January 21, 2025
Exclusive : अवध ओझा के लिए क्यों छोड़ी पटपड़गंज सीट? मनीष सिसोदिया ने बताया

Exclusive : अवध ओझा के लिए क्यों छोड़ी पटपड़गंज सीट? मनीष सिसोदिया ने बताया​

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव में कड़ी टक्कर होने की संभावना है, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली में 25 साल से अधिक समय तक सत्ता से बाहर रहने के बाद वापसी के प्रयास में है. मतगणना आठ फरवरी को होगी.

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव में कड़ी टक्कर होने की संभावना है, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली में 25 साल से अधिक समय तक सत्ता से बाहर रहने के बाद वापसी के प्रयास में है. मतगणना आठ फरवरी को होगी.

दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हैं. लगातार दो बार से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. आप के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा भी मैदान में मौजूद है. एनडीटीवी ने आप नेता मनीष सिसोदिया से एक्सक्लुजीव बातचीत की है. इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए हैं, जिनका जवाब मनीष सिसोदिया ने बेबाकी से दिया है.

सवाल- 13, 15 और 20, क्या ये मनीष सिसोदिया और आप का सबसे कठिन चुनाव है?

जवाब- हर चुनाव मुझे तो कठिन लगा है. हमने तो ये ही मानकर लड़ा है कि चुनाव कठिन है. पूरी ताकत से लड़ना है.. कहीं भी किसी भी गलतफहमी में नहीं रहना है कि चिंता की जरूरत नहीं है.. काम किया है… लेकिन लोगों के बीच जाना, वोट मांगना और उनसे चर्चा करना हमारा विजन क्या है, उनकी जरूरत क्या है, उनका सोल्यूशन क्या है. उस सब पर चर्चा नहीं करेंगे तो कठिन ही है..

हम कूड़े के पहाड़ों को छोड़कर एमसीडी के सारे काम 2015 से हमने ही कराए हैं. 10 हजार किलोमीटर की सड़के एमसीडी की हमने बनवाई हैं. ये काम तब किया जब एमसीडी हमारे पास नहीं थी. हमने कभी काम में कौताही नहीं की कि एमसीडी हमारे पास नहीं है तो दिल्ली में सड़के नहीं बनवाएंगे, दिल्ली में पीडबल्यूडी की तो 1300 किलोमीटर की लड़के हैं, जबकि एमसीडी की तो 10 किलोमीटर हैं. उनकी सड़कें केजरीवाल के समय में बनी हैं. सत्ता विरोधी लहर का फैक्टर रहता है वो तो चार दिन बाद से ही शुरू हो जाता है. लेकिन ये फायदा ये है कि जब 10 साल में आप कोई काम करते हैं ना खासतौर पर स्कूल, अस्पताल बिजली पानी तीर्थयात्रा, फ्री बस सेवा, इतने सारे काम केजरीवाल सरकार के समय हुए हैं. हर योजना का लाभार्थी कहीं ना कहीं बैठा है. उसकी कहीं कोई छोटी मोटी शिकायत भी है तो उसे भरोसा केजरीवाल पर ही है. अपनी शिकायत पर भी, कि अगर मेरी कोई शिकायत है तो केजरीवाल सरकार ही ठीक करेगी, ये उसका भरोसा है.

सवाल – पिछली बार आप चुनाव लड़ रहे थे. तो डिप्टी सीएम चुनाव लड़ रहे है. आपके जीवने में पिछले 2 साल में जबरदस्त उतार चढ़ाव आए, उसका फायदा हो रहा है या नुकसना हो रहा है?

