रणबीर कपूर @42:‘ब्लैक’ के सेट पर पोंछा लगाया, ‘बर्फी’ की तो घरवाले बोले- सुसाइड कर रहे हो; मां से कहते थे शाहरुख जैसे रोल नहीं करूंगा

‘मेरे भाई (रणधीर और राजीव कपूर) मुझसे कहते थे कि इसको क्या हो गया है? ये सुसाइड कर रहा है.. एक फिल्म करता है उसमें भी ‘रॉकेट सिंह’ और ‘बर्फी’ जैसी.. जिसमें ये गूंगा है और सुनता भी नहीं है.. खत्म हो जाएगा.. आर्टी हीरो बन जाएगा। ये सब सुनकर मुझे भी फिकर होती थी पर रणबीर ने अपनी चॉइस से हम सभी को गलत साबित किया। ‘बर्फी’ हिट साबित हुई। रणबीर एक डेयरिंग एक्टर है। जब वो अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे ‘सांवरिया’ से तभी उन्होंने अपनी मां से कहा था कि मैं उस तरह का काम नहीं करना चाहता जो शाहरुख खान साहब और बाकी एक्टर्स कर चुके हैं। मैं वो फिल्में करना चाहता हूं जिसमें मेरे ऐज ग्रुप के लोगों की परेशानी की बात की जाएगी। इसी वजह से उसकी फिल्मों की चॉइस अलग है। जैसे वेक अप सिड है, रॉकेट सिंह हुई, बर्फी हुई और तमाशा हुई। उनमें से कुछ फिल्में चलेंगी कुछ नहीं.. पर जो उसकी ब्रेव चॉइस है..उसकी मैं तारीफ करना चाहता हूं।’ बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर के बारे में यह बातें किसी और ने नहीं बल्कि उनके पिता और मशहूर दिवंगत बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर ने कही थीं। आज रणबीर के 42वें जन्मदिन पर बात करेंगे उनके करियर ग्राफ और किरदारों की चॉइस पर.. 17 साल की उम्र में पिता को असिस्ट किया
दसवीं के एग्जाम खत्म होने के बाद रणबीर ने 17 साल की उम्र में पहली बार किसी फिल्म पर काम किया था। यह फिल्म थी ‘आ अब लौट चलें’। इसे रणबीर के ही पिता ऋषि कपूर ने डायरेक्ट किया था और रणबीर इसमें असिस्टेंट डायरेक्टर थे। इसके बाद कपूर न्यूयॉर्क में फिल्ममेकिंग का कोर्स करने चले गए। यहां पढ़ते हुए उन्होंने दो शॉर्ट फिल्में बनाईं। ‘ब्लैक’ के सेट पर पोंछा लगाया, गालियां खाईं
2005 में एक्टर मुंबई लौटे और अमिताभ बच्चन-रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म ‘ब्लैक’ में असिस्टेंट डायरेक्टर बने। एक इंटरव्यू में एक्टर ने बताया था- ‘मैं सेट पर 21 घंटे काम करता था। पोंछा लगाने से लेकर लाइट फिक्स करने तक का काम करता था। पिटता भी था और गालियां भी खाता था पर हर दिन कुछ सीखता जरूर था। बाकी मेरा मकसद था कि भंसाली (फिल्म ब्लैक के डायरेक्टर) सर मुझे अपनी किसी फिल्म में लीड रोल ऑफर कर दें।’ पिता ने दी थी एक्सपेरिमेंट न करने की सलाह
कम ही लोग जानते हैं कि पिता ऋषि कपूर ने रणबीर को करियर की शुरुआत में ही सलाह दी थी कि वो किरदारों के साथ एक्सपेरिमेंट न करें, लेकिन रणबीर ने अपने करियर की शुरुआत से ही कई एक्सपेरिमेंटल रोल किए। अपनी इसी अलग चॉइस के लिए रणबीर को आज इंडस्ट्री का फाइनेस्ट एक्टर कहा जाता है। फ्लॉप रही डेब्यू फिल्म ‘सांवरिया’
साल 2007 में रणबीर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘सांवरिया’ से एक्टिंग डेब्यू किया था पर यह फिल्म चली नहीं। हालांकि, रणबीर को इसके लिए बेस्ट मेल डेब्यू कैटेगरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। फिल्म में रणबीर ने एक आवारा का रोल किया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यह किरदार उनके दादा के आइकॉनिक आवारा रोल को एक ट्रिब्यूट था। इसके बाद रिलीज हुई एक्टर की फिल्म ‘बचना ए हसीनों’ भी एवरेज रही। इसने वर्ल्डवाइड 79 करोड़ रुपए कमाए पर बतौर एक्टर रणबीर का पहचान बनाना अभी बाकी था। ‘वेक अप सिड’ से मिली पहचान
