November 20, 2024
Work in Israel Indian Labour

Work in Israel: इजरायल में भारतीय श्रमिकों को मिल रही 1.5 लाख रुपये तक महीने की सैलरी, यूपी में इस दिन लगेगा कैंप

इन मांग की पूर्ति के लिए भारत से श्रमिकों की मांग बढ़ी है।

Work in Israel: इजरायल-हमास युद्ध के बीच उपजी दिक्कतों के बीच इजरायल में बड़ी संख्या में श्रमिकों की कमी हो चुकी है। फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट रद्द किए जाने के बाद इजरायल में अचानक से ही मजदूरों और स्किल्ड लेबर की मांग बढ़ी है। इन मांग की पूर्ति के लिए भारत से श्रमिकों की मांग बढ़ी है। इजरायल की एक 15 सदस्यीय टीम श्रमिकों को रिक्रूट करने के लिए पहुंची है। इजरायल में श्रमिकों को 1.37 लाख रुपये महीना वेतन के साथ हर महीने भोजन, आवास, बीमा और मेडिकल अलाउंस भी करीब 16615 रुपये मिल रहा है। पहले चरण में हरियाणा में वेंडर, मेसन, टाइलर, बढ़ई आदि वर्क के लिए रिक्रूटमेंट किया जा रहा है। इसके बाद यूपी में भी कैंप लगाकर रिक्रूटमेंट किया जाएगा।

फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट रद्द तो श्रमिकों की किल्लत

इजरायल-हमास संघर्ष 100 से अधिक दिनों में प्रवेश कर चुका है। इजरायल का गाजापट्टी पर लगातार हमला जारी है। इजरायल ने फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट को कैंसिल कर दिया है। इससे इजरायल में मजदूरी और स्किल्ड श्रमिकों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। अब इजरायल, भारत सहित कुछ अन्य देशों से स्किल्ड श्रमिकों को लेकर जाना चाहता है ताकि उसके निर्माण उद्योग सक्रिय रह सकें। इन रिक्तियों को भरने के लिए वह भारत सहित अन्य कई देशों से श्रमिकों को मंगवा रहा है। भारत सरकार की सहमति के बाद अब इजरायल की टीम यहां पहुंचकर लेबर्स को वीजा देकर ले जा रही हैं। बीते दिनों एक 15 सदस्यीय टीम भारत पहुंचा। यह टीम रिक्रूटमेंट कर रही है।

इजरायल, भारत से ले जा रहे श्रमिकों को निजी चिकित्सा बीमा प्रदान करेगा। वीज़ा और वर्क परमिट सहित अनुबंध की शर्तें न्यूनतम एक वर्ष के लिए निर्धारित हैं जिसे अधिकतम 63 महीने तक बढ़ाया जा सकता है। पीआईबीए ने आश्वासन दिया है कि किसी भी भारतीय कर्मचारी को संघर्ष क्षेत्रों के निकट या भीतर के क्षेत्रों में नहीं रखा जाएगा। प्रस्तावित नौकरियाँ इज़रायली कानूनों, विनियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन में होंगी।

यूपी में 23 जनवरी से 31 जनवरी तक भर्ती

उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार द्वारा आयोजित भर्ती का आगामी दौर 23 से 31 जनवरी तक निर्धारित है। उत्तराखंड सरकार इज़राइल के निर्माण उद्योग से उत्पन्न होने वाली मांग को पूरा करने के लिए श्रमिकों को भेजने पर भी विचार कर रही है।

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