सिंगर-एक्टर करण ओबेरॉय से जुड़े एक केस में मुंबई सेशंस कोर्ट ने पूजा बेदी समेत 8 लोगों की याचिका खारिज कर दी है। इन सभी पर शिकायतकर्ता की पहचान उजागर करने का आरोप है। कोर्ट ने कहा है कि शुरुआती तौर पर आरोप सही लगते हैं, इसलिए केस अब ट्रायल तक चलेगा। ये मामला IPC की धारा 228A के तहत दर्ज हुआ है। इस धारा के मुताबिक, किसी भी रेप पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करना कानूनन अपराध है। उस दिन जो हुआ, वो अचानक हुआ, किसी की प्लानिंग नहीं थी: करण ओबेरॉय के वकील दिनेश तिवारी करण के वकील दिनेश तिवारी ने दैनिक भास्कर से कहा, ‘मैं सिर्फ करण ओबेरॉय का केस देख रहा हूं, बाकी किसी आरोपी का नहीं। हाल ही में कोर्ट ने कहा कि बाकी आरोपियों के खिलाफ काफी सबूत हैं, इसलिए केस खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन करण के खिलाफ ऐसा कोई ठोस मटेरियल नहीं है। हम ये मामला अब हाई कोर्ट में ले जाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘उस दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मीडिया चैनल मौजूद थे। बातचीत के दौरान वहां बैठे एक शख्स – जो कि एक क्रिश्चियन जेंटलमैन थे (शेरीन वर्गीज) – उन्होंने गलती से शिकायतकर्ता का नाम ले लिया था। लेकिन उसी वक्त पूजा बेदी ने टोकते हुए कहा था कि ऐसा मत कहिए और मीडिया से रिक्वेस्ट की थी कि उस हिस्से को पब्लिश न करें। ये एक ईमानदार गलती थी, जानबूझकर किसी ने नहीं किया था। फिर भी अगर एक शख्स की गलती पर बाकी लोगों को दोषी माना जा रहा है तो ये गलत है। उस दिन जो हुआ, वो अचानक हुआ, किसी की प्लानिंग नहीं थी।’ शिकायतकर्ता का क्या कहना है? शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उन्होंने करण ओबेरॉय पर रेप का केस दर्ज कराया, उसके कुछ दिन बाद पूजा बेदी के घर प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। इसमें उनकी पहचान उजागर की गई। इसके बाद जून 2019 में उन्होंने अंधेरी कोर्ट में इसकी शिकायत दी। पुलिस जांच में क्या निकला? पुलिस ने बताया कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस 5 मई 2019 को हुई थी। इसमें मौजूद लोगों ने शिकायतकर्ता का नाम और निजी जानकारी पब्लिक कर दी थी। ये वीडियो कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर शेयर हुआ और आज भी मौजूद है। इसी के आधार पर 26 फरवरी 2021 को कोर्ट ने आरोपियों पर कार्रवाई का आदेश दिया। सेशंस कोर्ट ने क्या कहा? 2022 में आरोपियों ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने कोई पहचान उजागर नहीं की और न ही ऐसा कोई इरादा था। कुछ ने कहा कि उन्होंने नाम तक नहीं लिया। लेकिन शिकायतकर्ता ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया, मानसिक तनाव और बदनामी झेलनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उनकी पहचान बड़े पैमाने पर उजागर हुई। कोर्ट का फैसला कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ लोगों ने नाम लिया और वो ग्रुप में थे, तो सब जिम्मेदार हो सकते हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘इरादा नहीं था’ या ‘गलती से हुआ’ जैसी बातें अब ट्रायल के दौरान देखी जाएंगी। किन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है? पूजा बेदी, अन्वेषी जैन, चैतन्य भोसले, शेरीन वर्गीज, सुधांशु पांडे और वकील दिनेश तिवारी पर केस चला है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहचान उजागर की थी।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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