November 22, 2024
CNG rates

CNG का रेट हर महीने होगा तय: केंद्रीय कैबिनेट ने नए फार्मूले की दी मंजूरी, शनिवार को कम होंगे दाम

सीएनजी की कीमत 6 फीसदी से 9 फीसदी तक कम हो जाएगी।

CNG and PNG new rates: देश में बढ़ती प्राकृतिक गैस की कीमतों को सस्ता करने की कवायद शुरू हो गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए एक नए तरीके को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के बाद बताया कि पारंपरिक पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस, जिसे एपीएम गैस के रूप में जाना जाता है, को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों में गैस की कीमतों के बजाय कच्चे तेल की कीमत से जोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि नए फैसले के बाद से सीएनजी में कम से 6 से 9 प्रतिशत तो पीएनजी में करीब दस प्रतिशत कीमतों में गिरावट होगी।

शनिवार से सस्ता मिलने लगेगा सीएनजी और पीएनजी

सरकार इस बदलाव की घोषणा के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी करेगी। जबकि यह फैसला शनिवार से लागू हो जाएगा। सरकार ने एक बयान में कहा कि प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी। हर महीने कीमतें तय करने के बाद उसे जारी किया जाएगा।

कितना सस्ता हो सकेगा सीएनजी और पीएनजी

ऑयल सेक्रेटरी पंकज जैन ने आज कहा कि इससे पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) 10 फीसदी सस्ती हो जाएगी और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की कीमत 6 फीसदी से 9 फीसदी तक कम हो जाएगी।

सरकार ने बताया कि प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ेगी

भारत 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य बना रहा है। कैबिनेट के निर्णय के बाद प्राकृतिक गैस के खपत को विस्तार मिलेगा। तेल मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट किया कि इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। पुरी ने कहा कि भारत में गैस की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय गैस की कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गई विभिन्न पहलों को जारी रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है।

अभी इस तरह तय होती है गैस कीमतें…

वर्तमान में घरेलू गैस की कीमतें हर छह महीने में चार गैस ट्रेडिंग हब – हेनरी हब, अल्बेना, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (ब्रिटेन) और रूस में कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं। सरकार ने कहा कि चार गैस हब पर आधारित मूल्य निर्धारण पद्धति में महत्वपूर्ण समय अंतराल और बहुत अधिक अस्थिरता थी इसलिए इस सुधार की आवश्यकता महसूस की गई।

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