पीड़िता के बेटे ने बताया कि गांव के विकास साह, राहुल साह, श्याम कुमार और गणेश कुमार ने उनकी मां को डायन बताकर बेरहमी से पीटा. जब भी इन युवकों के घर में कोई बीमार पड़ता है या कोई परेशानी होती है, तो उनकी मां को ही इसका जिम्मेदार ठहराया जाता है. पढ़ें श्याम सिंह की रिपोर्ट…
देश इतना आगे बढ़ चुका है लेकिन फिर भी अंधविश्वास (Bihar Superstition) दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. देश के कुछ हिस्सों में आज भी महिलाओं को डायन बताकर उन पर अत्याचार किया जाता है. ऐसा ही ताजा मामला बिहार के कटिहार पोठिया थाना क्षेत्र के डूमर पंचायत से सामने आया है. यहां पर चार युवकों ने एक महिला को डायन बता कर उसे बेरहमी से पीटा. ये हैवान पहले महिला को घसीटते हुए बीच मैदान में लाए और फिर लात-घूंसों और डंडों से उस पर हमला कर दिया.
डायन के शक में महिला को बेरहमी से पीटा
पड़ोस की एक महिला ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उसे भी इन युवकों ने बेरहमी से पीटा. महिला की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह घटना गुरुवार दोपहर डूमर वार्ड नंबर 5 में हुई. पीड़ित महिला का नाम फूल कुमारी है. 38 साल की फूल घर में अकेली थी. तभी चार युवक घर में घुसे और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. महिला जान बचाने के लिए बाहर भागी, लेकिन इन लोगों ने उसे घसीटकर फिर से पीटा. वह चिल्लाती रही, रोती रही, लेकिन हमलावरों ने डंडे बरसाना जारी रखा.

मोहल्ले के चार लड़कों ने महिला पर बरसाए डंडे-घूंसे
पड़ोस की एक महिला ने उसे बचाने की कोशिश की, तो उसे भी डंडे से पीटा गया. इस घटना के सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला की चीख सुनकर मोहल्ले के कुत्ते भी उसे बचाने के लिए भौंक रहे हैं. लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर सका. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेली में भर्ती कराया. गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. परिजनों ने पोठिया थाना में चारों युवकों और एक महिला मोनिका देवी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है.
रोती, चीखती रही महिला, किसी ने नहीं बचाया
पीड़िता के बेटे ने बताया कि गांव के विकास साह, राहुल साह, श्याम कुमार और गणेश कुमार ने उनकी मां को डायन बताकर बेरहमी से पीटा. बेटे ने कहा कि जब भी इन युवकों के घर में कोई बीमार पड़ता है या कोई परेशानी होती है, तो उनकी मां को ही इसका जिम्मेदार ठहराया जाता है. यहां तक कि अगर किसी का मवेशी भी बीमार पड़ता है, तो भी उनकी मां को दोषी ठहरा दिया जाता है. अंधविश्वास की वजह से गांव में पहले भी उनकी मां को प्रताड़ित किया गया था, लेकिन इस बार हमलावरों ने हद पार कर दी.

दहशत में परिवार, न्याय की गुहार
हमलावर उसकी मां को घसीटकर घर से बाहर ले गए और डंडों व घूंसों से पीटा. वह चीखती रही, रोती रही, लेकिन किसी ने बचाने की हिम्मत नहीं की. जब पड़ोस की एक महिला ने बचाने की कोशिश की, तो उसे भी बेरहमी से मारा गया. अब पूरा परिवार दहशत में है और न्याय की मांग कर रहा है. पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की आश्वासन दिया है.
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