जवाब- फायदा-नुकसान उसका कुछ दिख नहीं रहा है. जंगपुरा विधानसभा में मैं जहां भी जा रहा हूं तो हर कॉलोनी में कोई ना कोई परिवार, कोई बच्चे गली से निकलकर आ जाते हैं जो कहते हैं कि मैं तो स्कूल में था जब आप स्कूल आते थे. मैं पढ़ा हुआ हूं. कल किसी झुग्गी में गया हुआ था तो कोई वहां अपनी बेटी को लेकर आया और बोला कि मेरी बेटी डीयू में पढ़ रही है और इसलिए पढ़ पाई कि आपके स्कूल अच्छे हो गए थे. यहां के स्कूलों में मैने तब काम किया जब मैं यहां से विधायक नहीं था. हजारों हजार परिवार ऐसे हैं जिनके बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिली है. फिर बात मेरी ही नहीं है बिजली के बिल जीरो आ रहे हैं.. लोगों को याद है कि इनवेटर का युग खत्म हुआ तो केजरीवाल की वजह से खत्म हुआ. ये सारी चीजें नहीं ना कहीं जुड़कर एक प्लस प्वाइंट दे रही हैं. लोगों को लगता है कि इन्हें काम करना आता है. ये लोग काम करने में मजा लेते हैं.

सवाल- केजरीवाल के बाद सबसे बड़ा चेहरा सिसोदिया का माना जाता है तो ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि उन्हें अपनी सीट छोड़नी पड़ गई?

जवाब- सीटें चेंज करना किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा रहता है. जैसे मोदी जी गुजरात से गए यूपी में चुनाव लड़ने. तो ऐसे थोड़ी था उन्हें गुजरात छोड़ना पड़ रहा था. उन्होंने सोची-समझी रणनीति के तहत कोई फैसला लिया है. मेरे केस में भी जब हमने सोचा कि अवध ओझा जी चुनाव लड़ें मैं तो चाहता हूं कि देश का हर एक शिक्षाविद आम आदमी पार्टी में आए और चुनाव लड़े. फिर पूरी पार्टी का प्लस माइनस एजुकेशन हो. तो उसके लिए हमें शिक्षाविद को दिल खोलकर जगह देनी पडे़गी. अवध ओझा जी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं तो पटपड़गंज विधानसभा में रहा हूं. आप मुझे अपनी सीट से लड़ा सकते हैं क्या. उन्होंने मुझसे पूछा था कि आप मुझे कौन सी सीट से चुनाव लड़वाएंगे? तो मैंने कहा कि कोई भी सीट बता दीजिए उससे लड़वा देंगे. इससे देश को एक मैसेज देना चाहते हैं कि शिक्षाविद की आम आदमी पार्टी में इतनी वैल्यु है कि सिसोदिया डिप्टी सीएम और इतना बड़ा चेहरा भी अपनी सीट छोड़कर शिक्षाविद को दे सकता है.

सवाल- क्या आपका विधानसभा क्षेत्र मजबूत है है जो किसी भी उम्मीदवार को जीत दिलवा सकती है. बीजेपी ने सवाल उठाया कि क्या मनीष सिसोदिया हार के डर से सीट छोड़कर भाग गए?

जवाब- भाजपा के पास समस्या ये है कि उनके पास अपना काम तो है नहीं बताने को… लोग उनसे पूछते हैं कि कानून-व्यवस्था पर उन्होंने कुछ किया है. केजरीवाल ने स्कूल, अस्पताल पानी बिजली पर केजरीवाल काम कर रहे हैं तो कानून-व्यवस्था में तो मोदी सरकार को काम करना था. क्यों नहीं किया. उस पर तो कोई जवाब नहीं है.. कभी केजरीवाल को कभी मेरे बारे में उल्टा सीधा बोलेंगे. जनता इन सारी चीजों को अलग रूप से देखेंगी. जनता ने कहा है कि आप चिंता ना करो आपने काम किया है, हम आपको ही वोट देंगे. जनता ने हमसे कहा है कि आपका विजन सराहनीय है. इस आधार पर हम आपको वोट देंगे. हमें भरोसा है आपके ऊपर. आपने महिलाओं को और पुजारियों को सम्मान देने की बात कही है.

सवाल- जनता का कहना है कि चुनाव टक्कर का है, मारवाह जी लोकल हैं तो क्या मनीष सिसोदिया जी बाहरी हैं क्या?

