गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मड आइलैंड…इन जगहों का बॉलीवुड कनेक्शन है। दरअसल, इन पब्लिक या रियल लोकेशन्स पर OMG- 2, डार्लिंग, द लंचबॉक्स और रेलवे मैन जैसी फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग हुई है। हालांकि इन रियल लोकेशन पर शूटिंग मुश्किलों से भरी होती है। कई बार स्टार्स को छेड़छाड़ जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि इन जगहों पर शूट करने से एक्टर्स कतराते भी हैं। मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी कई फिल्मों की शूटिंग हुई है। अगर 4 बोगी में शूटिंग करनी है, तो 12 घंटे का किराया 7 लाख रुपए होता है। वहीं प्लेटफॉर्म पर शूटिंग का चार्ज 2 लाख रुपए है। आज के रील टु रियल में रियल लोकेशन पर शूटिंग के पूरे प्रोसेस को जानने के लिए हमने लोकेशन मैनेजर सुरजीत सिंह, अविनाश कुमार, मुंबई के वेस्टर्न रेलवे के पब्लिक रिलेशन के चीफ विनीत अभिषेक और एक्ट्रेस स्माइली सूरी से बात की। इन्होंने हमें बताया कि रियल लोकेशन पर शूटिंग कैसे की जाती है। यहां पर शूटिंग करने का खर्च कितना होता है। शूटिंग के दौरान लोकल लोगों को कैसे मैनेज किया जाता है। और रियल लोकेशन पर रात में शूटिंग कैसे होती है? रियल लोकेशन फाइनल करना सबसे चैलेंजिंग काम
सुरजीत सिंह कहते हैं- मुंबई स्थित मरीन ड्राइव, गेटवे ऑफ इंडिया जैसी रियल लोकेशन पर कई फिल्मों की शूटिंग होती है। हालांकि इन जगहों पर शूट करना बिल्कुल आसान नहीं है। स्क्रिप्ट फाइनल हो जाने के बाद प्रोडक्शन की तरफ से लोकेशन की डिमांड की जाती है। फिर हम सीन्स के हिसाब से लोकेशन की तलाश शुरू करते हैं। सबसे ज्यादा वक्त इसी में लगता है। 3-4 लोकेशन को शॉर्ट लिस्ट करने के बाद वहां के ओनर से बात की जाती है। ओनर की तरफ से सब फाइनल होने के बाद हम डायरेक्टर को उन शूटिंग लोकेशंस के बारे में बताते हैं। फिर उनकी टीम उसे देखने जाती है। जो लोकेशन लॉक होती है, वहां शूटिंग के लिए लोकल पुलिस और BMC (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) से परमिशन लेते हैं। इसके बाद लोकेशन पर बेस एरिया का काम शुरू होता है। जैसे कि एक्टर्स और उनकी टीम के रहने का इंतजाम। खाने का स्टॉल। क्रू मेंबर्स के ठहरने की व्यस्था। टेंट और लाइटिंग के सामान को रखने का सेटअप। लोकेशन की परमिशन के लिए चार्ज लगता है
रियल लोकेशन पर शूट करने के लिए BMC और लोकल पुलिस से परमिशन लेनी पड़ती है। लगभग 7 दिन में परमिशन मिल जाती है। इस परमिशन के लिए एक फिक्स अमाउंट भी पे करना होता है। मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी होती है फिल्मों की शूटिंग
कई फिल्मों की शूटिंग मुंबई की लोकल ट्रेन में भी हुई है। रेलवे में दो तरह से शूटिंग होती है, एक रेलवे प्लेटफॉर्म पर और दूसरा ट्रेन की बोगी में। इसके लिए रेलवे से स्पेशल परमिशन लेनी पड़ती है। दोनों कैटेगरी के परमिशन के लिए अलग-अलग चार्जेज होते हैं। जैसे कि अलग रेलवे प्लेटफॉर्म पर शूटिंग करनी है, तो उसके लिए 12 घंटे का चार्ज 2 लाख रुपए है। वहीं, 4 बोगी के अंदर शूटिंग करने पर 7 लाख का खर्च आता है। हफ्ते में सिर्फ संडे को शूटिंग की जा सकती है। जिस ट्रेन में शूटिंग होती है, उसमें लोकल पैसेंजर्स मौजूद नहीं होते। अगर रनिंग ट्रेन में शूट करना है, तो एक लिमिटेड डिस्टेंस के अंदर ही शूटिंग करने की परमिशन मिलती है। इसका भी चार्ज अलग होता है। साथ ही रेलवे डिपार्टमेंट के रूल्स-रेगुलेशन को फॉलो करना जरूरी होता है। शूटिंग देख भीड़ बेकाबू हो जाती, लोकल लोग धमकी भी देते हैं
