Sambhal Violence: सपा ने संभल हिंसा पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. अपनी तरफ से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान भी कर दिया है…
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में समाजवादी पार्टी (सपा) के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को प्रवेश करने से रोक दिया गया. शाही जामा मस्जिद में हाल ही में हुई हिंसा की जांच के लिए सपा ने यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में टीम को वहां भेजा था. संभल जिला प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “कोई भी बाहरी, कोई भी सामाजिक संगठन या कोई जनप्रतिनिधि 10 दिसंबर तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता है.”
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की निंदा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. अखिलेश यादव ने सरकार पर प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि भाजपा अपनी लापरवाही को छिपाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की विफलता है. अगर सरकार ने उन्मादी नारे लगवाने वालों पर पहले ही इस तरह का प्रतिबंध लगा दिया होता तो संभल में सौहार्द और शांति का माहौल खराब नहीं होता. उन्होंने लापरवाही और साजिश के लिए संभल में पूरी प्रशासनिक मशीनरी को निलंबित करने की भी मांग की.
प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।
भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ… pic.twitter.com/7ouboVnQu4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 30, 2024
‘सरकार जानबूझकर हमें रोक रही’
वहीं माता प्रसाद पांडे ने दावा किया कि गृह सचिव संजय प्रसाद और संभल के जिला मजिस्ट्रेट दोनों ने उनसे संपर्क किया और अनुरोध किया कि वह यात्रा स्थगित कर दें. उन्होंने कहा, ‘उन्हें (प्रशासन) नियमों के मुताबिक मुझे नोटिस देना चाहिए था कि मैं वहां नहीं जा सकता, लेकिन कोई लिखित नोटिस नहीं दिया गया. वे केवल टेलीफोन पर बात करते हैं. उन्होंने पुलिस तैनात कर दी. न्यायिक आयोग वहां जा रहा है, मीडिया के लोग वहां जा रहे हैं, यदि हम वहां जाते हैं तो क्या कोई अशांति होगी? यह सरकार जानबूझकर हमें रोक रही है.” सपा प्रतिनिधिमंडल ने शुरू में संभल जाने से पहले मुरादाबाद जाने की योजना बनाई थी. उसका इरादा हिंसा पीड़ितों और उनके परिवारों से मिलने का था. हालांकि, ये योजनाएं पटरी से उतर गईं क्योंकि पुलिस ने माता प्रसाद पांडे को अपने आवास से बाहर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
बर्क का संभल जाना जरूरी?
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने माता प्रसाद पांडे के दावों को बल देते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडल पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को संभल की घटना पर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के लिए जा रहा था. इस टीम में विधान परिषद के नेता लाल बिहारी यादव, सांसद जियाउर रहमान बर्क, हरेंद्र मलिक जैसे हाई प्रोफाइल सदस्य शामिल थे. जियाउर रहमान बर्क पर संभल हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं. इसके बावजूद समाजवादी पार्टी ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बर्क का संभल दौरा आवश्यक है. समाजवादी पार्टी ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके साथ मांग की है कि यूपी सरकार को प्रत्येक परिवार को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
कांग्रेस भी संभल जाने को तैयार
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी 2 दिसंबर को जिले का दौरा करने के लिए पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल की योजना की घोषणा की है. राजनीतिक घमासान के बीच उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा जांच का नेतृत्व करेंगे.
NDTV India – Latest
More Stories
Lyrid Meteor Shower on 21 April: आज रात होने वाली है उल्का बौछार, आसमान में एक साथ दिखेंगे हजारों टूटते तारे, जानें कैसे करें अपनी हर इच्छा पूरी
अखिलेश यादव के पुलिस पोस्टिंग के दावों को यूपी डीजीपी ने बताया भ्रामक, कहा- अफवाह न फैलाएं
JD Vance India visit Live: पीएम मोदी से मिले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, बातचीत में व्यापार समझौते पर रह सकता है फोकस