जवाब- लोकल जैसे शब्द नैरेटिव चलाने के लिए है. लोगों को ये पता है कि दूसरी पार्टी आएगी तो बच्चों को गाली-गलौच सिखाएगी, वहीं आम आदमी पार्टी आएगी तो बच्चों का भविष्य संवारने का काम करेगी. घर का मैं हूं जो उनके काम आऊंगा, बाहरी लोग उनकी जमीनों पर कब्जा करेंगे. हमारी पार्टी आने से जनता को बिजली 24 घंटे मिलेगी. 21 सौ रूपये महिलाओं को आएंगे. जनता कहेंगे कि बेटा या भाई हो तो केजरीवाल जैसा. बीजेपी वाले बाहरी-बाहरी करते रहेंगे और लोग मुझे घर में बिठा लेंगे.

सवाल- आप डिप्टी सीएम थे, आपको जेल जाना पड़ा. एक पत्रकार से एक नेता बने, क्या आपने सोचा था कि आपको तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा कभी

जवाब- जब आंदोलन किया था तो पुलिस थाने में लेकर गई थी. जब अन्ना आंदोलन शुरु हुआ तो उस वक्त भी पुलिस तिहाड़ जेल भेज दिया. जब आप लड़ते हो तो ये सब सचना नहीं चाहिए कि आपको क्या-क्या झेलना पड़ेगा. आपको सबकुछ झेलना पड़ेगा.

सवाल- उस वक्त आप बदलाव के लिए लड़ रहे थे, इस बार आपके ऊपर आरोप लगे हैं. वो पार्टी जो करप्शन के खिलाफ लड़ती थी, उसी पर करप्शन के आरोप लगे.

जवाब- वो पार्टी जो करप्शन के ऊपर लड़ती थी, हम तिरंगा लेकर चलते थे तो हमारे ऊपर लिखा जाता था कि हम हथियार लेकर चल रहे हैं. ये थोड़े लिखते थे कि हम तिरंगा लेकर चलते थे. लोग लिखते थे कि हम हथियार लेकर चल रहे हैं. आरोप गढ़ने वाले लोग ऐसी कहानियां गढ़ते थे. लोग पहले कहते थे कि सरकार के खिलाफ हम हैं, हमने कानून तोड़ा है. अब लोगों को लगने लगा है कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. विपक्ष को दबाने के लिए, विपक्ष को तोड़ने के लिए एजेंसियों का प्रयोग किया जा रहा है. जनता अब समझ चुकी है.

सवाल- कितना मुश्किल रहा वो समय, जब आपकी वाइफ की तबीयत खराब होती थी.

जवाब- परिवार के लिए समय खराब था. मेरा बेटा और मेरी वाइफ के लिए बहुत ही मुश्किल भरा समय था. मेरी फैमिली ने बहुत ही मैच्योरिटी के साथ इस टफ समय को निकाला. बीजेपी की तरफ से हमेशा प्रेशर बनता था कि आप क्यों लड़ाई लड़ रहे हो, तब फैमिली कहती थी कि आप लड़ाई लड़ते रहो, मैं आपके साथ हूं. परेशानी हो सकती है मगर हम आपके साथ है. फैमिली सपोर्ट के कारण ही मैं ये लड़ाई लड़ पा रहा हूं.

सवाल- कभी जेल में लगा कि कहां फंस गए यार, इन चक्करों में. वाइफ की तबीयत खराब है,

जवाब- ये सब सोचने लगेंगे तो कैसे होगा, लोग देश की लिए फांसी चढ़ गए. कई लोगों ने हमसे ज्यादा कुर्बानियां दी हैं. आज हमारी लड़ाई एजुकेशन माफियाओं से हैं, हेल्थ माफियाओं से है. दवाइयों का माफिया है, बिजली माफियाओं से है. उन्हें शह देने वाली पॉलिटिकल पार्टियों से है. ऐसे में ये सिस्टम हमारे खिलाफ जरूर खड़े होंगे. हमारी लड़ाई तो छोटी है. कई लोगों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी है, कास्ट सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. हम तो बिजली पानी के लिए लड़ रहे हैं. हमारी कुर्बानी तो कुछ नहीं है.