यह पहचान बनी साल 2009 में रिलीज हुई ‘वेक अप सिड’ से। फिल्म स्लीपर हिट रही और इसको क्रिटिक्स ने जमकर सराहा। रणबीर की एक्टिंग की भी जमकर तारीफ हुई। इसके बाद 2009 में रिलीज हुई ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ भी हिट रही। 99 करोड़ का कलेक्शन करके यह साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही। ‘रॉकेट सिंह’ में कुछ अलग किया, ‘राजनीति’ से चमके
2009 में ही रिलीज हुई ‘रॉकेट सिंह’ में रणबीर ने एक सेल्समैन सरदार का रोल किया। यह रोल उनके दौर के उन सभी हीरोज से अलग था जो कॉमनमैन स्क्रिप्ट पर काम नहीं कर रहे थे। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने भले ही अच्छा परफॉर्म नहीं किया पर क्रिटिक्स ने उनके इस किरदार की जमकर तारीफ की थी। 2010 में फिल्म ‘राजनीति’ रणबीर ने अपने करियर का पहला ग्रे कैरेक्टर प्ले किया। एक इंटरव्यू में रणबीर ने इसे अपने करियर का पहला कॉम्प्लेक्स रोल बताया था। यह 100 करोड़ से ज्यादा कमाने वाली रणबीर की पहली फिल्म भी बनी। ‘रॉक्टस्टार’ और ‘बर्फी’ ने दिलाई इंटरनेशनल स्टारडम
2011 में रिलीज हुई ‘रॉकस्टार’ से रणबीर को इंटरनेशनल स्टारडम मिली। इसके लिए उन्होंने प्रॉपर गिटार बजाना सीखा था। इसके लिए रणबीर को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्टर क्रिटिक्स दोनों ही अवॉर्ड मिले। वहीं 2012 में रिलीज हुई ‘बर्फी’ से रणबीर ने अपनी अलग ही पहचान बनाई। इसमें उन्होंने एक गूंगे-बहरे शख्स का रोल प्ले किया। फिल्म को इंडिया से ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री मिली थी। इस रोल को करने के लिए एक्टर ने चार्ली चैप्लिन और दादा राज कपूर से प्रेरणा ली थी। 2013 से 2017: फ्लॉप फिल्मों का दौर
करियर में कई एक्सपेरिमेंट करने वाली रणबीर को कुछ सालों तक फ्लॉप फिल्मों के दौर से भी गुजरना पड़ा। 2013 से 2017 तक एक्टर ने 6 फिल्मों में काम किया। इसमें से ‘ए दिल है मुश्किल’ छोड़कर… ‘बेशरम’, ‘रॉय’, ‘बॉम्बे वेलवेट’, ‘तमाशा’ और जग्गा जासूस जैसी फिल्में फ्लॉप रहीं। हालांकि, एक अलग ऑडियंस है जो ‘तमाशा’ और ‘जग्गा जासूस’ को पसंद करती है। इन दोनों ही फिल्मों में भी रणबीर के किरदार एक्सपेरिमेंटल थे। ‘संजू’ और ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट 1’ से बनाए रिकॉर्ड्स
2018 में रणबीर की ‘संजू’ वर्ल्डवाइड 586 करोड़ कमाकर साल की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बनी। फिर 4 साल के ब्रेक के बाद 2022 में रिलीज हुई एक्टर की फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र- पार्ट1’ भी हिट रही। हालांकि, इसी साल रिलीज हुई ‘शमशेरा’ फ्लॉप रही। इस फिल्म में रणबीर ने करियर में पहली बार डबल रोल निभाए थे। ‘एनिमल’ ने वापस लौटाया स्टारडम
एक्टर की आखिरी फिल्म पिछले साल रिलीज हुई ‘एनिमल’ थी। इसने 917 करोड़ कमाए और यह शाहरुख की ‘जवान’ और ‘पठान’ के बाद साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। फ्लॉप फिल्मों के दौर से गुजरने के बाद रणबीर ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर से टॉप एक्टर्स की लिस्ट में कमबैक कर लिया है। अपने 17 साल के करियर में रणबीर ने अब तक 21 फिल्में की हैं। इनमें से 11 फिल्में हिट रहीं। इन दिनों एक्टर करियर की पहली माइथोलॉजिकल फिल्म ‘रामायण’ पर काम कर रहे हैं। ग्राफिक्स: अंकलेश विश्वकर्माबॉलीवुड | दैनिक भास्कर

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