सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत देते समय कहा है कि वह जेल से बाहर आने के बाद किसी फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे. लेकिन कोर्ट ने उनके हरियाणा विधानसभा चुनाव में जाकर प्रचार करने पर कोई रोक नहीं लगाई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को CBI के मामले में सशर्त जमानत दी है. यानी सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जेल से बाहर आने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई शर्तों को मानना होगा. आपको बता दें कि पिछली दफा कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले ेमं सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से पहले मनीष सिसोदिया को भी कुछ दिन पहले ही जमानत दी थी. मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद बीआरएस नेता के कविता भी जमानत पर जेल से बाहर आई चुकी हैं.
5 महीने बाद जेल से होंगे रिहा
अगर सीबीआई केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं करती, तो वह जुलाई में ही जेल से बाहर आ जाते. ईडी वाली मामले में कोर्ट से केजरीवाल को पहले ही अंतरिम जमानत मिल गई थी. अब सीबीआई वाले मामले में भी जमानत मिलने के बाद केजरीवाल 5 महीने बाद जेल से रिहा हो जाएंगे.
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ईडी की दलील हो गई फेल
सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल हाई कोर्ट गए और फिर सुप्रीम कोर्ट गए. सीबीआई की दलील थी कि केजरीवाल को पहले लोअर कोर्ट जाना चाहिए था. इसके बाद उन्हें हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की दलील को नहीं माना.
क्या क्या शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई वाले मामले में केजरीवाल को जमानत जरूर दे दी है, लेकिन इसके साथ ही उन पर शर्तें भी लगाई गई हैं. कोर्ट ने कहा कि ईडी मामले में मिली अंतरिम जमानत पर लागू शर्तें इस मामले में भी लागू रहेंगी.
फाइल साइन नहीं कर पाएंगे
कोर्ट ने केजरीवाल से कहा है कि जमानत अवधि के दौरान वह शराब नीति मामले में टिप्पणियां नहीं करेंगे. उनसे जमानत में सहयोग भी करने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल ने कहा कि वह बतौर सीएम दफ्तर नहीं जा सकते हैं. इसके साथ ही वह किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे.
हरियाणा में प्रचार कर पाएंगे
सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद केजरीवाल भले ही दफ्तर नहीं जाए पाएंगे, लेकिन हरियाणा चुनाव में वह प्रचार कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी निजी आजादी पर कोई रोक नहीं लगाई है. ऐसे में हरियाणा के चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल के पहुंचने से अब आम आदमी पार्टी को बड़ा फायदा हो सकता है.
सरकार के स्तर पर कुछ बदलेगा नहीं
दिल्ली सरकार के कामकाज की बात करें तो केजरीवाल के बाहर से उसमें कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बतौर सीएम उन पर पाबंदी बरकरार रखी है. दिल्ली में मेयर के चुनाव की फाइल का मामला अटका हुआ है. चुनाव अभी भी अधर में है. केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद भी इस फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे.
मंत्रियों नियुक्त नहीं करा पाएंगे
केजरीवाल सरकार में एक मंत्री के इस्तीफे के बाद उसकी जगह खाली है. सुप्रीम कोर्ट ने चूंकि केजरीवाल के फाइल साइन करने पर रोक लगाई हुई है, इसलिए वह अपने मंत्री को भी नियुक्त नहीं कर पाएंगे.
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