सवाल- आम आदमी पार्टी की पहचान पर असर पड़ा है. शीश महल, सोने का कमोड जैसे सवाल से पार्टी की छवि धूमिल हुई है.

जवाब- लोग न हर चीज को देखते हैं. लोग देखते हैं कि कुछ लोग 10 लाख का सूट सरकारी खर्चे पर पहनते हैं. लोग ये भी देखते हैं कि 200 करोड़ के झूमर का राजमहल बनवा रहा है. जब भाजपा ने झूठ फैलाना शुरु किया कि अरविंद केजरीवाल के घर में सोने का टॉयलेट बना है तो हम कहते हैं कि आओ भाई देख लोग घर आकर. इतनी बड़ी पार्टी है बीजेपी, केंद्र में भाजपा की सरकार भी है. दिल्ली में आधी सरकार है. 20 राज्यों में सरकार है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा, दिल्ली में बिजली, शिक्षा, अस्पताल जैसे मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है. ये लोग अरविंद केजरीवाल के टॉयलेट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. झूठ फैलाकर चुनाव लड़ना चाहतेे हैं.

सवाल- इतने बड़े घर की आवश्यकता क्या थी

जवाब- केजरीवाल ने किसी की जमीन कब्जा तो नहीं की. सीएम अवास था, उसका रिनोवेशन किया. भाजपा ने झूठ फैलाया कि उसमें सोने के टॉयलेट और स्वीमिंग पूल हैं. तो कहां हैं.. झूठ क्यों फैलाया जा रहा है. मिनी पब बार है, जब हमने घर दिखाना शुरु किया तो पुलिस लगा दी. बीजेपी नहीं चाहती है कि सच्चाई सामने आए.

सवाल- इस बार चुनाव जीत जाते हो तो भाजपा केंद्र में भी है, एलजी भी उन्हीं का है, जो अब तक नहीं हो पाया है, वो कैसे होगा. क्या बदल जाएगा

जवाब- काम वही होता रहेगा, कुछ नहीं बदलेगा. 2015 से वही भाजपा है, वही एलजी हैं. बिजली फ्री करनी चाही, सीसीटीवी लगाना चाहा, इन्होंने रोका. महिलाओं के लिए बस फ्री की, इन्होंने रोका. हम हर काम लड़कर करवाना चाहते हैं. भाजपा को इन कामों में इंटरेस्ट नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर में इंटरेस्ट नहीं हैं.

सवाल- लड़ाई ऐसी ही होती रहेगी. मनीष और केजरीवाल ऐसे ही लड़ते रहेंगे

जवाब- काम वैसा ही होता रहेगा. हम सरकार से लड़ के काम करवाएंगे. अगर रोकने की कोशिश की तो हम अपनी लड़ाई तेज कर देंगे. जनता को यही अंदाज पसंद आती है. जनता को लगता है कि ये लोग कोई काम डिसाइड कर लेते हैं तो करवा कर ही मानते हैं.

सवाल- ये चुनाव रेफरेंडम है. आपने कहा था कि चुनकर भेजोगे तभी सीएम और डिप्टी सीएम बनेंगे

जवाब- बिल्कुल, ये चुनाव रेफरेंडम है. हर चुनाव रेफरेंडम है. हम 10 साल से हैं, जनता को लगता है कि अगर हमने उनकी भलाई के लिए काम किया है तो हमें वो चुनाव जीतवाकर भेजेगी.

सवाल- यमुना, पॉल्यूशन पर काम क्यों नहीं हो पाया

जवाब- देखिए जब आप 100 काम लेकर चलते हैं तो 80-90 काम ही पूरे होते हैं. अंतर बस इतना है कि 10 काम अधूरे होते हैं तो एक्सेप्ट करते हैं. अब मोदी जी और आमित शाह ने जनता से कई वायदे किए थे. उन्होंने जनता से कहा था कि हर खाते में 15 लाख आएंगे. रुपये के बारे में कहा था डॉलर से बड़े होंगे. अब कहते हैं कि वे जुमले थे. चुनाव के बाद जनता पूछती थी कि क्या हुआ, तो वे बोलते हैं कि जुमले थे जी. केजरीवाल जी ने एक काम को भी जुमला नहीं कहा है. वे कहते हैं कि मैंने ये काम किए हैं, ये अधूरे रह गए हैं जो पूरे करवाने हैं. मैं इसे पूरा करूंगा. हम किसी काम को जुमला नहीं कहते हैं.

