November 20, 2024
Electoral Bonds data uploaded on Election Commission of India official website

डेडलाइन खत्म होने के एक दिन पहले ही इलेक्टोरल बॉन्ड का डिटेल ECI की वेबसाइट पर अपलोड, देखिए पूरी List, किसने किसको दिया चंदा

यह डेटा एक लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक खरीदे गए बॉन्ड की खरीद का है।

Electoral Bonds data uploaded: राजनैतिक दलों को मिले गुप्त चंदे का रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हो चुकी है। चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड का सारा डिटेल्स आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है। चुनाव आयोग ने डेडलाइन के एक दिन पहले ही अपनी वेबसाइट पर सारी डिटेल अपलोड कर दी है। यह डेटा एक लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक खरीदे गए बॉन्ड की खरीद का है।

देखिए पूरी लिस्ट…किस कंपनी ने कब कितना दिया चंदा

किस पार्टी को कितना मिला गुप्त चंदा देखिए पूरा डेटा

चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिले दोनों लिस्टों को अपलोड कर दिया है। दो पीडीएफ फाइल वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। पहली पीडीएफ फाइल लिस्ट में उन कंपनियों के नाम, उन्होंने कितने का बॉन्ड खरीदा और कब-कब खरीदा? इसका डिटेल है। पहली लिस्ट 337 पेज की है। जबकि दूसरी लिस्ट में राजनैतिक दलों के नाम हैं जिन्होंने बॉन्ड का पेमेंट कराया। कब किस राजनैतिक दल ने कितने का बॉन्ड कैश कराया है उसकी तारीख सहित सारी डिटेल है। हालांकि, इस लिस्ट से यह पता लगाना बडे़ रिसर्च का काम है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को दान दिया था। दूसरी लिस्ट 426 पेज की है। इन दोनों लिस्ट में 12 अप्रैल 2019 से लेकर 11 जनवरी 2024 तक का डेटा है।

एक दिन पहले ही स्टेट बैंक ने एफिडेविट देकर दी थी जानकारी

केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना लागू किया था। इस योजना के तहत चुनावी चंदा देने के लिए बॉन्ड खरीदकर कोई भी कंपनी या व्यक्ति चंदा दे सकता था जिसका नाम व अन्य जानकारी गोपनीय रखी जा रही थी। लेकिन बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द कर दिया था।

Supreme Court की फटकार के बाद दो दिनों में सारा डिटेल आया सामने

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने एसबीआई को आदेश दिया था कि 6 मार्च तक चुनावी बॉन्ड की सारी डिटेल चुनाव आयोग को सौंपे और आयोग 13 मार्च तक डेटा को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दे ताकि कोई भी इस संबंधित जानकारी हासिल कर सके। लेकिन बीते चार मार्च को एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए 30 जून तक की मोहलत मांगी। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका को खारिज कर दी और अवमानना मानते हुए 12 मार्च तक सारा डेटा चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट की सख्ती के बाद हरकत में आए स्टेट बैंक ने 12 मार्च की शाम को पूरा डिटेल चुनाव आयोग को सौंप दिया।

SBI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड से संबंधित अनुपालन हलफनामा दायर किया। एसबीआई ने बताया कि 2019 से साल 2024 तक 22,217 चुनावी बांड खरीदे गए। 22,030 बॉन्ड्स को राजनैतिक दलों ने भुगतान करा लिया है। शेष बचे 187 इलेक्टोरल बॉन्ड्स को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया गया है। इसके हलफनामा के अगले दिन ही चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा को रिलीज कर दिया।

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