उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल फिल्म के फिर से संपादन में जुटे लोगों ने एक भाग पूरा कर लिया है और दूसरा भाग मंगलवार को शुरू हो जाएगा. बुधवार से री-एडिट फिल्म का वर्जन स्क्रीन पर आने की संभावना है.
सिनेमाघरों में रिलीज के बाद से विवादों में घिरी मलयालम फिल्म ‘एम्पुरान’ को लेकर सह-निर्माता एंटनी पेरुंबवूर ने मंगलवार को महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि विवाद के मद्देनजर फिल्म में 24 कट लगाए जाएंगे. उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल फिल्म के फिर से संपादन में जुटे लोगों ने एक भाग पूरा कर लिया है और दूसरा भाग मंगलवार को शुरू हो जाएगा. बुधवार से री-एडिट फिल्म का वर्जन स्क्रीन पर आने की संभावना है. बता दें, गर्भवती महिला वाले हिंसक दृश्यों को हटा दिया गया है और खलनायक का नाम बेजरंगी से बदलकर बलदेव कर दिया गया है.
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी के अनुरोध पर फिल्म की “धन्यवाद” स्लाइड से उनका नाम हटा दिया गया है. फिल्म में प्रमुख जांच एजेंसी एनआईए का गलत तरीके से उल्लेख किया गया है और अब नए वर्जन में उस हिस्से को म्यूट कर दिया गया है. पेरुंबवूर ने स्पष्ट किया कि फिल्म को फिर से संपादित करने का निर्णय पूरी टीम का था.
पेरुंबवूर ने कहा, “हम गलत विषय पर फिल्म नहीं बनाते. फिल्म को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है और किसी विवाद की कोई आवश्यकता नहीं है. फिल्म में एडिटिंग किसी बाहरी दबाव की वजह से नहीं, बल्कि कुछ दर्शकों को ध्यान में रखकर किया गया है. उन्होंने कहा, “जब हमें लगा कि समाज के कुछ वर्ग नाखुश हैं, तो हमने फिर से विचार करने का फैसला किया और सामूहिक रूप से इस निर्णय पर पहुंचे.”
निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन पर आरोप लगाने की अटकलों को खारिज करते हुए पेरुंबवूर ने कहा कि सुपरस्टार मोहनलाल सहित सभी लोग रचनात्मक निर्णयों से पूरी तरह अवगत थे. उन्होंने स्पष्ट किया, “पृथ्वीराज को अलग करने का कोई कारण नहीं है.” आरएसएस से जुड़े प्रकाशन ‘ऑर्गनाइजर’ द्वारा ‘एम्पुरान’ की आलोचना किए जाने के बाद विवाद शुरू हुआ, जिसने पहले मोहनलाल और बाद में पृथ्वीराज को निशाना बनाया.
फिल्म का एडिट वर्जन क्यूब सिनेमा द्वारा संसाधित किया जा रहा है, जो सभी सिनेमाघरों और स्क्रीनिंग केंद्रों में अपडेटेड डिजिटल प्रिंट वितरित करेगा. मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई, जिसमें मलयालम फिल्म ‘एम्पुरान’ की स्क्रीनिंग रोकने की मांग की गई. याचिकाकर्ता ने फिल्म में गोधरा के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे सांप्रदायिक हिंसा भड़कने का खतरा है.
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