कभी अपनी कद-काठी तो कभी आवाज को लेकर आलोचकों के निशाने पर रहीं रानी मुखर्जी ने हिंदी सिनेमा में वह मुकाम हासिल किया है, जो किसी भी क्षेत्र में साधारण सी दिखने वाली लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। फिल्मी परिवार में जन्म लेने के बाद भी रानी मुखर्जी के लिए यह सफर आसान नहीं था। आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने एक्टिंग की राह चुनी और एक के बाद एक फिल्मों में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया। 21 मार्च 1978 को जन्मी रानी मुखर्जी आज अपना 47वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास किस्से.. फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थीं रानी मुखर्जी एक्टिंग प्रोफेशन में आने से पहले वकील या इंटीरियर डिजाइनर बनना चाहती थीं, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से एक्टिंग प्रोफेशन में आना पड़ा। इस बात का खुलासा खुद रानी ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। उन्होंने बताया था कि जब उन्हें पहली फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ का ऑफर मिला, तब उनकी मां ने उन्हें फिल्म करने का सुझाव दिया था। अंदाजा नहीं था कि परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत है रानी मुखर्जी ने पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में कहा था- जब मैं बड़ी हो गई तो मुझे एक फिल्म का ऑफर मिला था और फिर मेरी मां ने बड़ी विनम्रता से मुझसे कहा कि एक बार एक्टिंग में हाथ आजमा के देखो, अगर सब कुछ ठीक नहीं रहता है तो तुम वापस अपनी पढ़ाई जारी रख सकती हो। शायद उस वक्त मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मेरे परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत थी। कद-काठी और आवाज को लेकर मजाक उड़ाया गया रानी मुखर्जी ने अपने पिता राम मुखर्जी के डायरेक्शन में बनी बंगाली फिल्म ‘बियेर फूल’ (1996) से एक्टिंग डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इस फिल्म में रानी, अमजद खान के बेटे शादाब खान के साथ नजर आई थीं। उन दिनों लोग रानी मुखर्जी की हाइट और आवाज को लेकर मजाक उड़ाया करते थे। यहां तक कि आमिर खान की फिल्म ‘गुलाम’ में उनकी आवाज को मोना घोष ने डब किया था। अपनी आवाज को अपनी ताकत बना ली रानी मुखर्जी ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया। उनकी अलग आवाज ही उनकी पहचान बन गई। डायरेक्टर विवेक शर्मा ने रानी मुखर्जी की फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया। डायरेक्टर ने दैनिक भास्कर को बताया- ‘कुछ कुछ होता है’ में मैंने करण जौहर और यश अंकल से कहा कि रानी की ओरिजिनल आवाज में डब करेंगे। इस पर काफी बहस हुई। फिर मैंने रानी की आवाज डब करके उसे मिक्स किया, फिर यश अंकल और करण को सुनाया। सबको रानी की आवाज पसंद आई। इस फिल्म से रानी की आवाज उनकी पहचान बन गई। बता दें कि विवेक शर्मा ने उस समय करण जौहर की फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ का प्रोडक्शन डिजाइन किया था। लोग आज मुझे मेरी आवाज से पहचानते हैं रानी मुखर्जी ने कहा था- अगर मैं यह सोचकर हार मान जाती कि लोग मेरी आवाज के बारे में क्या सोचते हैं, तो मेरी आवाज आज पसंद नहीं की जाती। मैंने खुद की फिल्में डब नहीं की होतीं तो लोग आज मुझे मेरी आवाज से नहीं पहचानते। लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी कि मेरी आवाज इतनी खास हो सकती है। रानी का मानना था कि उनकी किस्मत में जो होगा मिलेगा डायरेक्टर विवेक शर्मा ने रानी मुखर्जी की फिल्म ‘चलते चलते’ से जुड़ा किस्सा शेयर किया। उन्होंने कहा- फिल्म ‘चलते चलते’ में पहले रानी मुखर्जी को अप्रोच किया गया था। फिल्म के लिए वो फाइनल भी हो गई थीं, लेकिन शाहरुख चाहते थे कि ऐश्वर्या फिल्म में काम करें। उनको लग रहा था कि ऐश्वर्या फैशन डिजाइनर और बुटीक चलाने वाली लड़की के किरदार में फिट बैठेंगी। रानी को बिना बताए ऐश्वर्या को लेकर फिल्म शुरू कर दी गई। एक गाना और एक-दो सीन भी शूट हो गए थे। शूटिंग के दौरान सलमान ने शाहरुख से झगड़ा किया और ऐश्वर्या को भी मारा। उसके बाद ऐश्वर्या को ड्रॉप करके रानी को लिया गया। रानी और उनकी मां ने कहा था कि हमें पता था कि हमारी किस्मत में जो होगा, उसे कोई नहीं ले सकता। गोविंदा की एक्टिंग पर फिदा थीं जब रानी मुखर्जी ने गोविंदा के साथ पहली फिल्म ‘हद कर दी आपने’ की तो यहीं से उनके और गोविंदा के बीच अफेयर के चर्चे शुरू हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रानी मुखर्जी गोविंदा की एक्टिंग पर तो फिदा थी हीं, साथ ही उनका दिल गोविंदा के बिहेवियर पर भी आ गया। गोविंदा सेट पर सबको हंसाते रहते थे। इससे रानी उनकी तरफ अट्रैक्ट होने लगीं। बताया जाता है कि गोविंदा, रानी मुखर्जी का नाम कई