September 20, 2024
Russia Ukraine Conflict

US डिप्लोमैट को Russia ने देश से निकाला, पुतिन के समर्थक बेलारूस ने दी एटम बम की धमकी

रूस के सहयोगी देश बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अमेरिका को धमकी दी है। लुकाशेंको ने अमेरिका और नाटो का नाम लिए बगैर कहा- अगर हमारे देश पर खतरा मंडराया तो हमें एटमी हथियार इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं होगा।

मास्को। यूक्रेन (Ukraine) को लेकर दुनिया के ताकतवर देशों में ठन चुकी है। अमेरिका (USA) के आक्रामक रूख के बाद अब रूस (Russia) भी सीधा मोर्चा खोल दिया है। रूस ने अमेरिका के नंबर दो की हैसियत रखने वाले डिप्लोमैट को मॉस्को एम्बेसी (Moscow Embassy) से निकाल दिया है। रूस ने अमेरिकी डिप्लोमैट (American Diplomat) को तत्काल देश छोड़ने को कहा है। वाशिंगटन (Washington) ने रूस के आदेश की पुष्टि की है।

अमेरिका-रूस अब होने लगे आमने-सामने

यूक्रेन को लेकर रूस पर अमेरिका लगातार हमलावर रहा। वह इस मुद्दे पर पश्चिम के देशों का भी समर्थन जुटा लिया था। अमेरिका यूक्रेन को लेकर रूस पर लगातार हमलावर था तो रूस सेफ तरीके से बयान दे रहा था। लेकिन, गुरुवार को रूस और अमेरिका के बीच सीधा टकराव होता दिखा। दरअसल, रूस की शह पर बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंकों ने आक्रामक बयान देकर दुनिया को चौका दिया है। बेलारूस ने एटमी हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे डाली। उधर, अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी साफ कर दिया कि रूस के सैनिक यूक्रेन बॉर्डर से हटाने के बजाए बढ़ाए जा रहे हैं।

शांति की ओर बढ़ने की बजाय स्थितियां और खराब न हो

रूस ने जब अमेरिकी डिप्लोमैट को मॉस्को छोड़ने को कहा तो अमेरिका के एक अधिकारी ने इसे भड़काने वाला कदम बताया। अमेरिकी अधिकारी ने साफ किया कि अमेरिका किसी भी मामले में पीछे हटने वाला नहीं है। इन तरीकों के इस्तेमाल से डिप्लोमैटिक सॉल्यूशन नहीं खोज सकते।

रूस का कदम एक चेतावनी मात्र

जानकारों का मानना है कि रूस ने बेहद बुद्धिमानीपूर्ण कदम उठाया है। क्योंकि रूस अगर चाह देता तो चीफ एंबेसडर जॉन सुलिवान को भी देश छोड़ने को कह सकता था। लेकिन अमेरिकी डिप्लोमैट को निकालकर अमेरिका को सिर्फ चेतावनी दी है। अमेरिका को उसने साफ कहा कि वो यूक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी देशों से टकराने को तैयार है।

अमेरिका भी देगा जवाब?

डिप्लोमैसी के दांव-पेंचों को अगर आप बारीकी से देखें तो पाएंगे कि जब एक देश किसी दूसरे के राजनयिक यानी डिप्लोमैट के खिलाफ कार्रवाई करता है तो बदले में दूसरा देश भी इसी स्तर की जवाबी कार्रवाई करता है। हालांकि, अमेरिका की तरफ से अब तक जवाब नहीं दिया गया है। लेकिन, आशंका यही है कि अमेरिका भी ठोस जवाब देगा और इससे तनाव बढ़ेगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बार्ट गोर्मेन मॉस्को एम्बेसी में नंबर दो पोजिशन पर थे। उनके पास तीन साल का वीजा है और इसकी मियाद पूरी नहीं हुई है। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने मामले की पुष्टि तो की, लेकिन इससे ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। अब अमेरिका विचार कर रहा है कि रूस को किस तरह का जवाब दिया जाए। रूस की अमेरिकी एम्बेसी में काफी कर्मचारी हैं। दूसरी तरफ, रूस ने वॉशिंगटन में अपना डिप्लोमैटिक स्टाफ हमेशा कम रखा।

आग में घी डाल रहे लुकाशेंको

रूस के सहयोगी देश बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अमेरिका को धमकी दी है। लुकाशेंको ने अमेरिका और नाटो का नाम लिए बगैर कहा- अगर हमारे देश पर खतरा मंडराया तो हमें एटमी हथियार इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं होगा। हमारे पास बहुत ताकतवर एटमी हथियार हैं और हम अपनी सरहदों की हिफाजत करना भी जानते हैं।
लुकाशेंको का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब वो शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करने मॉस्को जा रहे हैं। लुकाशेंको ने कहा- अगर मेरे देश के खिलाफ बेवकूफाना हरकतें हुईं, हमला हुआ तो फिर एटमी हथियारों का विकल्प खुला है। अगर ऐसा नहीं तो हम भी इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

बेलारूस भी सोवियत संघ का ही हिस्सा था। तकनीकि या कहें घोषित तौर पर बेलारूस एटमी ताकत नहीं है। अगले महीने वो संविधान संशोधन करने जा रहा है ताकि देश में एटमी हथियार रखे जा सकें। माना जा रहा है कि लुकाशेंकों रूस के एटमी हथियारों को अपने देश लाने (होस्ट) की धमकी दे रहे हैं। लुकाशेंको 1994 से सत्ता में हैं।

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