November 23, 2024
जीएसटी संग्रह अक्टूबर में नौ प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर

जीएसटी संग्रह अक्टूबर में नौ प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर​

आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह 10.6 प्रतिशत बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान आयात पर कर अक्टूबर, 2024 के दौरान लगभग चार प्रतिशत बढ़कर 45,096 करोड़ रुपये हो गया.

आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह 10.6 प्रतिशत बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान आयात पर कर अक्टूबर, 2024 के दौरान लगभग चार प्रतिशत बढ़कर 45,096 करोड़ रुपये हो गया.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सकल राजस्व संग्रह अक्टूबर महीने में नौ प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो दूसरा सर्वाधिक मासिक आंकड़ा है. घरेलू लेनदेन से अधिक राजस्व मिलने और अनुपालन में सुधार से जीएसटी संग्रह बढ़ा है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 33,821 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 99,111 करोड़ रुपये और उपकर 12,550 करोड़ रुपये रहा है.

पिछले महीने कुल सकल जीएसटी राजस्व 8.9 प्रतिशत बढ़कर 1,87,346 करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले की समान अवधि में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये था.

अक्टूबर, 2024 में दूसरा सर्वाधिक जीएसटी संग्रह दर्ज किया गया. अब तक का सबसे अधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल, 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक था.

आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह 10.6 प्रतिशत बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान आयात पर कर अक्टूबर, 2024 के दौरान लगभग चार प्रतिशत बढ़कर 45,096 करोड़ रुपये हो गया.

अक्टूबर में 19,306 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 18.2 प्रतिशत अधिक है. रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह आठ प्रतिशत बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया.

वित्तीय परामर्श कंपनी डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा कि जीएसटी संग्रह में उछाल त्योहारी सत्र की बिक्री और बढ़ते अनुपालन के कारण है. उन्होंने कहा, “ प्रतीत होता है कि इसका कारण घरेलू आपूर्ति है… जबकि कई बड़े राज्यों ने जीएसटी राजस्व में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है. उनमें से कुछ और कई छोटे राज्यों ने औसत से कम वृद्धि दिखाई है, जो उन राज्यों के लिए चिंता का विषय होगा.”

हालांकि, ईवाई टैक्स के पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि मासिक जीएसटी संग्रह में एकल अंक की वृद्धि एक शांत अवधि का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि यह भारत में उपभोक्ता खर्च में संभावित मंदी का संकेत देती है, जो पिछले वित्त वर्ष में बढ़ी थी।

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