January 19, 2025

देश

Supreme Court ने कहा कि जब नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा हो तो कोर्ट मूक दर्शक नहीं बना रह सकता है। हमारा संविधान यह नहीं कहता है कि जब नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हो तो आप मूकदर्शक बने रहें। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर 35 हजार करोड़ रुपये कैसे खर्च हो गए, उनका इस्तेमाल 18-44 साल के उम्र वर्ग वालों के लिए कैसे खर्च हो रहा है।

पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी। केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी। इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थीं।

Nitin Gadkari का सुझाव आते ही विपक्ष को हथियार मिल गया। विपक्ष ने इस बयान को आधार बनाकर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अपनी सरकार को अगर यह सुझाव देते तो देश का भला होता। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो पहले ही यही सुझाव केंद्र को दे चुके हैं।

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर आई रिपोर्ट के बाद सरकार ने वैक्सीनेशन को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वैक्सीन से नुकसान बेहद कम या नही के बराबर है लेकिन फायदा बहुत है। भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार वैक्सीनेशन की माॅनिटरिंग कर रही है और किसी प्रकार के खतरों को लेकर सतर्क भी है।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार ‘तौकते’ चक्रवात कर्नाटक, केरल, गुजरात सहित कई राज्यों अगले चार दिनों तक भारी तबाही मचा सकता है। कई जगह भारी बारिश ने तबाही शुरू कर दी है। तूफान के दौरान भारी बारिश और करीब 150-160 किमी की स्पीड से हवाएं चल रही है।

डाॅ.माहापात्रा बताते हैं कि हम डाॅक्टर्स के लिए बच्ची का जान बचाना बड़ी चुनौती साबित हो रही थी। इलाज के अभाव में नन्हीं जान को जाते नहीं देख सकते थे।

बीएमसी कमिश्नर ने बताया कि हमने सभी टेस्ट सेंटर्स को अनिवार्य कर दिया था कि जांच रिपोर्ट मरीज के पास जाने से पहले हमारे पास आनी चाहिए। इसका फायदा यह हुआ कि वार रूम के पास जानकारी मिलते ही मरीज को आवश्यक सहायता तत्काल पहुंच जाती थी।

अगर एन95 मास्क लगा रहे हैं तो उसे डबल नहीं करना है। ये कॉटन या सर्जिकल मास्क के लिए है। जैसे, पहले एक कॉटन का मास्क लगा रहे हैं तो उसके ऊपर सर्जिकल मास्क होना चाहिए या फिर सर्जीकल मास्क अंदर है तो ऊपर कॉटन का मास्क

हाल में यूपी के अमेठी में एक व्यक्ति पर अफवाह फैलाने का केस दर्ज किया गया था। उसने सोशल मीडिया के जरिये ऑक्सीजन की डिमांड की थी। हालांकि मरीज पॉजिटिव नहीं था।

डाॅ.गजानन हलकांचे ने बताया कि सबसे पहले दोनों बुजुर्गाें का सीटी कराया गया। उम्र अधिक होने की वजह से काफी सावधानी भी बरतनी थी। नौ दिनों तक दोनों oxygen सपोर्ट पर रहे और पांच एंटीवायरल रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी।

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