महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. इससे पहले सरकार बनानी जरूरी है. ऐसा न होने पर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा. ऐसे में BJP और महायुति को CM का नाम जल्द से जल्द तय करना होगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है. कुल 288 सीटों में से BJP ने अकेले 132 सीटें जीतीं. BJP+ यानी महायुति ने कुल 230 जीती हैं. इनमें शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट की हिस्सेदारी 57 सीटें हैं, जबकि 41 सीटों का योगदान NCP (अजित पवार गुट) ने दिया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को सरकार बनाने का जनमत तो मिल गया है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर पेच फंसा हुआ है. BJP को सबसे ज्यादा सीटें मिलने से CM पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे ऊपर है. सवाल ये है कि CM की कुर्सी पर फडणवीस को बैठाने का फैसला एकनाथ शिंदे को मंजूर होगा? अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो फिर शिंदे क्या करेंगे? वो केंद्र में जाएंगे या डिप्टी की जिम्मेदारी संभालेंगे?
132 सीटें मिलने से BJP का तो दावा मजबूत हुआ है, लेकिन शिंदे की शिवसेना भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. नतीजतन चुनाव नतीजे आने के दो दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है. इस बीच NCP नेता अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ था. तीनों दल बैठकर इस पर फैसला लेंगे.
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26 नवंबर को खत्म हो रहा विधानसभा का कार्यकाल
गौर करने वाली बात ये है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. इससे पहले सरकार बनानी जरूरी है. ऐसा न होने पर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा. ऐसे में BJP और महायुति को CM का नाम जल्द से जल्द तय करना होगा.
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, क्योंकि लाड़ली बहिण योजना का आइडिया उनका ही था. इसका महायुति को बहुत फायदा हुआ है.” शिंदे गुट के नेता बिहार पैटर्न की याद दिलाने से भी नहीं चूक रहे हैं.
नंबर के हिसाब से BJP कॉन्फिडेंट
हालांकि, नंबर के हिसाब से BJP आश्वस्त है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन उनके नेताओं का कहना है कि फैसला दिल्ली में होगा. महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं, “महाराष्ट्र में नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला हाईकमान को करना है.”
BJP भले ही खुलकर बोलने में हिचक रही हो, लेकिन ज़्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों और आम लोगों का भी मानना है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री पद के असली हकदार हैं.
शिंदे गुट के पास कोई ऑप्शन भी नहीं
सवाल है कि अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एकनाथ शिंदे क्या करेंगे? जानकारों का मानना है कि पहले मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस अगर अपने से जूनियर मंत्री रहे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री बनकर रह सकते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एकनाथ शिंदे क्यों नहीं ऐसा कर सकते? BJP की संख्या बल को देखते हुए आखिर उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी तो नहीं है.
देवेंद्र फडणवीस को मिले कितने वोट?
देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर साउथ वेस्ट सीट से चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडधे को हराया है. फडणवीस को 1 लाख 29 हजार 401 वोटों के अंतर से जीत मिली है. उनका वोट पर्सेंटेज 56.55 फीसदी रहा.
एकनाथ शिंदे को मिले कितने वोट?
एकनाथ शिंदे ने कोपरी-पचपखड़ी सीट से चुनाव लड़ा था. उनका मुकाबला अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे के साथ था. शिंदे को एक लाख 59 हजार वोट मिले. जबकि शिवसेना (UBT) के केदार दिघे को मात्र 38 हजार वोट मिले हैं. यानी शिंदे को 1, 20 ,717 वोटों के मार्जिन से जीत मिली.
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अजित पवार को मिले कितने वोट?
अजित पवार ने बारामती से चुनाव लड़ा था. उनके सामने NCP(शरद पवार) से युगेंद्र पवार थे. अजित पवार युगेंद्र पवार के चाचा लगते हैं. इस चुनाव में अजित पवार 1.81 लाख वोटों से जीते हैं. युगेंद्र को मात्र 80 हजार वोट मिले.
इस चुनाव में BJP 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं. BJP का स्ट्राइक रेट 88% रहा. हालांकि, वोट शेयर (26.77%) में मामूली इजाफा हुआ. 2019 के चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 26.10% था. 2024 के चुनाव में 0.67 वोट मार्जिन के साथ BJP को 27 सीटों का फायदा हुआ है.
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