कुवैत की सरकार के नागरिकता छीनने के फैसले का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ा है, जिन्हें शादी के बाद कुवैती नागरिकता मिली थी. खासकर इनमें वो महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें कुवैती पुरुषों से शादी करने के बाद नागरिकता मिली थीं.
मुस्लिम कंट्री कुवैत में जब से नए शासक ने सत्ता संभाली है. तब से ही लिए जाने वाले फैसलों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. कुवैत में दिसंबर 2023 में 84 साल के नए अमीर, शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ( Kuwait Sheikh Meshal) सत्ता में आए थे. उसके बाद से उनके फैसले कुवैत की सियासत और समाज को हैरान कर रहे हैं.
सबसे पहले मई 2024 में कुवैत के अमीर ने लोकतंत्र को खतरा बताते हुए संसद को भंग किया…फिर संविधान में संशोधन की घोषणा की. इसके बाद उनका विरोध करने वाले कई सांसदों और लोगों को गिरफ्तार करने की भी खबरें आईं.कुवैत के नए अमीर ने दावा किया कि कुवैत की इस संसद ने दशकों से कुवैत को पंगु बनाए रखा था.
कुवैत में छिन गई 42000 लोगों की नागरिकता
इसके बाद कुवैत में पिछले छह महीनों में लगभग 42,000 लोगों की नागरिकता छीन ली गई. कुवैत के नए राजा, शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा अपनी इस नई नीति को लेकर दावा करते हैं कि इसका लक्ष्य उन विदेशियों को निशाना बनाना है जिन्होंने अवैध रूप से कुवैती नागरिकता प्राप्त की थी.
हालांकि, उनपर आरोप भी लगा कि इस एक्शन में उनके राजनीतिक विरोधियों को भी निशाना बनाया जा रहा है. इसकी पुष्टि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी की. एमनेस्टी इंटरनेशनल एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था है जिसका उद्देश्य “मानवीय मूल्यों और मानवीय स्वतंत्रता को बचाना और भेदभाव को मिटाना है.
कुवैत के नए अमीर की नई नीतियां
कुवैत में सितंबर 2024 से अब तक करीब 42,000 नागरिकों की राष्ट्रीयता छीन ली गई है, जो किसी भी खाड़ी देश के लिए एक बहुत बड़ा फैसला है. हालांकि कुवैत में पहले भी नागरिकता रद्द करने का इतिहास रहा है, लेकिन छिटपुट रूप से और अदालती फैसलों के बाद…लेकिन इस बार नए अमीर की नई नीतियों की वजह से ऐसा हो रहा है.
और सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार के नागरिकता छीनने के फैसले का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ा है, जिन्हें शादी के बाद कुवैती नागरिकता मिली थी. खासकर इनमें वो महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें कुवैती पुरुषों से शादी करने के बाद नागरिकता मिली थीं. नागरिकता छिनने के बाद अब वो सरकार की तरफ से मिलने वाली किसी भी तरह की सरकारी सुविधा का लाभ नहीं पा सकेंगी, जैसे, स्वास्थ्य सेवाएं, बच्चों की शिक्षा…वगैरह, वगैरह.
कुवैत की सरकार का दावा जानिए
हालांकि कुवैत के नए अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा की सरकार इन फैसले को देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी बता रही है. कुवैत की सरकार ने अपने देश में अवैध तरीके से रहने वाले फर्जी लोगों को पकड़वाने के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू कर दी है. जिसके जरिए कुवैत के लोग फर्जी लोगों की जानकारी सरकार और प्रशासन तक पहुंचा सकते हैं.
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