‘तुम बिन 2’ फ्लॉप के बाद आदित्य सील का स्ट्रगल:कहा- फिल्म से उम्मीदें थीं; किस्मत ने साथ नहीं दिया, घरवालों से बचता रहा

एक्टर आदित्य सील हाल ही में फिल्म अमर प्रेम की प्रेम कहानी में नजर आए। एक्टर की मानें तो फिल्म इंडस्ट्री में टिके रहना और कामयाबी हासिल करना आसान नहीं होता। हाल ही में, दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में आदित्य ने अपने करियर के मुश्किल पलों, असफलताओं और सक्सेस के सफर पर खुलकर बात की। ‘तुम बिन 2’ से उन्हें काफी उम्मीदें थीं आदित्य ने बताया कि उनकी फिल्म ‘तुम बिन 2’ से उन्हें काफी उम्मीदें थीं, लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर वो कमाल नहीं किया जिसकी उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘ जब ‘तुम बिन 2’ आई, तो उस समय मुझे लगा था कि अब मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट आ गया है। फिल्म में सबकुछ सही था – हमारे डायरेक्टर अनुपम सिन्हा थे, प्रोड्यूसर टी-सीरीज था, म्यूजिक भी बहुत बढ़िया था। पुराना गाना ‘तेरी फरियाद’ भी रीक्रिएट किया गया था। लेकिन बदकिस्मती से, फिल्म नोटबंदी के समय रिलीज हुई। इसका हमें बड़ा नुकसान हुआ। उस वक्त, मुझे लगा कि किस्मत ने साथ नहीं दिया, जबकि फिल्म में मेरा परफॉर्मेंस अच्छा था।’ फिल्म रिलीज के बाद का स्ट्रगल ‘तुम बिन 2’ के बाद रिजेक्शन से निपटना आदित्य के लिए कठिन रहा। उन्होंने कहा, ‘उस फिल्म से मेरे परिवार और मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। मैं सोच रहा था कि अब शायद ऑडिशन देने की जरुरत नहीं पड़ेगी, और काम आसानी से मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो मुझे समझ नहीं आया कि कैसे डील करूं। घर पर रहना और परिवार से बात करना मुश्किल हो गया था। मैं पूरा दिन बाहर रहता था, रात को देर से घर आता था ताकि मां-पापा से सामना न हो। मुझे डर था कि कहीं घरवालों में से कोई कह दे कि हमने गलत फैसला लिया, और ये बात मुझे तोड़ देती।’ उस वक्त किसी भी तरह का निगेटिविटी नहीं झेल सकता था उन्होंने आगे कहा, ‘मैं पूरा दिन घर से बाहर रहता, सड़कों पर घूमता या दोस्तों को कॉल करता। अगर कोई फ्री होता, तो मिल लेता। नहीं तो गाड़ी में बैठकर कहीं कुछ खाने चला जाता। मुझे पता था कि घर जाना मतलब रिजेक्शन सुनना। मैं उस वक्त किसी भी तरह का निगेटिविटी नहीं झेल सकता था। लेकिन मुझे ये भी पता था कि कुछ और मुझे करना नहीं आता, और एक्टिंग ही मेरी जिंदगी है। मेरी मां बहुत चिंता करती थीं, लेकिन पापा ने मुझे समझाया कि मैं अच्छा काम कर रहा हूं और मुझे बस लगे रहना चाहिए। पापा के इन शब्दों ने मुझे वो हिम्मत दी, जिसकी मुझे सख्त जरूरत थी। उन्होंने कहा कि तू बस अपना काम करता रह, बाकी चीजों की टेंशन मत ले। ये सुनने के बाद मैंने खुद को संभाला और फिर से कोशिश शुरू की।’ ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ बना टर्निंग पॉइंट आदित्य के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट ‘स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर 2’ साबित हुआ। इस फिल्म को हासिल करने का उनका सफर भी काफी दिलचस्प रहा। उन्होंने कहा, ‘जब SOTY 2 की कास्टिंग चल रही थी, तो मुझे लगा था कि किसी और को कास्ट कर लिया गया है। मुझे ऑडिशन पाने के लिए भी काफी मेहनत करनी पड़ी। लेकिन जब मुझे ऑडिशन का मौका मिला, तो मैंने पूरी मेहनत से दिया। फिर पुनीत मल्होत्रा (डायरेक्टर) से मिला, और उन्होंने मेरा ऑडिशन देखकर कहा कि मुझे पसंद आया, लेकिन आखिर फैसला करण जौहर का होगा।’ करण जौहर का फैसला आदित्य ने बताया कि कुछ दिन बाद न्यूज में पढ़ा कि किसी और एक्टर को कास्ट कर लिया गया है। उन्होंने पुनीत और करण सर को मैसेज किया और कहा कि अगर ऐसा है तो मुझे साफ-साफ बता दीजिए। लेकिन करण ने जवाब दिया, ‘तू फाइनल है मेरे लिए।’ उस वक्त पेपर पर साइन नहीं हुए थे, लेकिन करण सर के उस एक लाइन ने मुझे बहुत राहत दी।’ स्क्रीन पर खलनायक बनने का सपना आदित्य ने अपने ड्रीम रोल के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं संजय दत्त साहब की फिल्म ‘खलनायक’ के बल्लू बलराम वाले रोल से बहुत इंस्पायर हूं। मुझे हमेशा से वो किरदार करना है। बचपन से ही इस रोल को देखकर बड़ा हुआ हूं, और ये मेरा ड्रीम रोल है।’बॉलीवुड | दैनिक भास्कर

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