अबतक जेपीसी की 34 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें करीब 107 घंटे चर्चा हुई है. 27 जनवरी से कमिटी बिल को लेकर अपनी रिपोर्ट के मसौदे पर क्रमवार चर्चा शुरू करेगी. माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी.
वक्फ संशोधन विधेयक के सिलसिले में गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को बैठक हुई. बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद 10 विपक्षी सांसद को सस्पेंड कर दिया गया. जानकारी के अनुसार आज एक दिन के लिए 10 विपक्षी सांसद को सस्पेंड किया गया है. बैठक 24 और 25 जनवरी दोनों दिन होनी है. जेपीसी के विपक्षी सदस्यों ने बैठक टालकर 30 और 31 जनवरी करने की मांग की थी. हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे ख़ारिज किया था. आज की बैठक हंगामेदार होने की संभावना पहले से जताई जा रही थी. विपक्ष के सदस्यों का आरोप है कि तारीख बदली नहीं गई, साथ ही जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने आज नीति का एजेंडा उन्हें बिना बताए बदल दिया.
कल्याण बनर्जी
पिछले साल अगस्त में हुई थी पहली बैठक
अगस्त को संपन्न संसद सत्र के दौरान मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की गठन किया गया था. अगस्त में ही इनकी पहली बैठक हुई थी. जेपीसी का गठन संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के पारित नहीं हो पाने के बाद किया गया था.
जेपीसी ने हाल के महीनों में देश के विभिन्न राज्यों में बैठकों के माध्यम से वक्फ से जुड़े विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श करके उनकी आपत्तियों को जानने की कोशिश की है. अबतक जेपीसी की 34 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें करीब 107 घंटे चर्चा हुई है. 27 जनवरी से कमेटी बिल को लेकर अपनी रिपोर्ट के मसौदे पर क्रमवार चर्चा शुरू करेगी. माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी.
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में गठित पैनल में 31 सांसद शामिल हैं,
इनमें 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं. भारत में लगभग 30 वक्फ बोर्ड हैं,
30 वक्फ बोर्ड, नौ लाख एकड़ से अधिक भूमि पर फैली संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं.
इसका अनुमानित मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये है
भारतीय रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद देश में सबसे जमीन वक्फ बोर्ड के पास है..
विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अगस्त को पहली बैठक में कई विपक्षी सदस्यों ने दावा किया था कि विधेयक के प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के कानूनों का उल्लंघन करते हैं. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक में उल्लिखित विभिन्न धाराओं पर सवाल उठाए थे, जिसमें विशेष रूप से जिला कलेक्टरों को विवादित संपत्ति के स्वामित्व पर निर्णय लेने का अधिकार देने के प्रस्ताव के साथ-साथ गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव पर सवाल किया गया.
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