10 New Ayush Institutes: आयुर्वेद और योग को लेकर जन स्वीकर्ता और वैश्विक नज़रिए में आया बड़ा बदलाव. सरकार परंपरागत चिकित्सा पद्धति को पुनः स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध.
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री एवं राज्य स्वस्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रतापराव जाधव शुक्रवार शाम को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान पहुंचे. मंत्री बनने के बाद पहली बार अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान परिसर में उनका यह दौरा था. श्री प्रताप राव जाधव ने पूरे परिसर का निरीक्षण किया और यहां की सुविधाओं और मरीज़ों को दिये जा रहे उपचार के बारे में जायज़ा लिया. यहां आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी सरकार हर घर आयुर्वेद पहुंचाने के प्रधानमंत्री के भागीरथी प्रयास को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा विदेशी आक्रांताओं और औपनिवेशिक काल के दौरान आयुर्वेद और हमारी परंपरागत चिकित्सा व्यवस्था का बहुत अधिक नुक़सान हुआ है लेकिन साल 2014 के बाद मोदी सरकार के नेतृत्व में परिस्थितियां बदली हैं, आज योग और आयुर्वेद को लेकर वैश्विक नज़रिए में परिवर्तन आया है और इसकी जन स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ी है. उन्होंने परंपरागत चिकित्सा प्रणाली की बढ़ोत्तरी के लिए अगले पांच वर्षों में दस नये आयुष संस्थान खोले जाने की भी घोषणा की जिससे भारत के प्रत्येक नागरिक को ऐलोपैथिक सिस्टम की तर्ज़ पर परंपरागत चिकित्सा प्रणाली का लाभ मिल सकेगा. कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा की महामहिम राष्ट्रपति ने इस संस्थान का दौरा करने की इच्छा ज़ाहिर की है इसलिए मंत्री होने के नाते संस्थान की तैयारियों का भी जायज़ा लेने आए हैं.
इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो.(डॉ.) तनुजा नेसरी ने मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा माननीय मंत्री जी ने आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भविष्य में भी आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने और विश्व पटल पर स्थापित करने में भी उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमे निरंतर मिलता रहेगा. इस अवसर पर आयुष राज्यमंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने अस्पताल परिसर के निरीक्षण के दौरान सभी बारीक जानकारियां ली और इस दौरान वह कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल हुए. कोविड के दौरान दिवंगत हुए तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक स्व संजय गुप्ता की स्मृति में निर्मित सभागार का भी उन्होंने उद्घाटन किया साथ ही आगामी 17 से 19 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरोहा -2024 के ब्रोशर का भी उन्होंने विमोचन किया.
इस अवसर पर आयुष के आई सी विभाग के उपमहानिदेशक श्री सत्यजीत पॉल और मंत्रालय के कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे जबकि आयुर्वेद संस्थान की तरफ़ से पीएचडी डीन प्रो. डॉ. महेश व्यास, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.)आनंद रमन शर्मा, अतिरिक्त एम एस (डॉ.) योगेश बड़वे समेत तमाम पदाधिकारी छात्र और कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे.
ग़ौरतलब है अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना साल 2017 में माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा हुई थी तब से लेकर अब तक 26 लाख से अधिक रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है. पिछले सात सालों में इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वैश्विक स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है. एआईआईए आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एनएसी द्वारा ए+++ मान्यता प्राप्त करने वाला पहला संस्थान है जो उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सदैव समर्पित है.
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