जुनैद खान और खुशी कपूर की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘लवयापा‘ वैलेंटाइन वीक में रिलीज के लिए तैयार है। रॉम-कॉम लवर्स को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है। तमिल फिल्म ‘लव टुडे’ की रीमेक वाली इस फिल्म में जेन Z के रिलेशनशिप और उसमें होने वाले परेशानियों को दिखाया गया है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में जुनैद और खुशी ने ‘लवयापा’ और अपनी जिंदगी से जुड़ी कई दिलचस्प बातें शेयर की हैं। जुनैद खान और खुशी कपूर से बातचीत के प्रमुख अंश.. सवाल- लव तो हम सबने सुना है लेकिन ‘लवयापा’ क्या होता है? जवाब- मेरे हिसाब से लव में जो बाधाएं आती हैं या जो सियापा अक्सर हम खुद फैलाते हैं। हमारी फिल्म ‘लवयापा’ उसी के बारे में है। सवाल- क्या आप दोनों ने कभी अपने पार्टनर के साथ ‘लवयापा’ फैलाया है? जवाब- नहीं। हम काफी अच्छे बच्चे हैं। हम काफी बोरिंग लोग है। मेरा मानना है कि अब वक्त बदल गया है। 90 के दशक में ऐसा होता था या फिल्मों में दिखाया जाता था कि बाप विलेन है। लेकिन आज के समय में रिलेशनशिप में हम खुद प्रॉब्लम क्रिएट करते हैं। सवाल- जब ‘लवयापा’ का स्क्रिप्ट नैरेट किया गया तो क्या रिएक्शन था? साथ ही ऐसी क्या बात लगी, जिसकी वजह से आप दोनों ने हामी भरी। जवाब- मैंने पहले से ओरिजनल फिल्म देखी थी इसलिए मैं काफी एक्साइटेड थी। नैरेशन के बाद मैं खूब हंसी थी और डायलॉग काफी अच्छे लिखे गए हैं। मैं असल में बानी के किरदार से काफी अलग हूं तो मुझे लगा ये मेरे लिए चैलेंजिंग होगा। बानी और गूची का रिलेशनशिप काफी स्पेशल है। दोनों झगड़ते बहुत हैं लेकिन दोनों में प्यार भी बहुत है। मेरे पास फिल्म के प्रोड्यूसर मधु जी आए थे और कहा कि मेरे पास तमिल फिल्म ‘लव टुडे‘ का राइट्स है तो मैं चाहता हूं कि तुम उसे देखो। मैं तुम्हें एक लाइन में कहानी बता देता हूं कि लड़का लड़की से शादी करना चाहता है। ऐसे में लड़की के पिता ने शर्त रखी कि एक दिन के लिए तुम दोनों को अपना फोन बदलना होगा। अगर उसके बाद भी तुम्हें शादी करनी हो तो करो। मैं उस एक लाइन को सुनकर एक्साइटेड हो गया। फिर मैंने फिल्म देखी और मुझे बहुत पसंद आई। मैंने मधु सर से कहा कि सर मुझे फिल्म तो बहुत पसंद आई लेकिन क्या आप श्योर हो कि मैं ही ये फिल्म करूं? अगर मैं आपकी जगह होता तो मैं ये फिल्म मेरे पास लेकर नहीं आता। मधु का कॉन्फिडेंस मुझमें था उन्होंने कहा कि हां मैं श्योर हूं। सवाल- आप दोनों का किरदार आपकी रियल लाइफ पर्सनैलिटी से बिल्कुल अपोजिट है। किरदार में खुद को ढालने की तैयारी क्या रही? जवाब- हमने पांच-छह हफ्ते की रीडिंग की। हमने काफी रिहर्सल और बहुत सारा वर्कशॉप किया। ये करने के बाद हम काफी कंफर्टेबल हो गए थे। किरदार में ढलने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ा। अद्वैत (डायरेक्टर) जी की खासियत है कि कोई भी एक्टर हो वो कमाल की परफॉर्मेंस निकालते हैं। पहली बार हम फैंटम के ऑफिस में मिले थे। जब वो स्क्रिप्ट पर बात कर रहे थे तो हम दोनों सिर नीचे करके बस यस सर, ओके सर रिप्लाई कर रहे थे। उस वक्त