कैलाश खेर बोले-MBA टाइप के लोग कन्फ्यूज होते हैं:जो ज्यादा कन्फ्यूज, वे सीईओ बन जाते हैं; JLF के मंच पर दो एक्टर में विवाद

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन सिंगर कैलाश खेर का ‘तेरी दीवानी शब्दों के पार’ सेशन हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा- एमबीए टाइप के लोग कन्फ्यूज होते हैं, जो ज्यादा कन्फ्यूज होते हैं, वे सीईओ बन जाते हैं। क्योंकि उनके पास कन्फ्यूज लोगों की टीम होती है। यह मेरी अगली किताब का नाम होगा। कोई रिवील नहीं करता, लेकिन मैं कर रहा हूं। कैलाश खेर ने कहा- आज जो भी बड़े-बड़े देश हैं, वो अमीर दिख रहे हैं। डेवलप कंट्री कहलाते हैं, वो सभी भिखारी थे। वो सब भारत से लूटकर ले गए। भारत को लुटवाया भी भारतीयों ने। अब भारत कुछ वर्षों से संभल रहा है। ऐसा संभल रहा है कि विश्व भारत की ओर लौट रहा है। इससे पहले जेएलएफ के मंच पर कश्मीर की चर्चा पर दो एक्टर में विवाद हो गया। फिल्मों में कश्मीर की गलत इमेज दिखाए जाने से नाराज थिएटर एक्टर-डायरेक्टर एमके रैना अचानक मंच छोड़कर चले गए। जबकि इस दौरान एक्ट्रेस-सिंगर इला अरुण कश्मीर में किए गए अपने नाटक का अनुभव साझा कर रही थीं। पढ़िए क्या है पूरा विवाद… रैना ने फिल्मों में कश्मीर की गलत इमेज पर जताई आपत्ति
चार बाग में ‘मेमोरीज फ्रॉम द स्क्रीन एंड स्टेज’ सेशन में एमके रैना, इला अरुण और अंजुला बेदी असद लालजी के साथ चर्चा कर रहे थे। इस दौरान एनएसडी से 1970 में ग्रेजुएट एमके रैना ने कश्मीर पर बनने वाली फिल्मों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा- कश्मीर की सही तस्वीर को प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। कई फिल्मों में उसकी छवि को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। रैना ने कहा- मैं कश्मीर पर बनने वाली खराब फिल्मों को देख रहा हूं, जो उस पर तरह-तरह के आरोप लगाती हैं। ये गलत फिल्में हैं। कश्मीर को बिल्कुल भी सही ढंग से नहीं दिखाया जा रहा है, क्योंकि वे उस राज्य को जानते ही नहीं हैं। मैं इस पर कड़ी आपत्ति जताता हूं। हालांकि उन्होंने किसी विशेष फिल्म का नाम नहीं लिया। एमके रैना के जाने पर इला ने कहा- उनका गुस्सा करना सही नहीं
इसके बाद मंच पर इला अरुण कश्मीर में किए गए अपने नाटक का अनुभव साझा कर रही थीं। तभी एमके रैना अचानक उठकर बाहर चले गए। इला अरुण ने अपनी एक्टिंग प्रस्तुति के बाद जब पीछे देखा तो वह वहां मौजूद नहीं थे। इला अरुण ने जब उनके बारे में पूछा तो असद लालजी ने कहा- शायद वह समय अधिक लगने की वजह से चले गए। इस पर इला अरुण ने आपत्ति जताते हुए कहा- इस बात पर उन्हें गुस्सा नहीं आना चाहिए था। जानें कौन हैं एमके रैना और इला अरुण…
एमके रैना जम्मू-कश्मीर में जन्मे हैं। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से 1970 में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड के साथ ग्रेजुएट हुए। उन्होंने बतौर अभिनेता 100 से ज्यादा नाटक किए हैं। वहीं बहुत-से नाटकों का निर्देशन भी किया है। यही नहीं, रैना ने ‘एक रुका हुआ फैसला’, ‘लक्ष्य’, ‘तारे जमीं पर’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। राजस्थान की इला अरुण की पहचान हिंदी सिनेमा में राजस्थानी फोक-पॉप सिंगर के रूप में है। उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में मोरनी बागा मा बोले, चोली के पीछे, गुप चुप गुप चुप जैसे गाने गाए हैं। इला ने जोधा अकबर, वेलकम टु सज्जनपुर, बेगम जान जैसी कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है। इतना ही नहीं, इला ने कई नाटकों में अभिनय किया है और निर्देशन भी किया है। ब्रिटिश कॉमेडियन की कॉमेडी सुनने पहुंचे जावेद अख्तर
इससे पहले सुबह-सुबह गीतकार जावेद अख्तर कॉमेडी सुनने पहुंचे। ब्रिटिश कॉमेडियन, एक्टर, राइटर डेविड वॉलियम्स के सेशन ‘डेविड वॉलियम्स: टेल्स ऑफ कॉमेडी, राइटिंग एंड इमेजिनेशन’ में जावेद अख्तर गुदगुदाते नजर आए। इंडिया के स्टैंड-अप कॉमेडियन पापा सीजे से बातचीत के दौरान डेविड ने अपनी कॉमेडी और इमेजिनेशन पर खुलकर चर्चा की। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के इंटरेस्टिंग PHOTOS… जेएलएफ में प्रमुख सेशन… ये खबर भी पढ़ें… दैनिक भास्कर श्री द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान:गीतकार स्वानंद किरकिरे को 2 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के दरबार हॉल में आज दैनिक भास्कर की ओर से 8वां ‘श्री द्वारका प्रसाद अग्रवाल सम्मान’ गीतकार और प्लेबैक सिंगर स्वानंद किरकिरे को दिया गया। उन्हें सम्मान में 2 लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र दिया गया। (पढ़ें पूरी खबर)बॉलीवुड | दैनिक भास्कर