श्रिया पिलगांवकर को अपने करियर की शुरुआत में शाहरुख खान के साथ काम करने का मौका मिला। उनके अनुसार, यदि फिल्म ‘फैन’ सुपरहिट होती, तो लोगों की प्रतिक्रिया उनके लिए अलग होती। हाल ही में, दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, एक्ट्रेस ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में खुलकर बात की। आइए जानते हैं क्या कहा उन्होंने: आपको करियर की शुरुआत में शाहरुख खान के साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। आप इस अनुभव को कैसे लेते हैं? असल में, जब ऑडिशन्स के बाद ये तय हुआ कि मुझे ‘फैन’ में रोल मिल रहा है, तो मैं जानती थी कि ये कोई टिपिकल हीरो-हीरोइन वाली फिल्म नहीं है। उस समय ये एक अलग तरह की फिल्म थी। मुझे पता था कि मेरा स्क्रीन टाइम ज्यादा नहीं होगा, लेकिन मैं शाहरुख सर के साथ काम करने को लेकर बहुत खुश थी। कुछ नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे, और मुझे ये मौका बहुत अच्छा लगा। अगर कोई और होता मेरी जगह, तो शायद वो सोचते कि उन्हें बड़ा लॉन्च चाहिए, जिसमें प्रमोशन में भी शामिल हों। मैं इसे समझती हूं। मुझे केवल इस फिल्म का हिस्सा बनना अच्छा लगा। फिल्म के रिलीज के बाद इंडस्ट्री के लोगों की तरफ से कैसा रिएक्शन था? फिल्म के बाद कई जर्नलिस्ट्स ने मुझे फोन किया और कहा कि उन्हें मेरा किरदार पसंद आया। इससे मुझे अच्छा लगा कि मेरी मेहनत को सराहा गया। लेकिन ये सच है कि अगर फिल्म सुपर हिट होती, तो लोगों की प्रतिक्रिया अलग होती। शायद मैं कहीं ना कहीं मानसिक रूप से तैयार थी, क्योंकि उस समय सोशल मीडिया का असर आज के मुकाबले कम था। मेरे पास उस समय कोई पीआर स्ट्रेटेजिस्ट या टैलेंट एजेंसी नहीं थी, जो मुझे गाइड कर सके। फिर मैंने ऑडिशन देना शुरू किया और लोगों से मिलने लगी। कुछ फिल्में आईं, लेकिन वो आगे नहीं बढ़ीं। फिर मैंने सुना कि मिर्जापुर नाम की एक नई सीरीज आ रही है, और मैंने उसके लिए ऑडिशन दिया, जो मेरे लिए एक बड़ा बदलाव साबित हुआ। क्या आपके पेरेंट्स, सचिन और सुप्रिया पिलगांवकर, के नाम के चलते किरदार चुनने में दबाव महसूस होता है? क्या कभी आप असहज होती हैं, जैसे बोल्ड सीन में? मुझे सच में कभी किसी ने नहीं कहा कि ये मत करो या वो मत करो। मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मुझ पर विश्वास किया है। जब रोमांस या पैशनेट सीन की बात आती है, तो यह महत्वपूर्ण होता है कि हम समझें कि उसका इरादा क्या है। स्क्रिप्ट पढ़ने पर और उसके ट्रीटमेंट से पता चलता है कि उस सीन का मकसद क्या है। ऑडियंस को भी समझ में आता है कि ये किसलिए किया गया है। इसलिए, मैं भी उसी नजरिए से उन सीन को देखती हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे कभी जज नहीं किया, लेकिन उनके लिए उनकी लेगेसी, इज्जत और गुडविल बनाए रखना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये केवल ऑन-स्क्रीन सीन का सवाल नहीं है, बल्कि यह भी कि मैं सेट पर सभी के साथ कैसी हूं। मुझे लगता है कि एक इंसान को तब जज किया जा सकता है, जब हम देखें कि वे दूसरों के साथ कैसे बर्ताव करते हैं। इसलिए, यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि मैं सेट पर सभी के साथ सम्मान और आदर से पेश आऊं, क्योंकि यही गुडविल बनाने में मदद करता है। आप अपने रिलेशनशिप के बारे में क्या कहना चाहेंगी? मैं इस समय सिंगल हूं और इस बार सच में झूठ नहीं बोल रही। देखिए, मेरे लिए कनेक्शन बहुत मायने रखता है। यह इमोशनल, स्पिरिचुअल और फिजिकल होना चाहिए। सभी तीनों का सही तालमेल होना जरूरी है। मुझे ऐसा पार्टनर चाहिए जो खुद में कंफर्टेबल हो और अपनी सफलता को लेकर इनसेक्योर न हो। मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि मेरा पार्टनर एनर्जी देने वाला हो, न कि एनर्जी लेने वाला। और रिस्पेक्ट तो होना ही चाहिए। आपके पेरेंट्स दोनों एक्टर्स हैं। क्या एक ही फील्ड से शादी करने के कुछ फायदे और नुकसान हैं? मेरे पेरेंट्स ने शादी के समय बैलेंस रखा। वे एक-दूसरे के चैलेंजेज को समझते हैं। जब उनकी शादी हुई, तब दोनों युवा थे, लेकिन उन्होंने अपने करियर में जो चुनौतियां देखी हैं, वो एक-दूसरे के लिए मददगार साबित हुई हैं। क्रिएटिव इंसान मेरे लिए हमेशा आकर्षक रहे हैं। आर्ट्स में रुचि रखने वाले लोग ही मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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