भारत दुनिया भर में सड़क हादसों में होने वाले मौत के मामले में नंबर वन है. इस मामले में भारत से बेहतर हालत में पाकिस्तान और कई अफ्रीकी देश हैं.
उत्तराखंड (Uttarakhand) के अल्मोड़ा जिले में सोमवार को एक बस के गहरी खाई में गिर जाने से अब तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि हो गयी है. वहीं कुछ अन्य घायल हैं. इस दर्दनाक हादसे के बाद एक बार फिर भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. भारत दुनिया भर में सड़क हादसों में होने वाले मौत के मामले में नंबर वन है. इस मामले में भारत से बेहतर हालत में पाकिस्तान और कई अफ्रीकी देश हैं. भारत के उत्तराखंड में हमेशा से अधिक सड़क हादसे होते रहे हैं. पहाड़ी राज्य और बड़ी-बड़ी खाई के साथ-साथ कई सुरक्षा संबधी चूक भी इन हादसों के लिए जिम्मेदार रहे हैं.
भारत में सड़क हादसों में सबसे अधिक मौत
सड़क हादसों के मामले में भारत नंबर वन है. इन हादसों में कुल मारे गए व्यक्तियों की संख्या सबसे अधिक रही है. कई देश जैसे ब्राज़ील, पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे देश भी इस मामले में भारत से बेहतर हालत में हैं. कई अफ्रीकी देशों में मौत का दर भारत की तुलना में कम है. सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जाते रहे हैं. हालांकि अभी भी यह एक बड़ी चुनौती के तौर पर है.
सड़क हादसों के लिए दोषी कौन?
उत्तराखंड जैसे राज्यों में सड़क हादसों के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं. उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा पहाड़ी है, जहां सड़कें संकरी और घुमावदार होती हैं ऐसे में अगर बस का सही रख रखाव नहीं हुआ तो इस तरह के हादसे होते हैं. खड़ी ढलानों से जब बसें नीचे की तरफ आती है तब कई बार ब्रेक फैल होने की संभावना रहती है. बारिश, बर्फबारी और बादलों के कारण भी कई बार हादसे होते हैं.
हालांकि कई ऐसे फैक्टर हैं जिनके लिए व्यवस्था की कमी जिम्मेदार हैं.शराब पीकर गाड़ी चलाना. खराब सड़कें भी इसके लिए जिम्मेदार है. खराब रखरखाव भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. ब्रेक, टायर जैसी चीजों में समस्या के कारण भी इस तरह के हादसे होते हैं. भारत की सड़कों पर ओवरटेकिंग, गलत लेन में गाड़ी चलाना और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन आमतौर पर देखी जाती है.
अल्मोड़ा में कैसे हुआ हादसा?
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार को यात्रियों से भरी एक बस सड़क से फिसलकर 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई.यह बस यात्रियों को लेकर गढ़वाल से कुमाऊं जा रही थी. बताया जा रहा है कि हादसे के समय बस में क्षमता से अधिक सवारी भरी हुई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस ने अपना नियंत्रण खो दिया था. बताया जा रहा है कि इस बस में लगभग 40 लोग सवार थे. बस जब कुपेल गांव के पास पहुंची तो चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया और बस हादसे की शिकार हो गई.
हादसे के बाद उत्तराखंड पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित क्षेत्र में आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए तुरंत तैनात किया गया है. बचावकर्मी जीवित बचे लोगों को निकालने और घायलों को नजदीकी चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाने के काम में जुट गए हैं.
अधिकारियों पर गिरी गाज
इस भयंकर हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई करते हुए पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. सीएम धामी की ओर से यह कार्रवाई सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और लापरवाही के लिए की गई है. सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं. यह आर्थिक सहायता हादसे में प्रभावित हुए परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से है. इसके अलावा, सीएम धामी ने कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं.
इससे पहले सीएम धामी ने राहत कार्यों पर प्राथमिकता से जोर देते हुए कहा था कि अल्मोड़ा जिले के मार्चुला में हुई एक बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने के संबंध में दुर्भाग्यपूर्ण खबर आई है. जिला प्रशासन को तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाने का निर्देश दिया गया है. स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ टीमों के साथ पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
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