October 6, 2024
Electoral Bonds

इलेक्टोरल बांड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग पर सीबीआई ने रिश्वत मामले में किया FIR

सीबीआई ने एनआईएसपी और एनएमडीसी लिमिटेड के आठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर किया है।

CBI FIR on Megha Engineering: हैदराबाद बेस्ड कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया है। जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के कथित रिश्वत कांड में सीबीआई ने यह कार्रवाई की है। मेघा इंजीनियरिंग, इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा देने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इस कंपनी ने 966 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बांड खरीदा था। इस एफआईआर में NISP और NMDC के आठ अधिकारियों के अलावा MECON के दो अधिकारियों को रिश्वत लेने के आरोप में नामित किया गया है।

सीबीआई ने बताया कि यह केस जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में कराए गए मेघा इंजीनियरिंग के वर्क संबंधी करीब 174 करोड़ रुपये की बिल को पास कराने के लिए लिए गए 78 करोड़ रुपये की रिश्वत से संबंधित है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने बिल क्लियर कराने के लिए NISP, NMDC, MECON के अधिकारियों को 78 करोड़ रुपये की रिश्वत दी।

सीबीआई ने बताया कि 10 अगस्त 2023 को एकीकृत इस्पात संयंत्र जगदलपुर में इंटेक वेल, पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन के कार्यों से संबंधित 315 करोड़ रुपये की परियोजना में कथित रिश्वतखोरी की प्रारंभिक जांच की गई थी। यह परियोजना मेघा इंजीनियरिंग को मिली थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कथित रिश्वतखोरी में एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है। एफआईआर 31 मार्च को किया गया। इसमें 78 करोड़ रुपये से अधिक रिश्वतखोरी की गई है।

किनको-किनको बनाया गया आरोपी?

सीबीआई ने एनआईएसपी और एनएमडीसी लिमिटेड के आठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर किया है। इन अधिकारियों पर कथित तौर पर 73.85 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। ये अधिकारी रिटायर्ड कार्यकारी निदेशक प्रशांत दाश, निदेशक (प्रोडक्शन) डीके मोहंती, डीजीएम पीके भुइयां, डीएम नरेश बाबू, वरिष्ठ प्रबंधक सुब्रो बनर्जी, रिटायर्ड सीजीएम (वित्त) एल कृष्ण मोहन, जीएम ( वित्त) के राजशेखर, प्रबंधक (वित्त) सोमनाथ घोष हैं।

इसके अलावा जांच एजेंसी ने मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारियों – एजीएम (कॉन्ट्रैक्ट) संजीव सहाय और डीजीएम (कॉन्ट्रैक्ट) के. इलावर्सू को भी आरोपी बनाया है। इन्होंने कथित तौर पर एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा एमईआईएल को 73 बिलों के 174.41 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले में 5.01 लाख रुपये प्राप्त किया था। यह बिल, सुभाष चंद्र संग्रास, महाप्रबंधक एमईआईएल और मेघा इंजीनियरिंग और अन्य के थे। इस मामले में चंद्रा और मेघा इंजीनियरिंग को भी आरोपी बनाया गया है।

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