जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वह कुछ स्थानीय दैनिक अखबारों के खिलाफ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और खबरें प्रकाशित करने के आरोप में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे.
तमिलनाडु सरकार और ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के बाद अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अदाणी समूह पर लगे अमेरिकी आरोपों को खारिज कर दिया है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि यह सौदा दो सरकारी एजेंसियों के बीच था. इसमें अदाणी समूह सहित कोई निजी पक्ष शामिल नहीं था. जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि रिश्वत के आरोप महज अफवाह है. किसी ने यह नहीं कहा है कि मैंने या किसी ने (रिश्वत) ली है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने कहा कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित कई राज्यों को ₹ 2.49 प्रति यूनिट पर बिजली की पेशकश की. राज्य को कुछ छूट सहित अन्य प्रोत्साहन भी दिए गए थे, जिससे सरकारी धन की बचत होती. उन्होंने आरोप को गलत बताया है.
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि अनुबंध एसईसीआई, आंध्र प्रदेश सरकार और राज्य बिजली वितरण कंपनी के बीच था. किसी अन्य एजेंसी के हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों से कुछ मीडिया हाउस रिश्वतखोरी का संकेत देने वाले नाम सामने ला रहे हैं और वह ईनाडु और आंध्र ज्योति पर 100 करोड़ रुपये का मुकदमा करेंगे, जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू द्वारा नियंत्रित बताया है.
जगन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि मुझे रिश्वत की पेशकश की गई क्योंकि सबसे पहली बात तो यह है कि कोई भी मुझे रिश्वत नहीं दे सकता, और कारोबारियों का नेताओं से मिलना कोई असामान्य बात नहीं है बल्कि यह एक सामान्य चलन है.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिश्वत के आरोप अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जगन या किसी अन्य ने रिश्वत ली है. अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग ने अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने में उनकी भूमिका को लेकर आरोप लगाया है, हालांकि भारतीय समूह ने इस आरोप का खंडन किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के साथ बिजली आपूर्ति समझौते से राज्य को 25 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी. उन्होंने कहा कि यह समझौता आंध्र प्रदेश ‘डिस्कॉम्स’ और ‘एसईसीआई’ के बीच हुआ था और इसमें कोई तीसरा पक्ष नहीं था.
इससे पहले भी विपक्षी दल युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कहा था कि उसकी सरकार का अदाणी समूह के साथ कोई सीधा समझौता नहीं था और 2021 में हस्ताक्षरित बिजली बिक्री समझौता ‘एसईसीआई’ और ‘एपी डिस्कॉम’ के बीच था.
पार्टी ने पिछले सप्ताह कहा था कि नवंबर 2021 में ‘एपी विद्युत नियामक आयोग’ ने 7,000 मेगावाट की बिजली खरीद को मंजूरी दी थी, जिसके बाद ‘एसईसीआई’ और ‘एपी डिस्कॉम’ के बीच एक दिसंबर 2021 को बिजली बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर हुए थे.
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