टेलीविजन का सबसे बड़ा रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ अपने 18वें सीजन के साथ लौट रहा है। इस बार भी बॉलीवुड एक्टर सलमान खान शो को होस्ट करेंगे। पिछली बार की तरह, इसकी शूटिंग मुंबई के फिल्म सिटी में होगी। इसे आर्ट और बॉलीवुड डायरेक्टर ओमंग कुमार और उनकी पत्नी वनिता ओमंग कुमार ने तैयार किया है। शो के सेट को ‘टाइम का तांडव’ की थीम के अनुसार डिजाइन किया गया है। ‘टाइम का तांडव’ की थीम: अतीत, वर्तमान और भविष्य इस साल की थीम अतीत, वर्तमान और भविष्य के इर्द-गिर्द घूमेगी। हमने एक खास गुफा थीम चुनी है। जब हमने इस पर सोचा, तो हमें लगा कि हम कितने साल पीछे जा सकते हैं। क्या हम हजारों साल पीछे जा सकते हैं? पुरानी दीवारों पर जो चित्रकारी होती थी, वही हमें प्रेरित करती है। इस गुफा थीम के जरिए हम चाहते थे कि कंटेस्टेंट एक अद्भुत जर्नी पर निकलें, जहां इतिहास की गूंज सुनाई दे। गुफा की कला और संस्कृति का मेल हमने अजंता और एलोरा की कला को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा घर बनाने का सोचा है, जो गुफा की तरह दिखे। कंटेस्टेंट को ऐसा लगे कि वे एक महत्वपूर्ण पहचान का हिस्सा हैं। जब कंटेस्टेंट यहां बैठेंगे, तो उन्हें महसूस होगा कि यह पूरी जगह की एक बड़ी पहचान है। डिजाइन करते समय, हमने इसे इतना खास बनाने की कोशिश की कि कहीं भी कैमरा लगाने पर यह अद्भुत दिखे। घर के हर कोने में कला की छाप हो, जो लोगों को आकर्षित करे। भारतीय संस्कृति को किया शामिल पत्नी वनिता के कहने पर हमने इस डिजाइन में कुछ भारतीय तत्व जोड़े हैं। भारतीय संस्कृति और कला के रंग-बिरंगे पैटर्न और पारंपरिक सजावट को शामिल करना एक अच्छा विचार था। इससे न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ेगी, बल्कि कंटेस्टेंट को हमारी संस्कृति से जुड़ने का मौका भी मिलेगा। मेकर्स का क्रिएटिव प्रोसेस में मिला सहयोग जब हम थीम की बात करते हैं, तो कभी-कभी मेकर्स खुद हमें डिजाइन या विचार देते हैं। लेकिन हमारे पास एक क्रिएटिव प्रोसेस है, जिसमें हम खुद को प्रेरित करते हैं। हमारे विचार और तरीके बहुत जरुरी हैं। इस बार, इंडियन थीम मेकर्स से आई थी, लेकिन हमने उन्हें बताया कि इसे ‘केव होटल’ के रूप में कैसे पेश किया जा सकता है। हमने यह भी सोचा कि इसे इंडियन फिल्म के अंदाज में कैसे दिखा सकते हैं, या क्या इसे महल की तरह बनाया जा सकता है। तभी ‘केव’ का आइडिया आया। 107 कैमरों का इस्तेमाल किया गया डिजाइनिंग के समय, हमें फ्लो प्लान में बहुत ध्यान देना पड़ता है। हमें यह सोचने की जरूरत होती है कि किसको कैसे तोड़ना है, कौन सी जगह बढ़ानी है और सभी काम को कैसे पूरा करना है। कैमरे के लिए भी कई क्षेत्रों को छिपाने की आवश्यकता होती है। इस बार 107 कैमरों का इस्तेमाल किया गया है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए गए हैं। बजट का ध्यान रखते हुए किया घर का कंस्ट्रक्शन इस घर के कंस्ट्रक्शन में हमने फाइबर और पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) का इस्तेमाल किया है। आमतौर पर, हम लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट में हमें ऐसे मटेरियल की जरूरत थी जो मोल्डिंग में आसान हो और महंगा न हो। इसलिए, हमने पीओपी को चुना, जिससे हम कंस्ट्रक्शन को और बड़ा बना सकें। फाइबर एक महंगा-रियल एलिमेंट है और अगर हम इसका इस्तेमाल करते हैं, तो प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी। इसलिए, हमने समझदारी से इन मटेरियल का इस्तेमाल किया ताकि प्रोजेक्ट को पूरा करना संभव हो सके। इस घर को बनाने में कुल 45 दिन लगे। हमारी टीम में 100 से 200 लोग शामिल हैं, जो दिन-रात मेहनत करते हैं। हमने 45 दिनों में पूरा काम किया। कंस्ट्रक्शन प्रोसेस में लाइटिंग, पेंटिंग और अन्य क्रिएटिव तत्वों के लिए बड़ी टीम की आवश्यकता होती है। पुराने कांसेप्ट में नया तड़का इस साल, हमने कुछ पुराने कांसेप्ट को नए तरीके से शामिल किया है। जैसे, हमारे यहां हमेशा घोड़े की सजावट होती है। पिछले साल का घोड़ा हमने पेंट करके, उसे थ्रीडी लुक दिया है और उसे स्टोन में भी बदला है। इससे उसे एक नया और अलग लुक मिल गया है। वनीता का एक टेरोकोटा का बनाया हुआ व्यक्तिगत आइटम है, जिसे हमने एक कोने में सजाया है। मैंने यहां तीन पेंटिंग्स बनाई हैं, जिन्हें हर कोई देख सकेगा। ये सभी चीजें इस घर को और भी खास बनाती हैं। सलमान के कमरे का स्पेशल डिजाइन सलमान के कमरे का डिजाइन बाकी कमरों से मिलता-जुलता है, लेकिन उसमें कुछ फ्यूचर तत्व भी जोड़े गए हैं। वहां तीन अलग-अलग जोन होंगे, जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हालांकि, इस बारे में हमें अभी ज्यादा बताने की अनुमति नहीं है। पत्नी वनिता के साथ तालमेल टीम में तालमेल रखना बहुत जरूरी होता है। कभी-कभी मतभेद होते हैं, लेकिन जब एक बार समझ बन जाती है, तो सब कुछ आसानी से होता है। हमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि क्या प्रॉप्स घर के अन्य तत्वों को खूबसूरत बनाते हैं या नहीं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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