भारत द्वारा राहत सामग्री की पहली खेप भेजे जाने के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमा के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है.’ म्यांमा में भारतीय दूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी.
म्यांमा में आए भीषण भूकंप से हुई मौत और तबाही के बीच भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई तथा आपातकालीन मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव दलों के साथ हवाई और समुद्री मार्ग से और आपूर्ति भेजी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमा के सैन्य जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत उनके देश में आए भीषण भूकंप से मची तबाही से निपटने के प्रयासों में उनके साथ एकजुटता से खड़ा है. भारत ने म्यांमा के लिए अपने बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया है. अधिकारियों ने बताया कि भारत स्थानीय प्राधिकारों की मदद के लिए म्यांमा में बचाव कर्मियों को पहुंचाने वाला पहला देश बन गया है.
यांगून शहर में 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई
भारत की ओर से सैन्य परिवहन विमान में 15 टन आवश्यक राहत सामग्री यांगून पहुंचाने के कुछ घंटों बाद, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो सी130जे विमान नेपीता में उतरे, जिनमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कुल 80 कर्मी तथा कुछ और सहायता सामग्री थी. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के दो और सी17 सैन्य विमान, 60 पैरा-फील्ड एम्बुलेंस लेकर, शीघ्र ही म्यांमा में उतरेंगे. भारत ने इससे पहले दो मौकों 2015 के नेपाल भूकंप और 2023 के तुर्किये भूकंप के समय विदेश में एनडीआरएफ की तैनाती की थी. सूत्रों ने बताया कि हवाई उड़ानों और नौसेना के जहाजों द्वारा भेजी गई कुल राहत सामग्री 137 टन है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार और सामग्री भेजी जाएगी.
पीएम मोदी ने म्यांमा के सैन्य जनरल से फोन पर बातचीत के बाद ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत होने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. भारत एक निकट मित्र और एक पड़ोसी के रूप में इस कठिन समय में म्यांमा के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.” मोदी ने कहा कि भारत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, तलाश एवं बचाव दल भेज रहा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय नौसैन्य जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह गए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस मानवीय सहायता अभियान के तहत दो और भारतीय नौसैनिक जहाज वहां पहुंचेंगे. जयशंकर ने कहा कि 118 सदस्यीय भारतीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई भी म्यांमा के लोगों को प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में सहायता के लिए आगरा से मांडले के लिए रवाना हो रही है.
सुबह भारतीय वायुसेना के सी130जे सैन्य विमान ने म्यांमा के यांगून शहर में 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई. अधिकारियों ने बताया कि तंबू, ‘स्लीपिंग बैग’, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाओं समेत राहत सामग्री भेजी गई.
भारत द्वारा राहत सामग्री की पहली खेप भेजे जाने के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमा के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है.’ म्यांमा में भारतीय दूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी.
शुक्रवार को आया था 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप
म्यांमा और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आने से इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए। म्यांमा की सैन्य नेतृत्व वाली सरकार के अनुसार, शनिवार को भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,644 हो गई है। घायलों की संख्या 3,408 है, जबकि भूकंप के बाद 139 लोग लापता हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने भूकंप से प्रभावित म्यांमा के लोगों की सहायता के लिए ‘‘सबसे पहले कदम उठाने वाले” देश के रूप में काम किया है. जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं. ऐसे समय में जब हम म्यांमा सरकार और वहां के लोगों को तबाही के बाद उनके देश के पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं, इस अभियान का यह खास नाम विशेष महत्व रखता है.”
भारत म्यांमा के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है.
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