केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए आज कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के वादे तुष्टीकरण को बढ़ावा देते हैं. कांग्रेस ने अपने शासन वाले राज्यों में चुनाव पूर्व वादों को पूरा नहीं किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ जारी किया. इस दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे. भाजपा एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना और अजीत पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ मिलकर महायुति गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रही है.
घोषणा पत्र जारी करते हुए शाह ने कहा, “महायुति सरकार ने किसानों के सम्मान, गरीबों की मदद और महिलाओं के आत्मसम्मान को बनाए रखने के लिए काम किया है. आज यहां जारी किया गया ‘संकल्प पत्र’ महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है.” उन्होंने कहा, “एक तरह से महाराष्ट्र कई युगों से हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करता आ रहा है. एक समय जब जरूरत पड़ी तो भक्ति आंदोलन भी महाराष्ट्र से शुरू हुआ, गुलामी से मुक्ति का आंदोलन भी शिवाजी महाराज ने यहीं से शुरू किया, सामाजिक क्रांति भी यहीं से शुरू हुई और महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाओं की झलक हमारे संकल्प पत्र में दिखती है.”
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर BJP के संकल्प पत्र में क्या-क्या?
“2027 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था”
गृह मंत्री ने 2027 तक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के भाजपा के वादे को भी दोहराया. शाह ने कहा, “भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में पहुंच गया है और मैं वादा करता हूं कि 2027 तक हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं, हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं, 7 करोड़ शौचालय, घर, बिजली, पीने का पानी, अनाज, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, यह सब हमने लोगों को देने के लिए किया है.”
“महायुति के वादों पर सभी को भरोसा है”
विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, “दूसरी तरफ अघाड़ी है, कांग्रेस नेताओं को भी कहना पड़ रहा है कि उन्हें बहुत सोच-समझकर वादे करने चाहिए, क्योंकि वे वादा करते हैं और बाद में जवाब देते हैं.” उन्होंने कहा, “हिमाचल, तेलंगाना, कर्नाटक, इन सभी राज्यों में उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. महायुति के वादों पर सभी को भरोसा है.”
विधानसभा की 288 सीटों के लिए चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, दो प्रमुख गठबंधनों, महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच राजनीतिक लड़ाई तेज होती जा रही है. चुनाव 20 नवंबर को होने हैं और मतगणना 23 नवंबर को होगी. विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं.
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