Bishan Singh Bedi Death: भारतीय क्रिकेट का एक ध्रुवतारा सोमवार को विलीन हो गया। मशहूर क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के निधन की सूचना है। बेदी ने 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। क्रिकेट की दुनिया के महानतम स्पिनर्स में शुमार बिशन सिंह बेदी अपने दम पर कई मैच जीता चुके हैं। बेदी अपने पीछे पत्नी अंजू, बेटे अंगद और बहू नेहा को छोड़ गए हैं। अंगद बेदी की पत्नी नेहा धूपिया मशहूर एक्ट्रेस है।
1970 में पद्मश्री विजेता बिशन सिंह बेदी ने 22 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी भी की और 1975 में पूर्वी अफ्रीका के खिलाफ भारत का पहला एकदिवसीय मैच खेला था। बेदी को खेल की दुनिया का सबसे महान बाएं हाथ का स्पिनर माना जाता है।
कैसा रहा बिशन सिंह बेदी का करियर
स्पिन में बादशाहत रखने वाले बिशन सिंह बेदी ने 1967 से 1979 तक क्रिकेट खेला था। उन्होंने अपने करियर में 67 टेस्ट मैच तो 10 वनडे क्रिकेट मैच खेले हैं। टेस्ट में बेदी ने 266 विकेट लिए हैं तो वनडे में 7 विकेट लिए हैं। उन्होंने टेस्ट में 7637 रन और वनडे में 340 रन बनाए थे।
भारतीय क्रिकेट टीम की कर चुके हैं कप्तानी
दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी, भारतीय टीम के कप्तान भी रहे हैं। भारतीय कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी को हटाकर 1976 में बिशन सिंह बेदी को कप्तानी सौंपी गई थी। भारतीय टीम ने इसके बाद वेस्ट इंडीज का दौरा किया। कप्तान के रूप में बिशन सिंह बेदी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में 1976 में जीत हासिल की। हालांकि, इसके बाद घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-1 से हारना पड़ा। आस्ट्रेलिया दौरे पर भी टेस्ट सीरीज 3-2 से हारना पड़ा। सबसे खराब प्रदर्शन पाकिस्तान दौरे पर रहा जब भारतीय टीम को 2-0 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बेदी को कप्तानी से हटा दिया गया। बेदी के बाद महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया।
बेदी का सर्वश्रेष्ठ रहा है आस्ट्रेलिया के खिलाफ
हालांकि, बिशन सिंह बेदी की फिरकी के आगे कोई भी दिग्गज बल्लेबाज परेशान हो जाता था लेकिन उनका सर्वश्रेष्ठ अधिकतर आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही रहा। उन्होंने 1969–70 में कलकत्ता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी में 98 रन देकर सात विकेट लिए थे। यह उनका एक पारी का बेस्ट पूरे करियर में रहा। 1977–78 में पर्थ टेस्ट में आस्ट्रेलियाई 10 बल्लेबाजों को आउट कर दिया। बेदी ने दोनों पारियों में 194 रन देकर कुल 10 विकेट झटके थे। उनकी कलाई से केवल गेंद ही नहीं बल्कि बल्ला भी बोलता था। टेस्ट में इकलौता अर्धशतक उन्होंने 1976 में कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाया था।
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