प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के सामने रिकमेंड करने लगे थे। अपना घर छोड़कर रानी के साथ रहने लगे थे गोविंदा खबरों की मानें तो गोविंदा कुछ समय के लिए अपना घर छोड़कर रानी मुखर्जी के साथ रहने लगे थे। रानी के पेरेंट्स को भी उनके इस रिश्ते के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकारने से मना कर दिया था। खबरें तो ये भी थीं कि गोविंदा, रानी की डिमांड पर उन्हें फ्लैट, डायमंड और कार तक गिफ्ट करते थे। जब गोविंदा की पत्नी ने उन्हें छोड़ने का फैसला लिया, तब उनकी आंखें खुलीं। गोविंदा अपना शादीशुदा रिश्ता खत्म नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने रानी से रिश्ता खत्म करने का फैसला कर लिया। गोविंदा को अपना हमदर्द मानती थीं रानी मुखर्जी उसी समय एक इंटरव्यू के दौरान रानी मुखर्जी ने गोविंदा के साथ अफेयर की खबरों पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्हें अपना हमदर्द बताया था। एक्ट्रेस ने कहा था- नीलम, रवीना टंडन, करिश्मा कपूर और भी कई एक्ट्रेसेस हैं, जिन्होंने गोविंदा के साथ फिल्म में काम किया है। उनका भी नाम गोविंदा के साथ जोड़ा गया है। मैं अकेली नहीं हूं। गोविंदा एक बहुत ही अच्छे दोस्त हैं, जिन्हें मैं अपना हमदर्द मानती हूं। करिश्मा से सगाई टूटने के बाद अभिषेक की रानी के साथ नजदीकियां बढ़ीं करिश्मा कपूर से सगाई टूटने के बाद के बाद रानी मुखर्जी की बच्चन परिवार से काफी नजदीकियां बढ़ीं। बताया जाता है कि ‘बंटी औऱ बबली’ की शूटिंग के दौरान अभिषेक और रानी की अच्छी दोस्ती हुई थी जो बाद में प्यार में बदल गई थी। बात दोनों की शादी तक पहुंच गई थी, लेकिन एक दिन दोनों के ब्रेकअप की खबर सामने आई, जिससे हर कोई हैरान रह गया था। फिल्म ‘ब्लैक’ का किसिंग सीन बना अभिषेक से ब्रेकअप की वजह टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक रानी मुखर्जी और अभिषेक बच्चन के रिश्ते में आई खटास की जिम्मेदार अभिषेक की मां जया बच्चन थीं। हालांकि दोनों के रिश्ते को जया बच्चन ने अपनी रजामंदी दे दी थी। बताया जाता है कि दोनों के रिश्ते के टूटने का कारण ‘ब्लैक’ फिल्म का एक किसिंग सीन था जो रानी मुखर्जी और अमिताभ बच्चन के बीच फिल्माया गया था। खबरों की मानें तो जया बच्चन नहीं चाहती थीं कि रानी मुखर्जी वह सीन करें, लेकिन रानी ने इसके लिए हामी भर दी थी, जिससे जया बच्चन नाराज हो गई थीं। शादी के बाद फिल्मों से ब्रेक लिया, तीनों खान की तारीफ की रानी मुखर्जी ने 2014 में आदित्य चोपड़ा से शादी कर ली थी। अगले साल 2015 में रानी ने बेटी अदिरा को जन्म दिया था। शादी के चार साल बाद 2018 में रानी ने फिल्म ‘हिचकी’ से अपनी वापसी की। इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान रानी ने सलमान, शाहरुख और आमिर खान का भी जिक्र किया। रानी मुखर्जी ने कहा था – आज भी भारत में लोग मुझे तीनों खान की हीरोइन के नाम से जानते हैं। मैं तीनों की काफी इज्जत करती हूं और अगर आज भी मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिले तो मैं जरूर करूंगी। मैंने अपने करियर की शुरुआत उनके साथ की थी। मैंने तीनों खान से काफी कुछ सीखा है। बता दें कि रानी मुखर्जी ने शाहरुख खान के साथ 6 फिल्में, सलमान खान के साथ 5 और आमिर खान के साथ 3 फिल्में की हैं। वुमन सेंट्रिक फिल्मों पर ही ध्यान केंद्रित रखा फिल्मों में कमबैक के बाद रानी मुखर्जी ने वुमन सेंट्रिक फिल्मों पर ही फोकस रखा। उन फिल्मों में उनके किरदार को काफी सराहा गया। फिल्म ‘हिचकी’ में रानी मुखर्जी ने टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित एक स्कूल टीचर की दिल छू लेने वाली भूमिका निभाई थी। फिल्म ‘मर्दानी’ में रानी मुखर्जी मुखर्जी ने एक बहादुर और ईमानदार पुलिस ऑफिसर शिवानी शिवाजी रॉय की भूमिका निभाई थी। इस किरदार में उनकी काफी सराहना हुई थी। इस फिल्म के सीक्वल ‘मर्दानी 2’ में भी रानी मुखर्जी का वही तेजतर्रार पुलिस ऑफिसर का किरदार देखने को मिला था। फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ में रानी मुखर्जी ने असल जिंदगी में अपने दो बच्चों के लिए नॉर्वे सरकार से भिड़ जाने वाली एक भारतीय महिला के किरदार को अपने दमदार अभिनय से जीवंत कर दिया था। ______________________________________________________ बॉलीवुड से जुड़ी ये स्टोरी भी पढ़ें.. पहली फिल्म हिट, फिर गलत फिल्में चुनीं:आमिर खान के 60 साल: शूटिंग के बाद घर में रोते थे, आज बन गए सिनेमा के जादूगर एक्टर की बतौर हीरो पहली फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इस फिल्म के बाद आमिर खान को आइडिया नहीं था कि फिल्मों का चयन किस तरह से करना चाहिए। उस दौर में हर स्टार एक साथ 30-40 फिल्में साइन कर लेते थे। पूरी खबर पढ़ें..बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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