सुरजीत ने कहा- रियल लोकेशन पर शूट करते वक्त आसपास रहने वालों को मैनेज करना सबसे बड़ा टास्क होता है। फिल्मों की दुनिया वैसे भी आम लोगों को बहुत लुभाती है। फिल्मी सितारों को देख कर वो बेकाबू हो जाते हैं, जिन्हें मैनेज करना हमारा काम होता है। कई बार तो लोकल लोग बहुत परेशान करते हैं। धमकी तक देते हैं। उन्हें लगता है कि इसके बाद उन्हें पैसे मिल जाएंगे। भीड़ से बचने के लिए मेकर्स करते हैं गुरिल्ला शूटिंग
जब रियल लोकेशन पर शूटिंग होती है, तो भीड़ इकट्ठा हो ही जाती है। इस भीड़ से बचने के लिए मेकर्स कभी-कभार गुरिल्ला शूटिंग करते हैं। मतलब कि लोकल लोगों से छिपकर शूटिंग करना। इस बारे में अविनाश कुमार ने कहा- जैसे कि हाल ही में अमीषा पटेल की एक फिल्म की शूटिंग थी। हमें नोएडा के एक मॉल में अमीषा जी और उनके को-एक्टर का पास-ऑन शॉट लेना था। हम वहां किसी को बिना बताए ही कैमरा लेकर पहुंच गए थे और शूटिंग कर ली थी। आखिरी शूट के दिन जब हम लोग निकलने वाले थे, तभी मॉल में लोगों को पता चला गया कि एक्ट्रेस अमीषा पटेल आई हैं। उन्हें पहचानते ही भीड़ बेकाबू हो गई। लोग उनसे हाथ मिलाने, फोटो खिंचाने के लिए उतावले हो गए। उस दिन का मंजर मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। गनीमत थी कि मॉल के बाहर हमारे बाउंसर्स थे, जिन्होंने सब कुछ संभाल लिया। रात में शूटिंग के वक्त सिक्योरिटी के लिए रहती है पुलिस
कई दफा रियल लोकेशन पर रात में भी शूट करना पड़ता है। ऐसे में लोकल पुलिस रात में लोकेशन पर मौजूद रहती है। स्टार्स और क्रू मेंबर्स के लिए वैनिटी वैन की व्यवस्था रहती है। खासकर लाइट का पूरा इंतजाम रहता है। कॉलेज में शूटिंग के दौरान एक्ट्रेस के कपड़ों पर लोगों ने किया कमेंट
भले ही रियल लोकेशन पर शूट करने से फिल्मों में रियल टच मिलता है, लेकिन इन जगहों पर शूट करना एक्टर्स के लिए चुनौतियों से भरा होता है। सेफ्टी की वजह से वे लोग इन जगहों पर शूट करने से कतराते हैं। रियल लोकेशन पर शूट करते वक्त कभी-कभार छेड़छाड़ की घटना भी हो जाती है। इस बारे में लोकेशन मैनेजर अविनाश ने कहा- ऐसा कई बार होता है कि अपने पसंदीदा स्टार को देखने के बाद फैंस बेकाबू हो जाते हैं। जाने-अनजाने स्टार को गले लगा लेते हैं, कई बार तो किस तक कर लेते हैं जिससे स्टार असहज महसूस करते हैं। कई बार तो एक्ट्रेस के पहनावे पर लोग भद्दे कमेंट्स करते हैं। एक बार हम एक कॉलेज में शूट कर रहे थे। वहां के कुछ बच्चे लीड एक्ट्रेस पर कमेंट पास कर रहे थे। उनके पहनावे पर अभद्र टिप्पणी कर रहे थे। मामला बहुत ज्यादा न बिगड़ जाए, इसलिए हम कॉलेज से उस एक्ट्रेस को बाहर ले आए थे। ऐसी सिचुएशन को हमें प्यार से हैंडल करना पड़ता है। सामने वाले पर हम भड़क नहीं सकते हैं, बल्कि उन्हें कायदे से ही समझाना पड़ता है। …………………………………………………………………………….. बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… जयपुर में जन्मीं ब्रिटिश एक्ट्रेस गिब्सन की मर्डर मिस्ट्री:जहाज से अटलांटिक महासागर में फेंकी लाश, हत्यारा बोला- संबंध बनाते हुए मौत हुई तो घबरा गया अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर्स में पढ़िए जयपुर में जन्मीं ब्रिटिश एक्ट्रेस गे गिब्सन की हत्या की कहानी, जो 77 साल बाद भी अनसुलझी है। पढ़ें पूरी खबर…बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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