्टन थे। उनकी पोस्टिंग लोनावला हुई तो 22 साल की उम्र में मुंबई आ गया। इसके बाद लिखने के जूनून के चलते दूरदर्शन के धारावाहिक देखता। थिएटर से हुई शुरुआत शेखावत कहते हैं- ऑडिशन देने के लिए प्रोड्यूसर के ऑफिस के चक्कर काटता था। सिलेक्शन नहीं होने पर घर पर आकर वापस लिखने बैठ जाता था। करीब 10 से 15 बार ऑडिशन में फेल हुआ था। इस दौरान दिसंबर 1995 में स्टेज शो के दौरान मुंबई के एक राइटर हर्षत शिवचरण से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- हर्षत शिवचरण मराठी के फेमस लेखक हुआ करते थे। वह मराठी में काफी फिल्म, टीवी शो और संवाद लिख चुके थे। हालांकि उन्होंने हिंदी में ज्यादा काम नहीं किया था। मेरे साथ काम के बाद उनकी भी हिंदी में शुरुआत हुई थी। उनके साथ काम करना मेरे लिए भी गोल्ड चांस था। मेरी कविता और संवाद पढ़ने के बाद उन्होंने मुझे अपना असिस्टेंट बना लिया था। इस तरीके से मेरे करियर की शुरुआत हुई। OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर शेखावत कहते हैं- मैंने कभी अश्लील कंटेंट को अपनी स्क्रिप्ट में शामिल नहीं किया। आगे भी किसी तरह से ऐसी भाषा या दृश्यों से दूर रहने की कोशिश करूंगा। मेरा मानना है एक ऐसी फिल्म या ऐसा TV शो जिसे पूरा परिवार साथ बैठकर देखे वहीं ऑडियंस है। जिसे आपको छिपकर या चोरी-छिपे देखना पड़े यह कंटेंट मैं नहीं लिख सकता। राजस्थान में हर 100 KM हमारे डायलेक्ट्स (भाषाएं) बदल जाते हैं। इतनी वेरिएशंस शायद किसी भी और राज्य में नहीं होगी। मैं लेखक प्रोड्यूसर हूं। 125 टीवी शो लिख चुका हूं और काफी सारी फिल्में भी लिखी हैं। मैंने यह देखा कि राजस्थानी भाषा की की फिल्म इंडस्ट्री में रिचनेस आ सकती है। ऐसे में यहां हुंकार की शूटिंग करने आया हूं। ‘यूक्रेन-रूस के युद्ध को देख कर हम तो नहीं लड़ने लगे’ फिल्म में पॉलिटिशियन का किरदार निभा रहे सुकेश आनंद की सोच अपने डायरेक्टर से अलग हैं। वे कहते हैं- वेब सीरीज समाज की सच्चाई दिखाती है, जिसे लोग देखना भी चाहते हैं। आप समझिएगा जब दो दोस्त बात करते हैं तो वो कभी आपस में एक दूसरे को कैजुअली बात करेंगे। वहां सम्मान कैसे दिखा सकते हैं। तो जो सच्चाई है वह दिखाई जानी चाहिए, नहीं तो पब्लिक या टीनेज उससे खुद को कनेक्ट नहीं पाता। उन्होंने कहा- अभी यूक्रेन-रूस का युद्ध चल रहा है, ईरान-इजरायल में युद्ध है। तो फिर हम क्यों नहीं लड़ रहे। ये चीजें देखने से नहीं होती। यह इंसान की कमजोर मानसिकता होती है। उन्होंने कहा- वेब सीरीज से प्रेरणा लेकर कोई विनोबा भावे या महात्मा गांधी तो नहीं बन रहा। रानी लक्ष्मीबाई जैसी तो कोई महिला नहीं बन रही। वह इंसान की सोच होती है उसे आप बदल नहीं सकते। सुकेश आनंद ने कहा- जब टीवी नहीं था तो थियेटर फिल्मों का कंपटीशन था। जब टेलीविजन आया तो टीवी फिल्मों और सीरियल में कंपटीशन हो गया। अब ओटीटी प्लेटफार्म और वेब सीरीज में कंपटीशन है। क्वालिटी के लिए कंपीटिशन बहुत जरूरी है। कंपटीशन बहुत बढ़िया चीज है, इससे क्वालिटी बेहतर होती है और इंप्रूवमेंट का मौका मिलता है। 2 लड़कियों की दोस्ती और संघर्ष की कहानी ‘हुंकार’ हुंकार वेब सीरीज में दो लड़कियों की दोस्ती की कहानी है। इसमें एक लड़की गलत राह पर चल पड़ती है और वह माफियाओं और बड़े पॉलिटिशियन के चंगुल में फंस जाती है। माफियाओं के चक्रव्यूह में फंसी लड़की की मदद करने के लिए उसकी दोस्त दिल्ली से जयपुर आती है। जिसके बाद दोनों लड़कियां सिस्टम से लड़ती हैं। दीया और बाती फेम नीतू भी फिल्म में फिल्म की स्टारकास्ट में लीड रोल में नीतू वाघेला हैं। नीतू को राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री का वाघेला ‘स्टार प्लस’ के लोकप्रिय धारावाहिक दीया और बाती हम में संतोष अरुण राठी उर्फ भाभो का किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हो गईं। इसके बाद वह अपने पति अरविंद कुमार के साथ डांस रियलिटी शो नच बलिए 5 में शामिल हुईं। 23 मार्च 2013 को वाघेला और उनके पति नच बलिए के पांचवें सीजन में तीसरे स्थान पर रहे। सोनाक्षी के साथ कर चुकीं हैं अलीशा सेकेंड लीड में अलीशा सोनी हैं जो अमेज़न प्राइम पर रिलीज हुई ‘दहाड़’ वेब सीरीज में सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम कर चुकी हैं। साथ ही सोनी ने सास बहू और फ्लेमिंगो (हॉट स्टार) पर रिलीज हुए शो में भी काम किया है। इसके अलावा ‘HIT’ वेब सीरीज, पद्मावत व राजस्थानी फिल्म बजरी माफिया में भी नजर आ चुकी हैं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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