अद्वैत हमारा रिप्लाई सुनकर घबरा गए थे कि ये दोनों इस रोल के लिए कैसे काम करेंगे। सवाल- आप दोनों काफी सीरियस नेचर के हो और किरदार आपका लाउड है। जब पहली बार एक-दूसरे से मिले तो क्या इंप्रेशन था? जवाब- जब हम पहली बार मिले तो मेरा सारा ध्यान अद्वैत और स्क्रिप्ट पर था। मेरा मानना है कि अगर प्रोड्यूसर, डायरेक्टर कास्टिंग कर रहे हैं तो कुछ सोचकर ही कर रहे होंगे और अच्छी कास्टिंग कर रहे होंगे। सवाल- लेकिन फिर दोनों के बीच बातचीत कैसे शुरू हुई? जवाब- हम दोनों के बीच रिहर्सल के दौरान बातचीत शुरू हुई। सवाल- तब भी आप दोनों सीरियस ही थे? जवाब- तब भी हम सीरियस ही थे लेकिन छह हफ्ते साथ बिताए। रोज आकर रीडिंग रिहर्सल करते थे। सवाल- आप दोनों की पहली फिल्म अलग जॉनर की थी। तो पहले प्रोजेक्ट का एक्सपीरियंस कितना काम आया? किरदार में ढलने का प्रोसेस क्या होता है? जवाब- हर फिल्म का प्रोसेस अलग होता है। हर डायरेक्टर का प्रोसेस अलग होता है। ‘महाराज’ पूरी तरह से अलग फिल्म थी। मुझे लगता है कि ‘महाराज’ का किरदार मेरी पर्सनैलिटी के करीब था। ‘लवयापा’ के सेट पर हमने सीनियर एक्टर से काफी कुछ सीखा। सवाल- मैंने ये सवाल इसलिए पूछा कि आमिर अपने किरदार में बहुत ज्यादा घुस जाते हैं। जवाब- हां, वो काफी रिहर्सल करते हैं। हम दोनों ने भी खूब रिहर्सल किया। इस प्रोसेस में मजा आता है। और कोई भी कैरेक्टर रिहर्सल में ही बनता है। सवाल- सेट का पहला दिन याद है? कैसा था? जवाब- पहले दिन हमने टेस्ट शूट किया था, जो शूट से एक महीने पहले हुआ था। मेरा बाइक चलाने का सीक्वेंस था और खुशी का लॉन्ग ड्राइव सीन था। फिर हम दोनों मीरा रोड गए थे। सवाल- फाइनली हम आपको फिल्म में बाइक चलाते देखेंगे वरना ऐसे तो आप ऑटो में ही दिखते हैं। जवाब- आपको पता है मैंने इस फिल्म के लिए बाइक चलाना सीखा है। इससे पहले मैंने सिर्फ स्कूटर चलाया है। सवाल- जुनैद आपको डर नहीं लगता है ‘महाराज’ आ चुकी है। दूसरी फिल्म आने वाली है। लोग पहचान लेंगे या घेर लेंगे? जवाब- लोग खुशी की गाड़ी पहचानते हैं। मैं हर रोज रिक्शा लेता हूं। और आज तक मुझे सिर्फ एक रिक्शे वाले ने पहचाना है। बंबई जैसे शहर में हर कोई फोकस्ड और काम में लगा रहता है। सवाल- सेट पर सबसे खूबसूरत बात क्या रही जो अब तक आप दोनों के जेहन में है? जवाब- हमारी फिल्म का क्रू काफी यंग और उत्साही था। सेट पर हर कोई हाई एनर्जी और पॉजिटिव रहा। फर्स्ट टाइम डीओपी, फर्स्ट टाइम प्रोडक्शन डिजाइनर तो हर कोई हाई एनर्जी से काम कर रहा था। फैंटम काफी टाइम के बाद फिल्म बना रहा है तो पूरा माहौल कमाल का था। सवाल- इस फिल्म में फन पार्ट ज्यादा है तो सेट पर भी कई फनी चीजें हुई होंगी। ऐसी कोई बात जो आपको याद हो? जवाब- आपको पता है बहुत फनी चीजें हुई हैं। हम दोनों सबसे सीधे थे। हम लोग चुपचाप बैठे रहते थे। अद्वैत ने सबसे ज्यादा मस्ती की है। उन्हें जर्नलिस्ट होना चाहिए था। फिर वो आग फैलाते। फिल्म में मेरा जो दोस्तों का गैंग है उन्होंने काफी मस्ती की है। सवाल- ट्रेलर लॉन्च पर आमिर काफी खुश और इमोशनल थे। आमिर, इंडस्ट्री या आम जनता की तरफ से मिला कोई