September 20, 2024
New Parliament building

New Parliament inauguration: पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, कांग्रेस सहित 20 दलों ने किया बहिष्कार

17 लोकसभा की गवाह पुराना संसद भवन अब केवल विशेष आयोजन के दौरान ही गुलजार रहेगा।

New Parliament inauguration: भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को किया। देश की नीतियां अब माननीय यहीं तय करने के लिए भविष्य में जुटेंगे। 17 लोकसभा की गवाह पुराना संसद भवन अब केवल विशेष आयोजन के दौरान ही गुलजार रहेगा। करीब 1200 करोड़ रुपये की बजट से बनी नई संसद की बिल्डिंग कई मायने में खास है। नई इमारत का जीवनकाल 150 साल से अधिक है। इसे भूकंप का सामना करने के लिए स्पेशली डिजाइन किया गया है।

उद्घाटन को खास बनाने के लिए चेन्नई से 21 अधीनम संत नई दिल्ली पहुंचे हैं। शनिवार को इन लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी को सेंगोल सौंपा। सेंगोल के बारे में बीजेपी का दावा है कि आजाद भारत में अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के दौरान पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। अब इस ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा।

विपक्ष ने किया है बहिष्कार

नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराए जाने की मांग पर अड़ा विपक्ष, उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लेगा। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, वामपंथी दलों समेत 20 दलों ने समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति को उनके हक से वंचित किया जा रहा है साथ ही नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रण भी न देकर केंद्र सरकार ने संवैधानिक पद का अपमान किया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर निशाना साध रही है।

विपक्ष ने जारी किया संयुक्त बयान, बोले-लोकतंत्र का खात्मा कर रही सरकार

विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करते हुए संयुक्त बयान जारी किया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि “नए संसद भवन का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमारे विश्वास के बावजूद कि सरकार लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है, और जिस निरंकुश तरीके से नई संसद का निर्माण किया गया था, उसके प्रति हमारी अस्वीकृति, हम अपने मतभेदों को दूर करने और इस अवसर को चिह्नित करने के लिए हम तैयार थे।

लेकिन प्रधान मंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करना, न केवल एक गंभीर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है। विपक्षी दलों ने अपने बयान में संविधान के अनुच्छेद 79 के बारे में भी लिखा है। विपक्ष ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन शामिल होंगे जिन्हें क्रमशः राज्यों की परिषद और लोगों की सभा के रूप में जाना जाएगा। लेकिन केंद्र सरकार संविधान को भी नहीं मान रही है।

नई संसद में अधिक सांसदों के बैठने की जगह

नए परिसर में लोकसभा में 888 लोग बैठ सकते हैं। जबकि पुरानी लोकसभा में 543 सदस्यों के ही बैठने की जगह थी। राज्यसभा में 384 लोग बैठ सकते हैं। पुरानी राज्यसभा में केवल 245 लोग ही बैठ सकते थे। संसद के हाल में 1272 सदस्यों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है। टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने इस बिल्डिंग का निर्माण किया है। नई दिल्ली के दिल में यह नया संसद भवन यानि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर एरिया में फैला है।

नई संसद भवन 4 मंजिला बनाया गया है। इसमें 3 दरवाजे हैं। इसे तीन नामों से जाना जाएगा-ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। यहां वीवीआईपी व सांसदों के लिए अलग एंट्री है। इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। यह पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा है। नई संसद की डिजाइन जाने माने आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने तैयार किया है। इसका शेप तिकोना है। जबकि पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का आकार गोलाकार है। 15 जनवरी 2021 से निर्माण इसका शुरू हुआ था और रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार है।

दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने नई संसद का किया था शिलान्यास

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन व अन्य प्रोजेक्ट्स की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। कोरोना काल में भी सेंट्रल विस्टा का काम नहीं रूका था। प्रधानमंत्री अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट्स के लिए समय समय पर निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण करने भी कई बार पहुंच चुके हैं।

1200 करोड़ के आसपास आई है निर्माण लागत

न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण 1200 करोड़ रुपये से किया गया है। शुरूआत 2020 में 861.9 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। हालांकि, बाद में इसकी लागत को बढ़ाते हुए 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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