पिछले वर्ष इंटरनेशनल क्रिप्टो स्कैम्स में लगभग 4.6 अरब डॉलर (लगभग 39,364 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। स्कैमर्स के ठगी के तरीकों में भी बदलाव हो रहा है और ये सोशल इंजीनियरिंग स्कैम्स के साथ डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, स्कैमर्स AI-जेनरेटेड फेक स्टेकिंग ऑफर्स और फिशिंग बॉट्स का इस्तेमाल कर इनवेस्टर्स को ठग रहे हैं।
पिछले वर्ष इंटरनेशनल क्रिप्टो स्कैम्स में लगभग 4.6 अरब डॉलर (लगभग 39,364 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। स्कैमर्स के ठगी के तरीकों में भी बदलाव हो रहा है और ये सोशल इंजीनियरिंग स्कैम्स के साथ डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, स्कैमर्स AI-जेनरेटेड फेक स्टेकिंग ऑफर्स और फिशिंग बॉट्स का इस्तेमाल कर इनवेस्टर्स को ठग रहे हैं।
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