कंगना रनोट की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों ने लंदन यूके में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तानी समर्थक हॉल में पहुंच गए और भारत के खिलाफ नारे लगाने लगे। जिसके बाद लोगों ने उनका विरोध किया और उन्हें वहां से जाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश की और सिनेमा हॉल में तनावपूर्ण माहौल बनाया। इस घटना के बावजूद ब्रिटिश पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यूके सरकार और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, पंजाब में इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म पर सिखों की छवि खराब करने और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए पंजाब में इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। पंजाब में फिल्म पर रोक की उठ चुकी मांग SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा कि यदि यह फिल्म रिलीज होती है, तो सिख समुदाय में आक्रोश और गुस्सा पैदा होगा। उन्होंने सरकार से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके अलावा, पंजाब के विभिन्न शहरों में सिख संगठनों ने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किए हैं। कंगना बोल चुकी- कला और कलाकार का उत्पीड़न पंजाब में विरोध के बाद कंगना ने X पर लिखा- ‘यह पूरी तरह से कला और कलाकार का उत्पीड़न है। पंजाब से कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि ये लोग इमरजेंसी को चलने नहीं दे रहे। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। चंडीगढ़ में पढ़ाई और बड़े होने के बाद मैंने सिख धर्म को करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह मेरी छवि खराब करने और मेरी फिल्म इमरजेंसी को नुकसान पहुंचाने के लिए सरासर झूठ और दुष्प्रचार है।’ लॉ स्टूडेंट भेज चुका कंगना को नोटिस पंजाब का ही एक लॉ स्टूडेंट सफल हरप्रीत सिंह की तरफ से कंगना को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें पूरे पंजाब व सिख कम्युनिटी से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर वे लीगल नोटिस का जवाब नहीं देतीं, तो इस मामले में कानून का सहारा लेंगे। सेंसर बोर्ड ने पहले रोका था सर्टिफिकेट फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह के अलावा सिखों की सर्वोच्च संस्था SGPC ने सबसे पहले इस फिल्म पर एतराज जताया था। इससे पहले ये फिल्म 6 सितंबर 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विरोध के बाद इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला था। 5 महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह के बेटे एवं फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए सीन्स पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। सरबजीत ने कहा था कि यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए। बदलावों के बाद रिलीज हुई है फिल्मबॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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