अमित शाह ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों की शांति और सद्भाव के लिए 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और क्षेत्र के राज्यों में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 10,574 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अगरतला में प्रज्ञा भवन में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के 72वें पूर्ण सत्र का उद्घाटन किया. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट बहुत समय से नई दिल्ली के लिए सिर्फ भाषणों का मुद्दा रहता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी संवेदनशीलता के कारण नॉर्थ ईस्ट को विकास के फोकस में लाकर रख दिया. इस 10 साल में इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास हुआ है. नॉर्थ ईस्ट के लोगों की दिल्ली से दिल की दूरी को भी कम करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. जब प्रधानमंत्री ने स्वयं नॉर्थ ईस्ट को प्रमुखता दिया तो यहां तमाम विकास के काम हुए. यहां जो भी विवाद थे, उसे खत्म करने का काम हमारी सरकार ने किया है.
उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य खतरों पर अंकुश लगाने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “नशीले पदार्थों की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन मुख्यमंत्रियों तथा सभी संबंधित लोगों को और अधिक प्रयास करने होंगे.”
गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के प्रभावी कार्यान्वयन को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि अगले साल फरवरी में वह तीनों नए कानूनों की प्रगति और कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में लंबे समय से लंबित अंतर-राज्यीय सीमा विवादों का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान किया जा रहा है.
अमित शाह ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों की शांति और सद्भाव के लिए 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और क्षेत्र के राज्यों में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 10,574 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया. गृह मंत्री ने कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति बनाए रखने और सभी गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य पुलिस, सेना, असम राइफल्स और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को शामिल करते हुए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है.”
दो दिवसीय सम्मेलन में आठों पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्र के लिए विकास-रणनीतियों पर चर्चा और प्राथमिकता तय करने के लिए एकत्रित हुए हैं. इस सम्मेलन में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार भी मौजूद हैं.
शाह एनईसी के 72वें पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने के लिए शुक्रवार को त्रिपुरा पहुंचे थे. परिषद पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी है. इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं.
इस बैठक का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में समृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है. पूर्ण बैठक में क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भविष्य की योजनाओं की रणनीति बनाने और चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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