सान्या मल्होत्रा स्टारर फिल्म मिसेज 7 फरवरी को जी 5 पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में एक घरैलू महिला की कहानी दिखाई गई है, जो रोजमर्रा के काम करते हुए अपने सपने छोड़ने पर मजबूर हो जाती है। फिल्म को जनता की काफी सराहना मिल रही है, हालांकि अब कंगना रनोट ने फिल्म का नाम लिए बिना ही फिल्म और इसके कॉन्सेप्ट पर निशाना साधा है। शास्त्रों का हवाला देते हुए कंगना ने कहा कि शादी बच्चों और बुजुर्गों के लिए की जाती है और यही होना चाहिए, इसे वेलिडेशन के लिए नहीं करना चाहिए। कंगना रनोट ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट के स्टोरी सेक्शन में लिखा, बड़ी होते हुए मैंने कोई भी ऐसी महिला नहीं देखी जो अपने घर में हुक्म न चलाती हो, सबको ऑर्डर न देती हो कि कब सोना है कब खाना है और कब बाहर जाना है, अपने पति से खर्च किए गए एक-एक रुपए का हिसाब नहीं लेती हो और लोग उसे मानते न हों। झगड़ा सिर्फ इस बात का होता है कि लड़के बाहर जाते हैं और आए दिन दोस्तों के साथ शराब पीते हैं। जब भी पापा हमारे साथ बाहर खाना चाहते थे तो मां चिल्लाती थीं, क्योंकि हमारे लिए खाना बनाना उनकी खुशी थी। आगे एक्ट्रेस ने लिखा है, इस तरह से वो कई चीजें कंट्रोल कर सकती थीं, जैसे हाइजीन, खाने का पोषण। बुजुर्ग लोग जो उनके बच्चों के लिए काम करते थे उनका इमोशनल सपोर्ट सिस्टम होते थे। घर की महिलाएं दादी, मम्मा, चाची हमारे लिए रानी थीं और हम उनकी तरह बनने की आशा करते थे। बेशक महिलाओं को कम वैल्यू मिलने का मामला हो सकता है, लेकिन चलिए जॉइंट फैमिली को सामान्य बनाना और बुजुर्गों को राक्षस दिखाना बंद करें। आइए घर की महिलाओं की तुलना वेतन पाने वाले लोगों से करना बंद करें। साथ ही घर बनाने और बच्चों को बड़ा करने के सुख की तुलना फोर्स लेबर से न करें। कंगना ने बिना नाम लिए फिल्म के कॉन्सेप्ट की आलोचना कर लिखा, प्लीज ये समझिए कि शादी वेलिडेशन या अटेंशन के लिए नहीं की जाती, बल्कि सबसे कमजोर लोगों के लिए बेस्ट करने के लिए होती है। ये बुजुर्गों और बच्चों के लिए जरूरी होती है। दोनों ही हेल्पलेस होते हैं, ऐसा शास्त्र कहते हैं। हमारे मां-बाप ने हमारे और बड़ों के लिए सब कुछ किया, लेकिन कभी सवाल नहीं किया। उन्होंने बस कर दिया। आगे उन्होंने लिखा, कई बॉलीवुड लव स्टोरीज ने शादी के विचार को खराब कर दिया। शादी वैसी ही होनी चाहिए जैसे हमेशा से हमारे देश में हो रही है। इसका हमेशा एक उद्देश्य होता है और उद्देश्य धर्म है, जिसका अर्थ अनिवार्य रूप से कर्तव्य होता है। बस अपना कर्तव्य निभाएं। अपना काम करें और आगे बढ़िए, जिंदगी बहुत छोटी और तेज है, अगर आप बहुत ज्यादा वेलिडेशन और फुटेज पाने की कोशिश करेंगे तो आप अपने थैरेपिस्ट के साथ अकेले रह जाएंगे। आखिर में एक्ट्रेस ने लिखा है कि हमारी सबसे बड़ी ताकत जॉइंट फैमिली है। तलाक को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। यंग जेनरेशन को अपने बुजुर्ग पेरेंट्स को छोड़ने के लिए बढ़ावा नहीं देना चाहिए।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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