अमेरिका ने आखिरी बार दिसंबर 1972 में अंतिम अपोलो मिशन से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा था. उसके बाद आर्टेमिस प्रोग्राम के जरिए 2027 में चांद की सतह पर मनुष्यों को वापस भेजे जाने की तैयारी है.
नासा ने दुनिया से एक वादा किया था. वादा पुराना था और इस बात का था कि वह चांद पर पहली महिला और पहले अश्वेत (कलर्ड पर्सन) को उतारेगा. हालांकि अब नासा ने अपना यह प्लान छोड़ दिया है. तो आप पूछेंगे कि वजह क्या है? चलिए वजह से पहले आपको नासा का यह वादा बताते हैं.
जो वादा किया वो….
अमेरिका की इस स्पेस एजेंसी ने चांद पर इंसानों को उतारने के लिए आर्टेमिस प्रोग्राम बनाया है. अमेरिका ने आखिरी बार दिसंबर 1972 में अंतिम अपोलो मिशन से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा था. उसके बाद आर्टेमिस प्रोग्राम के जरिए 2027 में चांद की सतह पर मनुष्यों को वापस भेजे जाने की तैयारी है.
इसी आर्टेमिस प्रोग्राम के मूल वादा था या कहें कि प्लॉट था कि इसके जरिए पहली बार एक महिला को और एक अश्वेत को चांद पर भेजा जाएगा. लेकिन अब यह प्लान छोड़ दिया गया है.
नासा की वेबसाइट पर आर्टेमिस प्रोग्राम के लिए जो पेज है, उसमें पहले ये शब्द शामिल थे: “नासा पहले से कहीं अधिक चंद्र सतह का पता लगाने के लिए इनोवेटिव टेक्नोलॉजी का उपयोग करके चंद्रमा पर पहली महिला, पहले कलर्ड पर्सन और पहले इंटरनेशनल पार्टनर अंतरिक्ष यात्री को उतारेगा.”
लेकिन इस पेज का जो नया वर्जन नजर आ रहा, उसमें ये वाला हिस्सा हटा दिया गया है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार इसकी जानकारी न्यूजपेपर ऑरलैंडो सेंटिनल द्वारा दी गई थी.
वजह क्या है?
वजह कोई और नहीं अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी नीतियां है. जबसे ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे हैं, उन्होंने अमेरिका की जितनी फेडरल (केंद्रीय) एजेंसियां हैं, उन्हें विविधता, समानता और समावेशन (DEI) की प्रथाओं को खत्म करने का निर्देश दे दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार नासा के प्रवक्ता एलार्ड ब्यूटेल ने गार्जियन को ईमेल किए गए एक बयान में कहा: “राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश को ध्यान में रखते हुए, हम नासा के आर्टेमिस कैंपेन के हिस्से के रूप में चंद्र सतह पर चालक दल भेजने की योजना के संबंध में अपनी भाषा को अपडेट कर रहे हैं. हम अपनी एजेंसी के लिए ट्रंप प्रशासन की योजनाओं और सभी के लाभ के लिए चंद्रमा और मंगल पर खोज का विस्तार करने के बारे में और अधिक सीखने के लिए उत्सुक हैं.”
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