फीडबैक जो आपके दिल के सबसे करीब है? जवाब- मैं उन्हें जितना जानता हूं अगर उन्हें फिल्म पसंद नहीं आती तो वो तारीफ नहीं करते। अगर उन्हें फिल्म पसंद आती तब भी वो तारीफ नहीं करते। उन्हें फिल्म बहुत पसंद आई है इसलिए उन्होंने तारीफ की। जैसे ‘महाराज’ उन्हें पसंद आई थी लेकिन उन्होंने नहीं कहा कि मैं आपका ट्रेलर लॉन्च करूंगा। उन्होंने इस फिल्म को देखकर बोला कि प्लीज मुझे ये ट्रेलर लॉन्च करने दीजिए। उन्हें इतनी पसंद आई। सवाल- आमिर जब लॉन्च हुए उस वक्त प्यार की अलग परिभाषा थी। इमरान (आमिर के भांजे) इंडस्ट्री में एक अलग फ्रेशनेस लेकर आए। अलग-अलग जेनरेशन में लव की जो परिभाषा बदली है, उसे आप कैसे देखते हैं? जवाब- मुझे लगता है प्यार प्यार होता है। आप किसी भी कल्चर, ऐज, किसी भी भाषा या टाइम पीरियड से हो सबको सेम फीलिंग आती है। भाषा बदली है, दुनिया बदली है लेकिन प्यार प्यार है। सवाल- खुशी आपके लिए प्यार क्या है? जवाब- जुनैद ने इतना कुछ बोल दिया मैं क्या बोलूं। आजकल इतने नए टर्म आ गए हैं कि वो थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लोग आजकल एक-दूसरे से बात नहीं करते। मुझे लगता है कि बस भरोसा और ईमानदारी होनी चाहिए। मेरे लिए प्यार यही है। सवाल- खुशी आइडियल पार्टनर में क्या होना चाहिए जो ‘लवयापा’ ना क्रिएट करे? जवाब- मेरे लिए आइडियल पार्टनर वो है, जो दूसरों की रिस्पेक्ट करे। मेरी बात सुने, जो मेरे साथ रहे, जो मेरी केयर करे। जो मेरी जरूरतों को अपनी जरूरत से ऊपर रखे। सवाल- रिलेशनशिप में नॉर्मली ये बोल जाता है कि लड़कियां बहुत बात करती हैं। लड़के अक्सर शिकायत करते हैं लेकिन आपकी जैसी पार्टनर हो तो लड़के खुश रहेंगे। जवाब- मैं घर पर बहुत बात करती हूं। जब मैं कंफर्टेबल और रिलैक्स होती हूं तो बात करती हूं। वैसे मैं थोड़ी शर्मीली हूं तो मैं सीख रही हूं। सवाल- जुनैद आप अपने आइडियल पार्टनर में क्या देखते हैं? जवाब- ट्रस्ट, सेंस ऑफ ह्यूमर। सवाल- इंडस्ट्री में अगर किसी से लव टिप्स लेना हो तो वो कौन होगा? जवाब- मैं इंडस्ट्री में लव टिप्स बोनी कपूर से लूंगी। मैं भी बोनी कपूर और शाहरुख सर से लेना चाहूंगा। उन्होंने इतनी रोमांटिक फिल्में की हैं। सवाल- पार्टनर का फोन मिल जाए तो उसमें क्या देखना पसंद करेंगे और क्या देखना नहीं पसंद करेंगे? जवाब- मुझे मेरे पार्टनर का फोन मिले तो मैं बस उससे सेल्फी लूंगी। फोन का वॉलपेपर चेंज कर के खुद की फोटो लगा दूंगी। मैं तो मुश्किल से अपना फोन देख पाता हूं। सवाल- जुनैद आप फोन से इतना दूर क्यों रहते हैं? जवाब- मैं फोन से दूर नहीं रहता। मुझे लगता पिछले कुछ सालों में कई सारी चीजें जो हम फोन पर नहीं करते थे अब वो करने लगे हैं। उसके अलावा आई डोंट थिक मैं फोन इतना यूज करता हूं। सवाल- आप KBC में गए थे। मिस्टर बच्चन ने आपसे गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा था। अगर कोई स्टेटस के बारे में जानना चाहे तो आप क्या बोलेंगे? जवाब- हंसते हुए…अब मैं क्या बताऊं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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