सवाल- एमएचए ने एक और केस चलाने की बात कही है आपलोगों पर.

जवाब- एमएचए आज मंजूरी दे रहा है. हमको 2 साल पहले ही जेल में डाल दिया था. इसका मतलब बिना मंजूरी के ही हमलोगों को जेल में डाल रखा था. इसका मतलब एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा था. एजेंसियों को कहा गया था कि मंजूरी मिलती रहेगी, पहले इन्हें जेल में डालो.

सवाल- चुनाव के बाद कहीं ये ना हो कि आपलोगों को फिर से जेल में डाल दे.

जवाब- ये केस केवल बेल तक था. ये काठ की हांडी है, केवल एक बार ही चढ़ती है. चढ़ गई.

सवाल- सीएजी की रिपोर्ट आपलोग विधानसभा में दिखा नहीं रहे हो.

जवाब- अभी किसे पता है कि सीएजी की रिपोर्ट हमारे खिलाफ है, हो सकता है कि वो हमारे हित में हो. अभी सीएजी की रिपोर्ट टेबल पर रखी जाएगी तभी तो पता चलेगा. सीएजी की रिपोर्ट जो आती है, पहले विधानसभा के टेबल पर रखी जाती है. कोई उसे नहीं खोल सकता है.

सीएजी की रिपोर्ट जरूरी है या स्कूल जरूरी है. हमने स्कूलों पर काम किया. हमने महिलाओं की सुरक्षा पर काम किया. हो सकता है कि तारीफ लिखी है

सवाल- बतौर वित्त मंत्री दिल्ली का बजट घाटे में चल रहा है. ये पहली बार ऐसा हो रहा है. आप ने फ्री-फ्री के चक्कर में नुकसान कर दिया, ऐसा बीजेपी कह रही है.

जवाब- बीजेपी झूठ बोल रही है. दिल्ली का बजट, जब हम सरकार में आए थे तो 30 हजार करोड़ का था, 5 साल के अंदर 60 हजार करोड़ का हो गया था, अब 78 हजार करोड़ का बजट है. दिल्ली का बजट तो हमेशा फायदे में रही है. केजरीवाल ने टैक्स खर्च करने में ही नहीं इकट्ठा करने में भी ईमानदारी बरती है. और दिल्ली कभी घाटे में हो ही नहीं सकती है. बीजेपी ने झूठ फैलाई है.

सवाल- केंद्र सरकार की रिपोर्ट में दिल्ली की जीडीपी 4 प्रतिशत घाटे में दिख रही है. नीति आयोग की रिपोर्ट में दिखाया गया है. इसमें सभी राज्यों की रिपोर्ट दिखाई जाती है.

जवाब- प्रोजेक्शन से पता नहीं चलता है. बजट का मतलब है कि दिल्ली सरकार जितनी खर्च कर रही है, उतना उसके पास है कि नहीं. नीति आयोग की रिपोर्ट दिखाना, फिर हम उसे देखेंगे.

सवाल- सभी स्कीम के लिए दिल्ली सरकार के पास पैसा है?

जवाब- पूरा पैसा है. दिल्ली की जनता खूब टैक्स देती है. ये लोग दिल्ली की जनता के दिए टैक्स की चोरी करते हैं. केजरीवाल ने इसे रोका है. ऐसे में हमारे पास इतने पैसे हैं कि हम फ्री में सभी स्कीम्स को चला सकें.

सवाल- मनीष सिसोदिया, चुनाव जीतने के बाद सीएम बनेंगे या डिप्टी सीएम?

जवाब- बीजेपी झूठ फैला रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है कि अरविंद केजरीवाल सीएम नहीं बनेंगे. बीजेपी सुबह से ही झूठ फैलाती है.

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